नवराष्ट्र मीडिया ब्यूरो 

पटना : जदयू के प्रदेश अध्यक्ष उमेश सिंह कुशवाहा ने कहा कि महिला सशक्तिकरण को बढ़ावा देने के लिए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के द्वारा युगांतकारी कार्य हुआ। मुख्यमंत्री के सकारात्मक सोच का प्रतिफल है कि संगठन में भी महिलाओं को एक तिहाई से ज्यादा की हिस्सेदारी दी गई और त्रिस्तरीय पंचायत में भी महिलाओं को 50 प्रतिशत की भागीदारी मिली और इस भागीदारी से समान वर्ग की महिलाओं ने भी अपनी जीत दर्ज की। जिसके चलते पंचायती राज व्यवस्था में महिलाओं की भागीदारी 58 प्रतिशत तक हो चुकी है। महिला उत्थान के लिए बिहार में जितना काम किया है। वह पहले कभी नहीं हुआ। अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस मनाने के पीछे यही उद्देश्य है कि महिलाओं को उनका वाजिब हक मिल सके और विश्व शांति को बढ़ावा दिया जाए। बिहार के मुख्यमंत्री ने महिलाओं के उन भावनाओं को आत्मसात किया। जिसके फलस्वरूप जब से मुख्यमंत्री ने जब से बिहार का सत्ता संभाला तब से महिला सशक्तिकरण को बढ़ावा देने का सिलसिला शुरू किया। इसका ताजा उदाहरण है कि निकाय चुनाव 2022 में भी जनता दल यूनाइटेड ने महिलाओं को उसका अधिकार दिलाने के लिए 11 उम्मीदवारों की जो सूची जारी की उसमें 3 महिलाओं उम्मीदवारों का नाम शामिल है, जो कुल उम्मीदवारों की संख्या से एक चैथाई ज्यादा है। यह दर्शाता है की महिला अधिकार और महिला उत्थान के क्षेत्र में सरकार कितना कार्य कर रही है और उनके उत्थान के लिए सरकार कितनी सकारात्मक सोच के तहत कार्य कर रही है। संगठन में महिलाओं की भागीदारी बेमिसाल और अनूठा है। जनता दल यूनाइटेड को छोड़ कर अभी तक कोई ऐसा दल नहीं जहां महिलाओं को उनका वाजिब हक देने में अग्रणी भूमिका निभाया हो।
प्रदेश में पहली बार त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में महिलाओं को 50 प्रतिशत की हिस्सेदारी देकर उन्हें उनका वाजिब हक दिया गया। सरकार के इस ऐतिहासिक फैसले से महिलाओं को मुखिया, सरपंच, पंच, पंचायत समिति सदस्य, जिला परिषद सदस्य, प्रखंड प्रमुख, एवं जिला परिषद के अध्यक्ष जैसे तमाम प्रमुख पदों पर मनोनीत होकर उन्हें कार्य करने का अवसर मिला। मुख्यमंत्री के इस फैसले की देश और दुनिया में सराहना मिली और भारत के कई अन्य राज्यों ने इस मामले में बिहार का अनुसरण किया। इतना ही नहीं जनता दल यूनाइटेड बिहार की ऐसी पार्टी है, जो देश में पहली बार संगठन में भी महिलाओं को 50 प्रतिशत की हिस्सेदारी दी है और यह सब मुख्यमंत्री के सकारात्मक सोच का नतीजा है।

इस मामले में भी मुख्यमंत्री ने अपने ऐतिहासिक फैसले से सबको चैंकाया। जिसके फलस्वरूप उनके इस फैसले से भी देश और प्रदेश में उनकी सराहना की गई।
बिहार की सरकार ने सरकारी नौकरियों में भी आरक्षण की व्यवस्था की  जिसके चलते आज घर की चारदीवारी से निकलकर चूल्हा चैका का काम छोड़कर बिहार की महिलाएं विभिन्न क्षेत्रों में बेहतर काम कर रही हैं और पुरुषों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर बिहार की तरक्की में अपना योगदान दे रही हैं। महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिए सरकार ने महिला उद्यमी योजना की शुरुआत की है। सरकार की इस पहल से बड़ी संख्या में महिलाओं को उद्योग धंधे लगाने में मदद मिल रही है और महिलाएं आत्मनिर्भर बनकर समाज में खुशहाली के साथ अपना जीवन व्यतीत कर रही है
भारत का पहला राज्य है जहां श्री नीतीश कुमार ने शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए भी कई ऐतिहासिक कदम उठाए।
बिहार में साइकिल और पोशाक योजना की शुरुआत की गई। जिसके फलस्वरूप जो लड़कियां स्कूल दूर होने की वजह से पढ़ाई नहीं कर पाती थी या स्कूल नहीं जा पाती थी। वह स्कूल जाने लगी ऐसे में आज बिहार के स्कूलों में छात्रों की अप्रत्याशित वृद्धि हुई है। यह बिहार की तरक्की के लिए शुभ संकेत है। महिला उत्थान की दिशा में राज्य सरकार के प्रयासों से जीविका दीदियों का जीवन आज खुशहाली से गुजर रहा है। सरकार की पहल से ग्रामीण महिलाओं को बड़े पैमाने पर रोजी रोजगार उपलब्ध हुई है और महिलाएं में जीविका दीदी के रूप में काम कर रही हैं और बिहार के तरक्की में अपना योगदान दे रहे हैं।
नारी शक्ति को बढ़ावा देने के लिए सरकार की ओर से जो बच्चियां मैट्रिक, इंटर व स्नातक में उत्तीर्ण हो रही है। उन्हें भी सरकार की ओर से प्रोत्साहन राशि प्रदान की जा रही है। सरकार की इस पहल से भी शिक्षा ग्रहण करने के क्षेत्र में प्रदेश की युवतियो की शिक्षा ग्रहण करने में दिलचस्पी बढ़ती जा रही है। हर जगह महिलाओं को उनका वाजिब हक मिले महिलाओं को अधिकार मिले इसके लिए सरकार की ओर से हर स्तर पर प्रयास की जा रही है, ताकि बिहार की महिलाएं भी समाज में अपने अधिकार प्राप्त कर सके और अपना जीवन खुशहाली से बिताएं। महिला सुरक्षा क्षेत्र में भी काफी काम हुआ है, जो पहले कभी नहीं हुआ था। आज महिलाएं बिहार में पूरी तरह सुरक्षित है। महिलाएं चाहे किसी भी क्षेत्र में काम करें, उन्हें पूरी आजादी है की चारदीवारी से बाहर निकाल कर विभिन्न क्षेत्रों में काम करने वाली कामकाजी महिलाओं को पूरी सुरक्षा की गारंटी है। इसके लिए सरकार की ओर से प्रशासन को विशेष दिशा निर्देश है तो इस तरह बिहार में न सिर्फ महिलाओं को उनका वाजिब हक और नौकरी में आरक्षण दी गई है, बल्कि उनकी सुरक्षा पर भी सरकार का पूरा ध्यान है और निश्चित तौर पर सरकार द्वारा की जा रही यह पहल अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस अभियान को सही तरीके से चरितार्थ कर रही है।

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