केंद्रीय इस्पात मंत्री राम चंद्र प्रसाद सिंह ने 5-7 किलोग्राम गैस सिलेंडर और इलेक्ट्रिक वाहनों हेतु बाजार-उन्मुख स्टील बनाने को अनुसंधान एवं विकास का किया आह्वान

नेशनल ब्यूरो 

चंड़ीगढ़ /नयी दिल्ली : भारत सरकार के इस्पात मंत्री राम चंद्र प्रसाद सिंह ने 19 दिसंबर को चंडीगढ़ में आयोजित एक ग्राहक बैठक में उत्तर पश्चिम भारत के प्रमुख इस्पात उपयोगकर्ताओं और सेल के वरिष्ठ विपणन अधिकारियों से मुलाकात की।

अधिकारियों को संबोधित करते हुए श्री सिंह ने कहा, “सेल को बाजार की जरूरतों के अनुरूप अपना उत्पादन बढ़ाना चाहिए। पीएलआई योजना भारत सरकार द्वारा शुरू की गई है और कंपनियों को इलेक्ट्रिक वाहनों आदि हेतु विशेष स्टील बनाने के लिए अनुसंधान एवं विकास करके इस अवसर का लाभ उठाना चाहिए। इस तरह की बैठकें अंतिम ग्राहक के साथ सीधे संपर्क और उनके मुद्दों और मांगों को समझने के लिए एक उत्कृष्ट मंच प्रदान करती हैं, जिसे व्यावसायिक योजनाओं में शामिल किया जाना चाहिए। जैसे ग्रामीण इलाकों में महिलाओं ने मुझे बताया है कि उन्हें 5-7 किलो गैस सिलेंडर की जरूरत है। सरकार अपनी ओर से यह सुनिश्चित करने के लिए नीतिगत उपाय कर रही है कि प्रणाली में अक्षमताओं को दूर किया जाए। उदाहरण के लिए, हमारे कोकिंग कोल के रु. 72000 करोड़ सालाना आयात में एक देश का एकाधिकार निर्भरता और अक्षमता पैदा करता है। हम रूस और मंगोलिया जैसे कोकिंग कोल के अधिक स्रोतों को अपना कर इसका समाधान कर रहे हैं।”

श्री सिंह ने इस बात पर जोर दिया कि केंद्र सरकार बुनियादी ढांचे, उद्योग, निर्यात आदि का समर्थन करने के लिए अर्थव्यवस्था के विभिन्न मोर्चों पर काम कर रही है। उन्होंने सरकार की विभिन्न पहलों और योजनाओं का उल्लेख किया, जिनका उद्देश्य देश में अधिक से अधिक आर्थिक गतिविधि और स्टील की खपत में वृद्धि करना है। चंडीगढ़, लुधियाना और मंडीगोविंदगढ़ से स्टील का उपयोग करने वाले ग्राहकों जैसे एलपीजी, बॉयलर, कोल्ड रिड्यूसर, पाइप निर्माता, री रोलर, रेलवे फैब्रिकेटर आदि ने कार्यक्रम में भाग लिया। श्रीमती रसिका चौबे, अतिरिक्त सचिव (इस्पात), भारत सरकार और श्रीमती सोमा मंडल, अध्यक्ष, सेल ने भी बैठक में भाग लिया ।

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