By Shri Ram Shaw
नई दिल्लीI अखिल भारतीय असंगठित कामगार एवं कर्मचारी कांग्रेस (केकेसी) के राष्ट्रीय अध्यक्ष व पूर्व सांसद डॉ उदित राज ने कहा कि ट्रेड यूनियनों द्वारा मोदी सरकार के विरोध में किया गया बंद का आह्वान सफल रहा। सार्वजनिक उपक्रमों और सरकारी विभागों के निजीकरण के जरिए बीजेपी सरकार ओबीसी और दलितों के अधिकारों को ज्यादा निशाना बना रही है। नतीजतन, सरकारी नौकरियां न्यूनतम हो गई हैं।
दस केंद्रीय ट्रेड यूनियनों के संयुक्त मंच – इंटक, एटक, एचएमएस, सीटू, एआईयूटीयूसी, टीयूसीसी, सेवा, एआईसीसीटीयू, एलपीएफ, यूटीयूसी द्वारा श्रमिकों के हितों की रक्षा, श्रम विरोधी कानूनों को खत्म करने, निजीकरण को रोकने के लिए हड़ताल का आह्वान किया गया है।
अखिल भारतीय असंगठित कामगार एवं कर्मचारी कांग्रेस के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष संजय गाबा ने इस्पात भवन, लोधी रोड एवं भारतीय इस्पात प्राधिकरण, स्कोप भवन में हड़ताल में भाग लिया। उन्होंने दावा किया कि बैंकों, बीमा कंपनियों के कामगारों और कर्मचारियों ने भारत में कहीं भी अपने कार्यस्थलों में प्रवेश नहीं किया। कोयला, स्टील, पोस्ट, तेल, तांबा, दूरसंचार क्षेत्र के कर्मचारियों ने 28 मार्च की सुबह से हड़ताल की। महाराष्ट्र सहित सभी राज्यों में बिजली कर्मचारी हड़ताल पर चले गए, जहां सरकार ने एस्मा लागू किया था। देश के विभिन्न हिस्सों में चक्का जाम, रोड रोको, रेल रोको कार्यक्रमों में सैकड़ों स्थानों पर आंगनबाडी, आशा, मिड-डे मील और घरेलू कामगार, निर्माण, बीड़ी और कृषि कार्यकर्ता, हॉकर-विक्रेता विरोध प्रदर्शन में भाग ले रहे हैं।
संयुक्त किसान मोर्चा के निर्णय के अनुरूप अपनी छह मांगों को लेकर मजदूरों की मांगों के समर्थन के लिए दबाव बनाते हुए किसानों ने संयुक्त किसान मोर्चा के निर्णय के अनुसार ग्रामीण क्षेत्रों में लामबंद किया है। उदित राज ने कहा कि तमिलनाडु, केरल, पुडुचेरी, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, ओडिशा, असम, हरियाणा, झारखंड राज्यों में बंद जैसी स्थिति है। हड़ताल गोवा, कर्नाटक, महाराष्ट्र, छत्तीसगढ़, पंजाब, बिहार, राजस्थान, पश्चिम बंगाल, मेघालय और अरुणाचल प्रदेश के औद्योगिक क्षेत्रों में पर्याप्त है। सिक्किम में भी सुरक्षाकर्मी हड़ताल पर चले गए हैं। दिल्ली, हिमाचल प्रदेश, गुजरात, जम्मू-कश्मीर के औद्योगिक क्षेत्रों में हड़ताल की सूचना है। तमिलनाडु में सैकड़ों सरकारी कर्मचारियों ने केंद्र सरकार के 300 स्थानों पर धरना दिया। आयकर विभाग के कर्मचारी भी हड़ताल में शामिल हो गए हैं। मछुआरे भी सुबह समुद्र में नहीं गए।