स्वर्गीय रविनंदन सहाय छल-कपट से कोसों दूर रहते थे:विधायक अरुण कुमार सिंहा
रविनंदन सहाय के सपनो को साकार कर रही अभाकाम:राजीव रंजन
कायस्थ समाज को जोड़कर रखने की अद्भुत क्षमता थी रविनंदन सहाय में : मनहर कृष्ण अतुल
रविनंदन सहाय की द्वितीय पुण्यतिथि को समर्पण दिवस के रूप में मनाया गया
नवराष्ट्र मीडिया ब्यूरो
पटना। अखिल भारतीय कायस्थ महासभा के तत्वावधान में आज महासभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष रहे स्वर्गीय रविनंदन सहाय की द्वितीय पुण्यतिथि को समर्पण दिवस के रूप में मनाया गया। इस मौके पर पूर्व केंद्रीय मंत्री व सांसद रविशंकर प्रसाद ने उनके व्यक्तित्व और कृतित्व पर प्रकाश डाला और कहा कि स्वर्गीय रविनंदन सहाय सच्चे अर्थों में समाजसेवी थे और उन्होंने समाज को दिया लेकिन समाज से कुछ लिया नहीं।कायस्थ समाज के लिए तो हर स्तर पर सदैव समाज के उत्थान के लिए काम करते थे ।
इस मौके पर कुम्हरार विधानसभा के विधायक अरुण कुमार सिन्हा ने कहा कि स्वर्गीय रवि नंदन सहाय छल-कपट से कोसों दूर रहते थे और समाज की सेवा निस्वार्थ भाव से करते थे। मेरा व्यक्तिगत संबंध उनसे था और उनके किए कार्यों को भुला नहीं जा सकता ।
महासभा के प्रदेश अध्यक्ष राजीव रंजन सिन्हा ने कहा कि स्व रविनंदन सहाय के निधन से महासभा को क्षति हुई है जिसकी भरपाई करना मुश्किल है। मगर महासभा उनके इच्छा अनुकूल ही काम कर रही है और उनके अधूरे कार्यों को महासभा पूरा करने की ओर अग्रसर है।
महासभा के राष्ट्रीय मंत्री मनहर कृष्ण अतुल ने कहा की पूरे देश के कायस्थों को एक साथ लेकर चलने की उनमें क्षमता थी और यही कारण है उन्होंने संगठन को ना सिर्फ प्रदेश स्तर पर बल्कि राष्ट्रीय स्तर पर मजबूत करने का काम किया।
किदवईपुरी स्थित ठाकुर प्रसाद कम्युनिटी हॉल में आयोजित श्रद्धांजलि सभा कार्यक्रम की अध्यक्षता महासभा के प्रदेश अध्यक्ष राजीव रंजन सिन्हा ने की जबकि संचालन प्रदेश उपाध्यक्ष मुकेश कुमार ने किया। कार्यक्रम के अंत में धन्यवाद ज्ञापन महासभा के प्रदेश महामंत्री राकेश कुमार सिन्हा ने किया। इस मौके पर महासभा के वरिष्ठ उपाध्यक्ष विजय कुमार, पटना जिला अध्यक्ष अजीत कुमार, श्रीमती माला सिन्हा, सुनील कुमार श्रीवास्तव , अमित वर्मा, अभिषेक आनंद, अक्षत प्रियेश, रवि कुमार , सुषमा सिन्हा, पूर्णेन्दु नारायण, अंजनी कुमार सिन्हा, आनंद कुमार अमन , अवधेश प्रसाद सिन्हा, संजय सहाय, सुमन कुमार वर्मा, संजय कुमार सिन्हा, अशोक कुमार सिन्हा, सुश्री खुशबू ,रंजीत कुमार , अभय कुमार , आलोक कुमार, आशीष सिन्हा , संतोष कुमार, यशवंत कुमार , मोहन प्रसाद सिन्हा, निरेंद्र श्रीवास्तव व देवराज आदि ने भी अपने-अपने विचार व्यक्त किए।