विजय शंकर 

पटना : बिहार चैम्बर ऑफ कॉमर्स एण्ड इण्डस्ट्रीज ने आज बिहार विद्युत विनियामक आयोग द्वारा वर्ष 2022-23 के लिए घोषित विद्युत टैरिफ में किसी प्रकार की कोई बढ़ोत्तरी नहीं किये जाने का स्वागत करते हुए सरकार से अनुरोध किया है कि अन्य उपभोक्ताओं के भांति उद्योगों को भी सबसिडी दिया जाना चाहिए जिससे कि अन्य राज्यों के उद्योगों से प्रतिस्पर्धा कर सकें ।

श्री पी0 के0 अग्रवाल ने बताया कि आयोग द्वारा आज बुलायी गयी बैठक में चैम्बर की ओर से संयोजक श्री सुभाष कुमार पटवारी भाग लिए और उन्होंने बताया कि विद्युत कंपनियों ने 2022-2023 के विद्युत टैरिफ में 9.9% की बढ़ोतरी करने की मांग बिहार विद्युत विनियामक आयोग से किया था, जिसे स्वीकार नहीं किया गया है । उन्होंने आगे बताया कि विभिन्न तिथियों में आयोजित वर्चुअल जनसुनवाई के दौरान बिहार चैम्बर ऑफ कॉमर्स एण्ड इण्डस्ट्रीज की ओर से एक विस्तृत सुझाव/आपत्तियां बिहार विद्युत विनियामक आयोग को समर्पित की गयी थी । यह भी बताया गया था कि वर्तमान में कॉमर्शियल एवं औद्योगिक उपभोक्ताओं के लिए जो बिजली की दरें हैं वह पड़ोसी राज्य से अधिक है जिसके कारण सभी कॉमर्शियल और औद्योगिक प्रतिष्ठानों को प्रतिस्पर्धा करने में कठिनाई हो रहा है अतः राज्य में विद्युत की दरें कम की जानी चाहिए ।

श्री अग्रवाल ने बताया कि ऐसा प्रतीत होता है कि सरकार द्वारा यह समझने के लिए एवं कुछ रियायत प्रदान करने के लिए एच टी उपभोक्ताओं को दो श्रेणी में बांटा गया है एक जेनरल एवं दूसरा उद्योग जिससे कि यह पता लग सके कि उद्योग में कितनी बिजली की खपत हो रही है ।

श्री अग्रवाल ने बताया कि वर्तमान में बिहार में उद्योगों का तेज गति से विकास हो इसके लिए सरकार की ओर से जोरदार प्रयास चल रहा है । इसी क्रम में ईथेनॉल उत्पादन प्रोत्साहन नीति, ऑक्सीजन नीति, काष्ठ आधारित उद्योग नीति की घोषणा की गई है ताकि औद्योगिकरण में तेजी आए जिससे कि अधिकाधिक लोगों को राज्य में रोजगार मिल सके । उन्होंने आगे बताया कि इसके लिए अत्यन्त आवश्यक हैं कि राज्य में विद्युत की दरें अन्य पड़ोसी राज्यों के समकक्ष या कम किया जाए अन्यथा उद्योगों को अन्य उपभोक्ताओं के भांति सबसिडी दिया जाए ।

By admin

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

You missed