नवराष्ट्र मीडिया ब्यूरो
पटना।भाजपा पर हमला करते हुए जदयू के राष्ट्रीय महासचिव व राष्ट्रीय प्रवक्ता श्री राजीव रंजन ने उसे झूठ की दुकान बताया है. उन्होंने आज कहा है कि भाजपा एक ऐसी राजनीतिक पार्टी बन चुकी है जो जनता के बजाए अपने स्वार्थों के लिए काम करती है. इनकी पूरी बुनियाद सिर्फ प्रचार पर टिकी है. लेकिन 9 वर्षों में कोई वादा पूरा नहीं करने से इनकी असलियत जनता के सामने बेनकाब हो चुकी है.
उन्होंने कहा कि 2014 में भी यह लोग झूठे प्रचार के दम पर ही सत्ता में आये थे. तब से लेकर आज तक इनका पूरा दिन आंकड़ों की बाजीगरी के सहारे अपने झूठ को सच साबित करने में लगा रहता है.
भाजपा के वादे याद दिलाते हुए उन्होंने कहा कि इन्होने वादा किया था किया था 2022 तक हर किसान की आमदनी दुगनी हो जायेगी, लेकिन हकीकत में इनके राज में किसानों की हालत और बदतर हो चुकी है. हालात यह है खेती के समय भी केंद्र सरकार द्वारा खाद उपलब्ध नहीं कराये जाने के कारण, बिहार में किसानों को यूरिया और अन्य जरूरी खादों के लिए जूझना पड़ रहा है. इसी तरह इन्हों मध्य वर्ग के लोगों को भी आय बढ़ाने का सपना दिखाया था, लेकिन बढ़ी मंहगाई के कारण उनका जीवन भी आज संकटों से गुजर रहा है.
जदयू महासचिव ने कहा कि इन्होने युवाओं को भी नहीं छोड़ा है. आज भी इनसे दो करोड़ सालाना रोजगार की बातें पूछिये तो इनके नेता बगले झाँकने लगते हैं. सरकार ने युवाओं के कौशल विकास के लिए पूरे तामझाम से स्किल डेवलपमेंट मंत्रालय की घोषणा की थी. करोड़ों रूपये खर्च किये गये, लेकिन पिछले वर्ष की लेबर ब्यूरो रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत में कुशल कामगारों की संख्या महज 2 फीसदी है. जबकि इसी समय दक्षिण कोरिया में 96 फीसदी स्किल्ड कर्मचारी हैं और जापान में इनकी संख्या 80 फीसदी तक है. यह दिखाता है कि इनका यह वादा भी फेल हो गया. इसी तरह इन्होने पेट्रोल-डीजल के दामों को घटाने का वादा भी किया था, लेकिन 60-70 रु के आस पास रहने वाला तेल इनके राज में 100 रु प्रति लिटर से भी अधिक हो गया. यहां तक कि कच्चे तेल के दामों के न्यूनतम स्तर पर आने के बाद भी इन्होने दाम नहीं घटाए.
उन्होंने कहा कि आज देश भर में सबसे बड़ा मुद्दा मंहगाई है, जिससे गरीब, मजदूर, दलित, किसान और आम आदमी बुरी तरह पीड़ित हैं. यहाँ तक बढ़ी मंहगाई के कारण आज बिहार में उज्ज्वला योजना भी पटरी से उतर चुकी है. लोगों के पास गैस सिलिंडर रीफिल करवाने के लिए पैसे ही नहीं है. उधर केंद्र सरकार सिलिंडर पर 800 रु बढ़ाने के बाद 200 रु कम कर के अपने नेताओं से खुद की वाहवाही करा रहे हैं.
उन्होंने कहा कि इतने वर्ष बीतने के बाद भी सब की हालत जस की तस है. उन्होंने कहा कि लोग इनसे सवाल न पूछे इसीलिए यह आम जनता को बेफिजूल के मुद्दों में उलझा देती है. जहां सरकार को आम लोगों के लिए रोटी, कपड़ा, मकान जैसी बुनियादी सुविधाएँ जुटाने पर फोकस करना चाहिए वहां यह लोग हिंदू-मुस्लिम विवाद पैदा करने तथा पुरानी सरकार को कोसने में समय जाया करते रहते हैं. भाजपा यह जान ले कि जनता उनसे ऊब चुकी है. आगामी लोकसभा चुनाव में उनका सफाया तय है।