विजय शंकर
पटना: मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने आज पटना, नालंदा, गया एवं जहानाबाद जिले के बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का हवाई सर्वेक्षण किया। सर्वेक्षण के दौरान मुख्यमंत्री ने दक्षिण बिहार के नदियों के जलस्तर की स्थिति, ओवरटॉपिंग, नदियों के कटाव की स्थिति, क्षतिग्रस्त स्थलों पर बाढ़ संघर्षात्मक कार्य तथा बाढ़ के कारण हुये फसलों के नुकसान तथा जलजमाव की स्थिति का जायजा लिया। उन्होंने पटना जिले के दनियांवा, फतुहा, धनरुआ प्रखंड, नालंदा जिले के हिलसा, करायपरसुराय, एकंगरसराय, रहुई प्रखंड, जहानाबाद जिले के हुलासगंज, मोदनगंज प्रखंड तथा गया जिले के बोधगया, टेकारी प्रखंडों का हवाई सर्वेक्षण किया।
सर्वेक्षण के दौरान जल संसाधन मंत्री संजय कुमार झा, जल संसाधन विभाग के सचिव संजीव हंस, आपदा प्रबंधन विभाग के विशेष कार्य पदाधिकारी सह पटना के प्रमंडलीय आयुक्त संजय कुमार अग्रवाल तथा मुख्यमंत्री के सचिव अनुपम कुमार उपस्थित थे।
हवाई सर्वेक्षण के पश्चात् हवाई अड्डे पर पत्रकारों से बात करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि आज हमने पटना, नालंदा, गया एवं जहानाबाद जिले के बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का हवाई सर्वेक्षण किया है। इन जिलों के कई इलाके बाढ़ से बहुत ज्यादा प्रभावित हैं। अगर गंगा नदी का जलस्तर और ज्यादा बढ़ता है तो इन इलाकों में बाढ़ का खतरा और ज्यादा बढ़ जायेगा। हमने निर्देश दिया है कि कल पटना और नालंदा जिले के डी0एम0 और उनके साथ दूसरे अधिकारी जाकर पूरे इलाके का सर्वेक्षण करेंगे। टाल क्षेत्रों का भी जायजा लेंगे। उसके अगले दिन गया और जहानाबाद के डी0एम0 और अधिकारी उन इलाकों का सर्वेक्षण करेंगे। मुख्यमंत्री ने कहा कि अगले सप्ताह हम फिर से एक बार इन क्षेत्रों का हवाई सर्वेक्षण करेंगे। बाढ़ को नियंत्रित करने के लिए विभाग ने कार्य शुरु कर दिया है लेकिन फिर से वर्षापात होने से गंगा नदी का जलस्तर और ज्यादा बढ़ेगा, जिससे इन क्षेत्रों में और पानी फैल सकता है। उन्होंने कहा कि बिहार की नदियों के जलस्तर की स्थिति को लेकर विभाग द्वारा प्रतिदिन मुझे जानकारी दी जाती है लेकिन आज हमने खुद हवाई सर्वेक्षण करके स्थिति का जायजा लिया है ताकि लोगों को राहत पहुंचाने का कार्य ठीक ढंग से हो सके ।
नदियों को जोड़ने के सवाल के जवाब में मुख्यमंत्री ने कहा कि छोटी-छोटी नदियों को जोड़ने से काफी लाभ होगा, पानी का संग्रहण हो सकेगा और जहां पानी का संकट होगा , वहाँ इसमें सहायता मिलेगी। उन्होंने कहा कि अभी की परिस्थिति में लोगों को हर प्रकार से राहत पहुंचाने का कार्य किया जा रहा है। आपदा प्रबंधन विभाग एवं जल संसाधन विभाग के अधिकारी भी सर्वेक्षण के दौरान साथ थे। जो भी क्षेत्र प्रभावित हुए हैं वहां के लोगों को राहत दिलाना और सहायता पहुंचाना हमारी जिम्मेदारी है। फसलों को भी नुकसान हुआ है, पानी अधिक रहने से रोपनी के कार्य में भी दिक्कत आ रही है। जिस तरह से वर्षा हो रही है, सबको सचेत रहना है। हमलोग मॉनसून के शुरुआत में ही बाढ़ को लेकर सभी प्रकार की तैयारियों की समीक्षा करते हैं और जहां भी बाढ़ की स्थिति बनती है वहां तुरंत राहत पहुंचाने के लिए कार्य किया जाता है। हम शुरु से कहते रहे हैं कि राज्य के खजाने पर पहला अधिकार आपदा पीड़ितों का है इसलिए सभी प्रभावित लोगों को राहत दिलाना हमारी प्राथमिकता है। वर्ष 2007 से ही इस पर काम किया जा रहा है।
जातीय जनगणना को लेकर पूछे गये सवाल का जवाब देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि हमने पत्र भेज दिया है। हमारी पार्टी के सांसदों ने श्री अमित शाह जी से मिलकर भी अपनी बातें रखी है। फोन टैपिंग से जुड़े सवाल पर मुख्यमंत्री ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट इस मामले को देख रही है, वह भी इस पर अपना फैसला सुनाएगी। जो भी शिकायतें और बातें सामने आ रही हैं, उसका भी समाधान होगा।

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