नवराष्ट्र नेशनल ब्यूरो

नई दिल्ली। राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने पटना पीएफआई मामले में दो आरोपियों के खिलाफ आरोप-पत्र दाखिल किया है। मामले के दोनों आरोपी मोहम्मद याकूब खान उर्फ सुल्तान उर्फ उस्मान व शाहिद रजा बिहार के पूर्वी चंपारण जिले के निवासी हैं। इन दोनों के खिलाफ भारतीय दंड विधान व गैरकानूनी गतिविधि रोक अधिनियम के तहत आरोप-पत्र दाखिल किया गया है। हालांकि इससे पूर्व इस मामले में बिहार पुलिस ने 26 लोगों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज किया था। इसमें अभी तक एनआईए ने इससे पूर्व 17 और हाल में दो लोगों के खिलाफ आरोप-पत्र दाखिल किया है। एनआईए ने इस मामले की जांच का जिम्मा जुलाई 2022 में लिया था।

 

एनआईए को जांच के दौरान जानकारी मिली कि इस प्रतिबंधित संगठन ने विभिन्न सामाजिक समुदायों के बीच घृणा फैलाने के लिए साजिश रची और देश में सामाजिक सौहार्द को खत्म करने का काम किया। इसका मकसद देश में 2047 तक इस्लामिक शासन स्थापित करना था।

जांच के दौरान यह भी जानकारी मिली कि मोहम्मद याकूब खान पीएफआई के उस दल का सदस्य है जो पीएफआई के कैडरों को प्रशिक्षण देने का काम करता था। साथ उसने भी मार्शल आर्ट, लाठी चलाने, चाकू चलाने आदि कार्यों का प्रशिक्षण लिया। एक विशेष आर्म ट्रेनर, याकूब खान ने कई प्रशिक्षण सत्रों का आयोजन किया जिसके तहत देश में हिंसक गतिविधि को अंजाम देने का की बात बताई गई। पिछले जनवरी के दौरान जब राम शिला को पूर्वी चंपारण के मेहसी क्षेत्र से गुजारा जा रहा था तो याकूब ने सोशल मीडिया पर एक वीडियो शेयर करते हुए कहा था कि अयोध्या में राम मंदिर की जगह बाबरी मस्जिद बनाया जाना चाहिए। उसके इस पोस्ट के बाद लोगों ने सोशल मीडिया पर उसकी जमकर क्लास लगाई थी। इसका बदला लेने के लिए उसने हथियारों को इक्कठा किया।

इसके चलते याकूब को एनआईए ने गिरफ्तार कर लिया। गिरफ्तारी के वक्त उससे कई प्रतिबंधित हथियार, गोला-बारूद, तलवारें और चाकूओं को जब्त किया गया। याकूब ने इन हथियारों को शाहिद की मदद से छिपाकर रखा था, यह जानकारी उसने एनआईए को दी तब शाहिद को भी हिरासत में ले लिया गया।

जांच के दौरान एनआईए को यह भी जानकारी मिली कि इन कार्यों के लिए कर्नाटक और केरल के सिंडिकेट से फंड मुहैया करवाए गए।

 

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *