नवराष्ट्र मीडिया ब्यूरो 

पटना। गायघाट बालिका रिमांड होम में कोई गड़बड़ी के मामले को लेकर अब सुप्रीम कोर्ट में भी याचिका दाखिल की गई है। याचिका दाखिल कर्ता ने जांच की गति को बेहद शिथिल और एकपक्षीय बताते हुए सुप्रीम कोर्ट से हस्तक्षेप करने की मांग की है।
राजधानी स्थित गायघाट बालिका रिमांड होम में यौन शोषण की घटना ने राजनीतिक से लेकर सामाजिक क्षेत्र में सरगर्मियां तेज कर दी हैं । पीडि़त लड़की के बयान ने यह साबित कर दिया है कि जागरूक समाज में आज भी लड़कियां सुरक्षित नहीं हैं।
गायघाट बालिका रिमांड होम के पीडि़त के मामले को लेकर पटना हाईकोर्ट में सुनवाई चल रही हैं । कार्रवाई को लेकर पटना पुलिस एसआईटी गठित किया हैं । लेकिन पटना हाईकोर्ट के अधिवक्ता मणभूषण प्रताप सेंगर निष्पक्ष कार्रवाई को लेकर संतुष्ट नहीं हैं । इसको लेकर अधिवक्ता मणि भूषण ने गंभीर आरोप लगाते हुये ,निष्पक्ष जांच के लिए और आरोपियों के खिलाफ सीबीआई जांच के लिए सुप्रीम कोर्ट में जनहित याचिका दाखिल किया है ।
जनहित याचिका में उठाए गये गंभीर आरोपों पर सुप्रीम कोर्ट ने प्रथम दृष्टया संज्ञान लिया है और इसे अति संवेदनशील श्रेणी में रखा है । अब यह तो स्पष्ट हो गया है कि पीडि़त लड़की का जो बयान है और आरोपी अधीक्षक के मुंह खोलने की चेतावनी कि वह कई सफेदपोश के चेहरे जरूर बेनकाब कर देंगी। सारे मामले को लेकर आरोपी पक्ष में हड़कंप मच गया है । इस मामले को दबाने, रफा-दफा करने और छोटे मोहरे को ही फंसाने की दिशा में षड्यंत्र चल रहा है।
मालूम हो कि साल 2018 मैं मुजफ्फरपुर में भी वहां के बालिका रिमांड होम में ऐसी घटना होने पर सुप्रीम कोर्ट के संज्ञान बाद सीबीआई जांच हुई थी । कई सफेदपोश जेल गये । इस मामले में भी कई मंत्रियों और अग्रवाल नेताओं का नाम आया, जिस पर निर्णायक कार्रवाई होनी अभी बाकी है। देखना है सुप्रीम कोर्ट इस मामले में क्या निर्णय लेता है।

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