लखनऊ । राम अचल राजभर को पश्चिमी उत्तर प्रदेश का प्रभारी बनाया गया है। शमशुद्दीन राईनी को हटाकर इनको पद दिया गया, क्योंकि शमशुद्दीन पर पार्टी कार्यकर्ता ने तानाशाही का आरोप लगाया था । मनोज कुमार जाटव ने बाकायदा इस बाबत राईनी और जिला अध्यक्ष के खिलाफ गाजियाबाद में प्राथमिकी दर्ज कराई है । जो अखबार की सुर्खियां बनी। उसके बाद शमशुद्दीन को हटा दिया गया ।
पश्चिमी उत्तर प्रदेश का प्रभार देकर पार्टी ने उनका कद बहुत बढ़ा दिया था। बसपा का गढ़ माना जाता है। इस कारण आलाकमान जिसे यहां की कमान सौंपती है, उसका कद स्वतः बहुत बढ़ जाता है।
चूंकि शमशुद्दीन राईनी के पास प्रभार था, इस कारण वे बसपा ताकतवर नेताओं में शुमार थे। माना जा रहा था कि जो जिम्मेदारी 2012 में नसीमुद्दीन सिद्दकी के पास थी, वही ध्यान में रखते हुए, राईनी को प्रभारी बनाया गया है। शमशुद्दीन राईनी की बर्खास्तगी ने सबको सदमे में डाल दिया है। हालांकि जिसे पश्चिम की जिम्मेदारी सौंपी गई है, वे बसपा के पुराने सिपाही है। राष्ट्रीय महासचिव की जिम्मेदारी निभा रहे हैं। अकबरपुर से विधायक भी है। उन्हें अतिरिक्त कामकाज सौंपा गया है।
बसपा में चल रहे फेरबदल से भी जोड़कर देखा जा रहा है। हो सकता गाजियाबाद की घटना महज इत्तफाक हो। अगर ऐसा है तो बसपा में इन दिनों बहुत इत्तफाक हो रहे हैं। एक तो यही कि पार्टी के दिग्गज सवर्ण चेहरे निष्क्रिय है।
