विजय शंकर
पटना: भाजपा प्रदेश अध्यक्ष डॉ संजय जायसवाल ने आज कहा कि सत्ता के उन्माद में ममता बनर्जी का मानसिक संतुलन अब इतना हिल गया है कि वह खुद को कानून और संविधान से भी ऊपर मानने लगी हैं. अपने घोटालेबाज नेताओं को गिरफ्तारी से बचाने के लिए ममता की शह पर टीएमसी के गुंडों ने सीबीआई दफ्तर के बाहर तोड़फोड़, पत्थरबाजी और आगजनी की है, उसकी जितनी भर्त्सना की जाए कम होगी.
उन्होंने कहा कि लॉकडाउन के नियमों की धज्जियां उड़ाते हुए ममता के नेतृत्व में सैंकड़ो-हजारो उन्मादियों द्वारा किया गया यह भौंडा प्रदर्शन पुलिस के सामने होना, इस बात का सबूत है कि बंगाल में कानून का इक़बाल पूरी तरह से समाप्त हो चुका है. पुलिस की यह कार्यशैली भाजपा कार्यकर्ताओं के खिलाफ हिंसा, लूटपाट और बलात्कार करने वालों के माथे पर सत्ता का हाथ होने के हमारे आरोपों को भी सही साबित करती है.
उन्होंने कहा कि ममता सरकार के मंत्रियों व नेताओं की गिरफ्तारी किसी नये मामले में नहीं हुई है, बल्कि यह केस पिछले कई वर्षों से चल रहा है. याद करें तो साल 2016 के विधानसभा चुनाव से पहले नारदा स्टिंग टेप सार्वजनिक हुआ था, जिसमें टीएमसी नेताओं को कथित तौर पर कंपनी के प्रतिनिधियों से रुपए लेते हुए देखा गया था. जिसके बाद कलकत्ता हाईकोर्ट के आदेश के बाद सीबीआई ने 16 अप्रैल 2017 को इस मामले को दर्ज किया था. इतने दिनों की हुई जांच और राज्यपाल से कारवाई की अनुमति मिलने के बाद ही इन नेताओं की गिरफ्तारी हुई है, जो तत्कालीन सरकार में मंत्री पद पर आसीन थे.
डॉ जायसवाल ने कहा कि इस मामले में ममता की उग्रता भी बेवजह नहीं है. याद करें तो देश मे पहले कोई नहीं जानता था कि ममता बनर्जी पेंटर भी हैं, लेकिन 2015 में उनकी कुछ पेंटिंग्स की कीमत लगभग 2 करोड़ बताई जाती है और महज 48 घंटे बाद ही उन पेंटिंग्स को 450 प्रतिशत अधिक कीमत यानी 9 करोड़ देकर खरीद लिया जाता है. उन्होंने कहा कि ममता समझ चुकी हैं कि इस जांच की आंच देर सबेर उन तक जरुर पहुंचेगी. इसीलिए वह सैंकड़ो-हजारों की भीड़ के साथ खुद को गिरफ्तार करने की मांग करते हुए 6 घंटे तक धरने पर बैठी रही. इस पूरी सियासी नौटंकी का उद्देश्य अराजकता के जरिये क़ानूनी कारवाई को दबाना भर है.