मुख्यमंत्री ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से भवन निर्माण विभाग द्वारा क्रियान्वित विज्ञान एवं प्रावैधिकी विभाग के 17 भवनों का उद्घाटन एवं 5 भवनों का किया शिलान्यास

पटना, 25 मई, 2022 :- मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार ने 1 अण्णे मार्ग स्थित संकल्प से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से भवन निर्माण विभाग द्वारा क्रियान्वित विज्ञान एवं प्रावैधिकी विभाग के 893.60 करोड़ रुपये की लागत के 17 भवनों का उद्घाटन एवं 193.67 करोड़ रुपये की लागत के 5 भवनों का शिलान्यास किया।

इस अवसर पर आयोजित कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि कार्यक्रम में उपस्थित सभी लोगों का मैं अभिनंदन करता हूं। आज कई योजनाओं का उद्घाटन एवं शिलान्यास किया गया है। विभाग के मंत्री एवं अधिकारी ने योजनाओं के संबंध में विस्तृत जानकारी दी है। आज 17 भवनों का उद्घाटन किया गया है जिसमें 8 जिलों के अभियंत्रण महाविद्यालय हैं। खगड़िया और बेतिया में पॉलिटेक्निक भवन का निर्माण हुआ है। सासाराम, छपरा, पूर्णिया, भागलपुर, बख्तियारपुर एवं चंडी के पॉलिटेक्निक संस्थानों में छात्र छात्राओं के लिए छात्रावास निर्माण भी शामिल हैं। उन्होंने कहा कि कई भवनों का शिलान्यास किया गया है जिसमें भागलपुर, मुजफ्फरपुर, गुलजारबाग (पटना) और छपरा के पॉलिटेक्निक संस्थानों तथा मोतिहारी अभियंत्रण महाविद्यालय के छात्र-छात्राओं के लिए छात्रावास का निर्माण कराया जाना है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि आप सभी को मालूम है कि हमने निर्णय लिया है कि हर जिले में इंजीनियरिंग कॉलेज और पॉलिटेक्निक कॉलेज का निर्माण करेंगे। इसी साल के अंत तक सभी इंजीनियरिंग कॉलेज और पॉलिटेक्निक कॉलेज के भवनों का निर्माण पूरा कर लिया जायेगा। पहले बिहार में 17 से 23 वर्ष के 13.9 प्रतिशत बच्चे-बच्चियां उच्च शिक्षा प्राप्त करते थे जबकि देश में यह आंकड़ा 25 प्रतिशत था। हमने लक्ष्य निर्धारित किया था कि 30 प्रतिशत बच्चे-बच्चियों को उच्च शिक्षा प्राप्त करने के लिये प्रोत्साहित करेंगे। 2021 की रिपोर्ट के अनुसार बिहार में यह दर 19.3 प्रतिशत तक पहुंच गया है। इसी को ध्यान में रखते हुये नये इंस्टीट्यूशन के निर्माण का निर्णय लिया गया था। जब हम सांसद थे और केंद्र सरकार में मंत्री थे, तो देश के कई हिस्सों में जाने का अवसर मिलता था, उस दौरान हम देखते थे कि बिहार के विद्यार्थी वहां पढ़ रहे हैं। जब हमें 2005 में काम करने का मौका मिला तो हमने तय किया कि सभी जिलों में इंजीनियरिंग कॉलेज, पॉलिटेक्निक कॉलेज बनायेंगे। राज्य सरकार ने जमीन उपलब्ध कराकर अपने खर्चे पर बी०आई०टी० मेसरा के भवन का निर्माण कराया। जब हम श्रद्धेय अटल जी की सरकार में केंद्र में मंत्री थे, उस दौरान बिहार कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग, पटना को हमने एन०आई०टी० बनाने के लिए आग्रह किया था और उसके बाद बिहार कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग को एन०आई०टी० का दर्जा मिला। मेरे आग्रह पर ही पटना में आई०आई०टी० का निर्माण कराया गया। उसके लिये राज्य सरकार ने 500 एकड़ जमीन उपलब्ध करायी। इससे छात्रों को काफी लाभ हो रहा है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि 2005 में बिहार में तीन प्राइवेट इंजीनियरिंग कॉलेज भी थे, जो लगभग बंद हो गये थे। हमने प्राइवेट इंजीनियरिंग कॉलेज दरभंगा, गया और मोतिहारी को
जाकर देखा और कहा कि हम इसे चलायेंगे। उसी समय हमने इन सभी कॉलेजों को शुरू कराया।

