मुख्यमंत्री ने पश्चिम चम्पारण, पूर्वी चम्पारण, मुजफ्फरपुर, सीतामढ़ी एवं शिवहर जिले के बाढ़ प्रभावित इलाकों का किया हवाई सर्वेक्षण
विजय शंकर
पटना : मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने आज पश्चिम चम्पारण, पूर्वी चम्पारण, मुजफ्फरपुर, सीतामढ़ी एवं शिवहर जिले के बाढ़ प्रभावित इलाको का हवाई सर्वेक्षण किया ।
मुख्यमंत्री ने बाढ़ग्रस्त पशिचम चम्पारण जिले के रामनगर, नरकटियागंज, गौनाहा, चनपटिया, मझौलिया तथा पूर्वी चम्पारण जिले के सुगौली, रामगढ़वा, छौड़ादानों , बंजरिया, चिरैया, ढाका,
पताही, मधुबन तथा मुजफ्फरपुर जिले के गायघाट, कटरा, औराई तथा सीतामढ़ी जिले के रून्नीसैदपुर, बेलसंड, बैरगनिया तथा शिवहर जिले के तीन प्रखण्ड का हवाई सर्वेक्षण किया।
हवाई सर्वेक्षण के दौरान जल संसाधन मंत्री संजय कुमार झा, जल संसाधन विभाग के सचिव संजीव हंस एवं मुख्यमंत्री के सचिव अनुपम कुमार भी मौजूद थे।
हवाई सर्वेक्षण से लौटने के पश्चात् पटना एयरपोर्ट पर पत्रकारों से मुख्यमंत्री ने बात की। मुख्यमंत्री ने कहा कि इस बार शुरु से ही अधिक वर्षापात के कारण कई जगह बाढ़ की स्थिति पैदा हो गयी है। आंखां का इलाज कराने कुछ दिनों पूर्व हम दिल्ली गए थे। आज बाढ प्रभावित क्षेत्रों की स्थिति का जायजा लेने के लिये हमने पांच जिला का हवाई सर्वेक्षण किया है। कल तीन बाढ़ग्रस्त जिलों का और जायजा लेंगे। हमने सर्वेक्षण के दौरान नदियों की वर्तमान स्थिति का भी जायजा लिया है। हमारी प्राथमिकता में यह काम सबसे ऊपर है।
केंद्रीय मंत्रिमंडल विस्तार में जदयू की भागीदारी को लेकर पत्रकारों के पूछे गये सवाल का जवाब देते हुये मुख्यमंत्री ने कहा कि मुझे इस संबंध में कोई जानकारी नहीं है। मैंने राष्ट्रीय अध्यक्ष का पद पहले ही छोड़ दिया है और अब राष्ट्रीय अध्यक्ष की जिम्मेवारी आर0सी0पी0
सिंह संभाल रहे हैं। इसके संबंध में वही विस्तृत रुप से बता पाएंगे, इसके लिए वही अधिकृत हैं।
मंत्रिमंडल विस्तार माननीय प्रधानमंत्री जी का विशेषाधिकार है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि पहले के दो टेन्योर में ‘जनता के दरबार में मुख्यमंत्री’ कार्यक्रम का आयोजन होता रहा था। वर्ष 2016 में ला ेक सेवा का अधिकार कान ून लाग ू हा ेने के बाद इसे ब ंद
कर दिया गया। हमने 2020 के विधानसभा चुनाव के बाद ऐलान किया था कि फिर से ‘जनता के दरबार में मुख्यमंत्री कार्यक्रम’ शुरु किया जाएगा। कोरोना के कारण अभी तक इसे शुरु नहीं
किया जा सका था। अब अगले सोमवार से इसकी शुरुआत की जाएगी। पहले जिस प्रकार यह कार्यक्रम होता रहा है उसी प्रकार प्रत्येक महीने में तीन सोमवार को यह कार्यक्रम आयोजित किया
जाएगा।