नवराष्ट्र मिडिया ब्यूरो
पटना : मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने आज बेगूसराय जिले के गंगा तट स्थित सिमरिया घाट का भ्रमण किया। भ्रमण के दौरान अधिकारियों ने मुख्यमंत्री को साइट मैप के माध्यम से सिमरिया घाट स्थित श्मशान, 6 लेन राजमार्ग (निर्माणाधीन), हरित क्षेत्र, राजेन्द्र सेतु निर्माणाधीन नई रेल लाइन, कल्प- आवास के लिए क्षेत्र सहित सिमरिया धाम के सौंदर्यीकरण, श्रद्धालुओं के लिए मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध कराने हेतु प्रस्तावित पार्क, धर्मशाला, वाच टावर, चेंजिंग रूम, हाई मास्ट लाइट, सार्वजनिक शौचालय, पार्किंग आदि के संबंध में विस्तृत जानकारी दी।
भ्रमण के क्रम में मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश देते हुये कहा कि सिमरिया घाट पर नियमित रूप से गंगा आरती हो, इसकी व्यवस्था सुनिश्चित करें। यहां आनेवाले श्रद्धालु सहूलियतपूर्वक गंगा घाट पर पहुंचकर सुरक्षित ढंग से स्नान कर सकें, इसकी व्यवस्था करें। घाट पर बेहतर सीढ़ी, पर्याप्त प्रकाश आदि की व्यवस्था होनी चाहिए ताकि यहां आनेवाले लोगों को किसी प्रकार की समस्या न हो ।
मुख्यमंत्री ने सिमरिया धाम में लगे राजकीय कल्पवास मेला- 2022 का भी भ्रमण किया। इस दौरान मुख्यमंत्री ने अखिल भारतीय चतुर्भुजी खालसा में महामंडलेश्वर श्री श्री 108 श्री राम उदित दास उर्फ मौनी बाबा सहित अन्य साधु-संतों से भी मुलाकात की। अखिल भारतीय चतुर्भुजी खालसा से जुड़े साधु संतों ने मुख्यमंत्री को पाग, अंगवस्त्र एवं मखाना का माला पहनाकर उनका अभिनंदन किया।
इस अवसर पर वित्त मंत्री श्री विजय कुमार चौधरी, जल संसाधन मंत्री श्री संजय कुमार झा, विधायक श्री राजकुमार सिंह, पूर्व मंत्री श्रीमती मंजू वर्मा, जदयू जिलाध्यक्ष श्री रूदल राय, सचिव जल संसाधन श्री संजय कुमार अग्रवाल, मुख्यमंत्री के विशेष कार्य पदाधिकारी श्री गोपाल सिंह, बेगूसराय प्रक्षेत्र के डी०आई०जी० श्री सत्यवीर सिंह, बेगूसराय जिला के जिलाधिकारी श्री रौशन कुशवाहा, बेगूसराय जिला के पुलिस अधीक्षक श्री योगेंद्र कुमार सहित अन्य गणमान्य व्यक्ति, साधु संत एवं श्रद्धालुगण उपस्थित थे।
इस अवसर पर पत्रकारों से बात करते हुये मुख्यमंत्री ने कहा कि हम यहाँ सारी चीजों को देखने के लिये आये हैं। जो सुझाव देना था वह अधिकारियों को हमने दिया है। लोगों को पूजा-पाठ करने में सुविधा हो ऐसी व्यवस्था की जा रही है। यहां पर अंतिम संस्कार के लिये भी बहुत लोग आते हैं। सब तरह की सुविधा की व्यवस्था की जा रही है ताकि लोगों को कोई दिक्कत नहीं हो। इसका पूरा डिजाईन बना हुआ है। हमने कहा कि नीचे जाकर लोग स्नान करते हैं और पूजा-पाठ करते हैं तो किसी तरह की असुविधा नहीं होनी चाहिये। नीचे तक जाने के लिये बेहतर ढंग से सीढ़ी बनाया जाय। लोग कहां पर रहेंगे, कहां रुकेंगे, उसी को ध्यान में रखकर धर्मशाला बना रहे हैं। बाहर से लोग आते हैं तो उनलोगों की गाड़ियों के रखरखाव की व्यवस्था, रास्ते की व्यवस्था करायी जायेगी ताकि किसी को भी कोई असुविधा नहीं हो। जब यहाँ सब कुछ बनकर तैयार हो जायेगा तो और ज्यादा लोग यहाँ आयेंगे। बाढ़ के समय पानी ज्यादा रहने पर भी अगर कोई स्नान करना चाहे तो कर सकता है, ऐसी
व्यवस्था की जा रही है। मुक्तिधाम के संबंध में भी हमने निर्देश दिया है। वर्ष 2008 में सिमरिया कल्पवास मेला को राजकीय मेला का दर्जा दिया गया था। वैसे तो हमेशा लोग यहाँ आते हैं लेकिन एक महीना जो मेला लगता है उसमें लोगों को दिक्कत नहीं हो, इसे देखते हुये सभी चीजों का बेहतर ढंग से निर्माण और प्रबंध किया जा रहा है।