मुख्यमंत्री ने कहा कि सभी जिलों में इंजीनियरिंग कॉलेज और पॉलिटेक्निक कॉलेज की बिल्डिंग बनाई जा रही है। कुछ जगह बाकी है, जिसे इस साल के अंत तक पूर्ण कर लिया जाएगा। इसका आश्वासन अधिकारियों ने दिया है, यह खुशी की बात है। किसी को मजबूरी में बाहर पढ़ने के लिये नहीं जाना होगा। मेडिकल और इंजीनियरिंग की पढ़ाई में लड़कियों को कम से कम 35 प्रतिशत का आरक्षण दिया जा रहा है। मेडिकल यूनिवर्सिटी और इंजीनियरिंग यूनिवर्सिटी की स्थापना की जा रही है। उन्होंने कहा कि हमलोगों ने कई उत्कृष्ट भवनों का निर्माण कराया है। पटना में सम्राट अशोक कन्वेंशन केन्द्र बनाया गया, बिहार संग्रहालय एवं सरदार पटेल भवन का निर्माण बहुत अच्छे ढंग से कराया गया। पटना में बापू टावर बन रहा है, इसमें राष्ट्रपिता महात्मा गांधीजी के बारे में सारी जानकारी मिलेगी। बोधगया में महाबोधि सांस्कृतिक केन्द्र का भी निर्माण कराया गया है। पटना में साइंस सिटी बनाने का निर्णय लिया और उसका नामकरण डॉ० ए०पी०जे० अब्दुल कलाम के नाम पर किया गया है। पटना के अलावा दरभंगा में भी तारामंडल का निर्माण कराया जा रहा है। वैशाली में बुद्ध सम्यक दर्शन संग्रहालय तथा राजगीर में अंतर्राष्ट्रीय खेल एकेडमी का निर्माण कराया जा रहा है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि एक बात मैं कहना चाहूंगा, हमने तय कर दिया है कि हम किसी चीज को बनायेंगे तो उसका ठीक से मेंटेनेंस करेंगे। जितने भी इंस्टीच्यूशन हैं, सबका मेंटेनेंस ठीक ढंग से होना चाहिये हम आप से यही आग्रह करेंगे। जो भी संस्थान बनाए जा रहे हैं, उसके लिए शिक्षक, कर्मचारी एवं अन्य स्टाफ की जो आवश्यकता हो, उसकी बहाली कराएं। जो भी संसाधन की जरूरत हो, उसकी व्यवस्था करें। सभी संस्थानों का रेगुलर मेंटेनेंस हो। हर जगह साफ-सफाई की व्यवस्था रखें। हमने कई जगह जाकर नवनिर्मित भवनों का निरीक्षण किया है। सब बहुत अच्छे ढंग से बनाया गया है। उन्होंने कहा कि सड़क, पुल-पुलियों एवं भवनों का बेहतर ढंग से निर्माण किया गया है, उनसब का मेंटेनेंस विभाग ठीक ढंग से कराए, इसके लिये इंजीनियरों और स्टाफ की जरूरत हो तो उसकी भी बहाली कराएं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि सभी छात्र-छात्राएं खूब मन लगाकर पढ़ाई करें। पढ़ानेवाले भी प्रेमपूर्वक पढ़ाएं। सभी पढ़ेंगे तो आगे बढ़ेंगे और इससे बिहार का विकास होगा। कार्यक्रम को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से उपमुख्यमंत्री श्री तारकिशोर प्रसाद ने भी

संबोधित किया।

कार्यक्रम को भवन निर्माण मंत्री श्री अशोक चौधरी, विज्ञान एवं प्रावैधिकी मंत्री श्री

सुमित कुमार सिंह, मुख्य सचिव श्री आमिर सुबहानी, विज्ञान एवं प्रावैधिकी विभाग के सचिव श्री लोकेश कुमार सिंह एवं भवन निर्माण विभाग के सचिव श्री कुमार रवि ने संबोधित किया। कार्यक्रम के दौरान भवन निर्माण विभाग तथा विज्ञान एवं प्रावैधिकी विभाग की योजनाओं पर आधारित अलग-अलग लघु फिल्म दिखाई गई।

कार्यक्रम में सांसद श्री राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव श्री दीपक कुमार, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव डॉ० एस० सिद्धार्थ, मुख्यमंत्री के सचिव श्री अनुपम कुमार एवं मुख्यमंत्री के विशेष कार्यपदाधिकारी श्री गोपाल सिंह उपस्थित थे जबकि वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से बिहार विधानसभा अध्यक्ष श्री विजय कुमार सिन्हा सहित अन्य सांसदगण, विधायकगण, विधानपार्षदगण, अन्य जनप्रतिनिधगण, जिलाधिकारी अभियंत्रण महाविद्यालय एवं राजकीय पॉलिटेक्निक संस्थान के प्राचार्यगण, शिक्षकगण, छात्र-छात्राएं एवं अन्य गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।

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