विश्वपति 

पटना। सीबीएसई ने कक्षा 12वीं की समाजशास्त्र बोर्ड परीक्षा के पेपर में ‘किस सरकार के रहते गुजरात मे दंगे हुए” पूछे गए एक सवाल से बवाल मच गया है।
उधर, हंगामे के बाद इस सवाल को अनुचित बताते हुए CBSE ने बयान जारी किया है. उसने इस सवाल को अनुचित बताते हुए ज़िम्मेदार लोगों और कार्रवाई करने की बात कही भी।

12वीं के सीबीएसई के टर्म-1 के एग्जाम चल रहे हैं. बुधवार को सीबीएसई की 12वीं कक्षा की परीक्षा आयोजित की गई थी, जिसमें एक ऐसा सवाल पूछ लिया गया, जिससे बवाल मच गया.
दरअसल, सीबीएसई की परीक्षा में गुजरात दंगों से जुड़ा एक सवाल छात्रों से पूछा गया. एमसीक्यू बेस्ड पेपर में सवाल किया गया, ‘2002 में गुजरात में अभूतपूर्व पैमाने और मुस्लिम विरोधी हिंसा किस सरकार में हुई?’.
इसके लिए स्टूडेंट्स को चार विकल्प दिए गए थे. ये विकल्प- कांग्रेस, बीजेपी, डेमोक्रेटिक और रिपब्लिकन थे.

सोशल मीडिया पर कई लोगों ने सीबीएसई की परीक्षा में पूछे गए सवाल के पेपर की तस्वीरें शेयर की हैं. इसको लेकर कुछ लोगों ने नाराजगी भी व्यक्त की. हंगामा बढ़ता देख सीबीएसई ने ट्वीट कर बयान जारी किया और जिम्मेदार शख्स के खिलाफ कार्रवाई करने का आश्वासन दिया.
बोर्ड ने ट्वीट किया, ‘कक्षा-12 वीं समाजशास्त्र टर्म-1 परीक्षा में एक प्रश्न पूछा गया है जो अनुचित है. यह प्रश्न पत्र सेट करने के लिए बाहरी विषय विशेषज्ञों के लिए सीबीएसई दिशा-निर्देशों का उल्लंघन है. सीबीएसई इस गलती को स्वीकार करता है और जिम्मेदार व्यक्तियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई होगी.’
उधर जानकार लोगों का मानना है कि एक निर्धारित सुनियोजित एजेंडे के तहत जानबूझकर यह सवाल पूछा गया ताकि बच्चों के सीधे साधे मस्तिष्क में भी भेदभाव, हिंदू मुसलमान, लड़ाई झगड़ा , हिंसा दंगा, मरने मारने जैसी बातें डाली जा सकें।
मामूली क्षमा मांगने के बाद भी बच्चों के दिमाग को प्रदूषित करने में सीबीएसई बोर्ड सफल हो गया है। इसके पीछे उसी भगवा आतंकवाद को दोषी बताया जा रहा है । भगवा आतंकवाद पर सरकार ने कोई कार्रवाई नहीं की है।सारा खेल तयशुदा गेम के तहत खेला जा रहा है।
पिछले 7 साल से आम लोगों को व्हाट्सएप यूनिवर्सिटी के माध्यम से बरगलाया जा रहा था । अब उसे विधिवत शिक्षा के द्वारा और परीक्षा बोर्ड के माध्यम से बरगलाया जा रहा है।

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