रूस को यूक्रेन से अविलंब वापस होने की उठाई मांग

नवराष्ट्र मीडिया ब्यूरो 

पटना। एसयूसीआई(सी) ने आज पटना में रूसी साम्राज्यवाद द्वारा यूक्रेन पर किए गए हमले के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया। वही जंग खोर रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन का पुतला दहन किया।
प्रदर्शनकारियों ने रूसी सरकार युद्ध अभिलंब रोको, रूस यूक्रेन से दूर हटो, साम्राज्यवाद- पूंजीवाद मुर्दाबाद, युद्ध नहीं, शांति चाहिए, युद्ध नहीं, शिक्षा और रोजगार चाहिए, अमेरिका नेतृत्व वाले नाटो को भंग करो, समाजवाद जिंदाबाद आदि नारे लगाए।
इस मौके पर एस यू सी आई (सी) के बिहार राज्य सचिव अरुण कुमार सिंह ने कहा की रूसी साम्राज्यवाद और अमेरिकी साम्राज्यवाद के वर्चस्व की लड़ाई में यूक्रेन पर रूस ने युद्ध हमला बोल दिया है। इस हमले के पीछे रूस ने एक विशेष सैन्य अभियान का बहाना करके सैन्य आक्रमण किया है। इस हमले की उन्होंने कड़ी निंदा की।
उन्होंने आगे कहा कि एक समय यूक्रेन और रूसी बहादुरों ने हिटलर के खिलाफ द्वितीय विश्व युद्ध में संघर्ष कर विजय भी हासिल की। इस युद्ध ने विश्व शांति को खतरे में डाल दिया है। जैसा कि अमेरिकी साम्राज्यवादियों ने के नेतृत्व में नाटो ने पूर्वी यूरोपीय देशों के अधिकांश हिस्से पर अपना नियंत्रण का दायरा बढ़ाया। नाटो के इन करतूतों का भी उन्होंने भर्त्सना की। रूस ने यूक्रेन को अपने प्रभुत्व में लाने के लिए यह आक्रमण किया है।
श्री सिंह ने आगे कहा कि एक समय कहा जाता था दुनिया दो ध्रुवीय है, इसीलिए विश्व युद्ध हो रहे हैं। लेकिन समाजवाद के पतन के बाद यह साबित हो गया कि दुनिया दो ध्रुवीय होने के कारण युद्ध नहीं होते थे बल्कि साम्राज्यवादी वर्चस्व और विस्तार के कारण ही युद्ध होते थे यदि युद्ध पर अंकुश लगाना है तो दुनिया के शांतिकामी लोगों को समाजवाद की स्थापना की ओर अग्रसर होना होगा।
उन्होंने आगे कहा कि देश दुनिया में बेरोजगारी, महंगाई, छंटनी, गरीबी के खिलाफ जन आंदोलन विस्फोट हो रहे हैं। साम्राज्यवादी ताकतें इन आंदोलनों को भटकाने के लिए, लोगों को इस ओर से ध्यान हटाने के लिए युद्ध का रास्ता लिया है। दूसरी ओर साम्राज्यवादी दुनिया अर्थव्यवस्था का सैन्यकरण करता है और हथियारों की खरीद बिक्री हेतु उनके लिए युद्ध अनिवार्य है।
उन्होंने रूसी सरकार से तुरंत युद्ध रोकने एवं दुनिया में शांति कायम करने की मांग की। साथ ही दुनिया के लोगों से खासकर शांति पसंद लोगों से गोलबंद होने, इस आक्रमण के खिलाफ आवाज उठाने का आह्वान किया।
नाटो से संबंधित हर देश के लोगों से ताकतवर शांति आंदोलन निर्माण कर नाटो को को भंग करने एवं अपनी अपनी सरकारों पर नाटो से संबंध विच्छेद करने हेतु जोर डालने का आह्वान किया। साथ ही उन्होंने अपने देश की शांतिकामी जनता से भी समाजवादियों से नाता रिश्ता तोड़ने की अपील की।

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