12 वें डा. चतुर्भुज स्मृति ऐतिहासिक नाट्य महोत्सव : दूसरे दिन बिहार आर्ट थियेटर के कलाकारों ने किया बुद्धम् शरणम् गच्छामि का मंचन

 

विजय शंकर 

पटना । डाक्टर चतुर्भुज स्मृति ऐतिहासिक नाट्य महोत्सव के दूसरे दिन बिहार आर्ट थियेटर के कलाकारों ने बुद्धम् शरणम् गच्छामि का मंचन किया । पटना के कालिदास रंगालय में आयोजित सतीश कुमार मिश्र लिखित इस नाटक का निर्देशन उपेंद्र कुमार ने किया । देवदत्त बुद्ध के आश्रम का उत्तराधिकारी बनना चाहता था लेकिन बुद्ध ने उसके प्रस्ताव को ठुकरा दिया । इससे देवदत्त अपने को अपमानित महसूस करने लगा और बदला लेने के लिए बिम्बिसार के पुत्र अजातशत्रु को अपने पिता के विरुद्ध षड्यंत्र का हिस्सेदार बनाया । अजातशत्रु जल्द राजा बनने की लालसा में अपने पिता को कैद कर उसकी हत्या करवा देता है । बाद में जब उसकी आंखें खुलती है तो वह बहुत पश्चाताप करता है । अजातशत्रु देवदत्त की हत्या का आदेश देता है पर महामात्य उसे समझाते हैं कि हिंसा के विरुद्ध हिंसा कोई समस्या का निदान नहीं ।

आज के इस मंचन में अजातशत्रु की भूमिका प्रहलाद कुमार ने भूमिका निभाई जबकि बिंबिसार के रूप में प्रवीण कुमार ने,  देवदत्त के रूप में सोनू कुमार, महामात्य के रूप में डॉ शंकर सुमन,  संदेशवाहक के रूप में ऋषिकेश कुमार, सुरक्षा प्रहरी के रूप में सचिन कुमार,  नाई की भूमिका में शैलेन्द्र कुमार,  दूत की भूमिका में सौरभ सागर,  महारानी की भूमिका में आकांक्षा प्रिया श्रीवास्तव, दासी की भूमिका में कृति ज्योत्सना शर्मा,  बुद्ध के अनुयाई रणविजय सिंह, सौरभ सागर, शुभम सिंह और शाहबाज खा ने भूमिका निभाई ।   

मंच परिकल्पना प्रदीप गांगुली ने की जबकि मंच सहयोग संजय और बीरबल ने किया । मंच सज्जा आदर्श वैभव रंजन ठाकुर और संगीत संयोजन सुधांशु सौरभ ने किया । प्रस्तुति में सहयोग राजेश कुमार और मृत्युंजय कुमार रोशन ने दिया । प्रकाश परिकल्पना सुमन सौरभ और प्रकाश संचालन राजकुमार शर्मा का रहा । प्रस्तुति प्रभारी गुप्तेश्वर कुमार व राज पटेल और प्रस्तुति नियंत्रण अभिषेक रंजन ने किया । मंच सामग्री एवं परिधान एस कृष्ण नायडू का रहा । 

By admin

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *