प्रसिद्ध शिक्षक धनसिंह घरिया व पेड़ वाले गुरूजी ने कर दिया कमाल
उत्तराखण्ड ब्यूरो
चमोली । यदि मन में किसी काम करने की चाह हो तो उस लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए यदि मार्ग में कितनी भी बाधाऐं आये आपको विचलित नहीं कर सकती है। ऐसे ही पेड़वाले गुरूजी के नाम से प्रसिद्ध शिक्षक धनसिंह घरिया ने गोपेश्वर के निकट सेंटूणा में वन पंचायत की पांच हेक्टअर भूमि में तीन हजार से अधिक रूद्राक्ष के पौध रोप कर गोपीनाथ की भूमि में रूद्रवन तैयार किया है। जो अब फल देने को तैयार हो चुके है।
पिछले तीन साल से वन पंचायत की भूमि पर रूद्राक्ष के पौधों का रोपण किया जा रहा है। इसमें से अधिकांश पौध अब पेड़ की शक्ल ले चुके है। जिन पर अब फल भी आने लगे है। धनसिंह घरिया बताते है कि उनके इस कार्य में एचसीएल फाउडेशन और इंटेक दिल्ली का पूरा सहयोग रहा है। ग्रामीणों से पांच के लिए भूमि लीज पर ली गई है। रूद्रवन पूरी तरह से तैयार होने के बाद इसे ग्रामीणों को सौंप दिया जाएगा।
पेड़वाले गुरूजी धनसिंह घरिया बताते है कि पिछले दो दशक से वे शिक्षण कार्य करने के साथ ही पर्यावरण के क्षेत्र में भी कार्य कर रहे है। उन्होंने अब तक सवा लाख से अधिक पौधों का रोपण कर दिया है। जिसमें फलदार पौध से लेकर छायादार, चारापत्ति के पौधों के रोपण के साथ ही मिश्रित वन भी तैयार किया है। वे बताते है कि इस कार्य में उन्हें उनके विद्यालय के छात्र-छात्राओं के साथ ही स्थानीय महिला संगठन और युवा संगठन का भरपूर सहयोग मिला है।
गोपेश्वर में रूद्रवन बनाने के पीछे वे अपना मूल उद्देश्य बताते है कि यह शिव की भूमि है और शिव को रूद्राक्ष बहुत पसंद है। साथ ही पर्यावरण में स्वच्छ वायु के लिए रूद्राक्ष सबसे अच्छा बना जाता है साथ ही रूद्राक्ष से आर्थिकी को भी मजबूत किया जा सकता है। इसलिए आस्था के साथ ही आजीविका के सुधार के लिए भी रूद्राक्ष के वन महत्वपूर्ण है। आने वाले समय में वन पंचायत को इससे अच्छी आमदानी मिल सकती है। और लोग भगवान शिव के प्रति आस्था रखते है तो इस वन की देखरेख भी बखूबी से करेंगे। उन्होंने अन्य लोगों से भी अपील की है कि अपने आसपास के वातावरण को स्वच्छ रखने के लिए अधिक से अधिक पौधों को लागयें।