*बिहार शरीफ में साम्प्रदायिक उन्माद व हिंसा की घटना की गहराई से जांच करेगा माले,  महिला नेताओं का होगा दौरा*

*माले महासचिव दीपंकर भट्टाचार्य ने कहा किअमितशाह ने आग में घी डालने का काम किया*

*जमुई में भाकपा – माले की दो दिवसीय राज्य कमिटी की बैठक संपन्न*

नव राष्ट्र मीडिया
जमुई 7 अप्रैल 2023 ।

भाकपा-माले महासचिव कामरेड दीपंकर भट्टाचार्य ने जमुई में आयोजित पार्टी राज्य कमेटी की बैठक के दूसरे दिन संवाददाताओं को संबोधित करते हुए कहा कि बिहार की स्थिति चिंतित करने वाली है. यहां के गरीबों के सामने वास-आवास, शिक्षा, रोजगार आदि के सवाल मुँह बाये खड़ी है, लेकिन पूरे राज्य में रामनवमी का ईस्तेमाल उन्माद फैलाने के लिए किया गया. उसपर, अमित शाह के वक्तव्य ने आग में घी डालने का काम किया. धर्म का बेहद गलत राजनीतिक ईस्तेमाल किया गया. मदरसा – मस्जिद को टार्गेट किया गया. धार्मिक आस्था को उन्माद से अलग करना होगा.

उन्होंने कहा कि यह महज साम्प्रदायिक उन्माद नहीं है, बल्कि 100 साल पुराने ऐतिहासिक मदरसे को तोड़कर शिक्षा के केंद्र पर हमला किया गया है, जहां बड़ी संख्या मे लड़कियां पढ़ती हैं. मोदी सरकार बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ का नारा देती है, नीतीश सरकार भी ल़डकियों की शिक्षा पर बहुत जोर देने का दावा करती है, लेकिन आज शिक्षा के ही केंद्र पर हमला किया जा रहा है. यह बहुत चिन्ताजनक है.

इसलिए हमने 11 से 14 अप्रैल तक पूरे बिहार मे शिक्षा के इस ऐतिहासिक केंद्र पर सुनियोजित हमले के खिलाफ सद्भावना एकजुटता जनसंवाद चलाने का निर्णय किया है. विदित है कि 11 अप्रैल महान समाज सुधारक ज्योतिबा फुले का जन्म दिन है, वहीं 14 अप्रैल डॉ. अम्बेडकर का. 14 अप्रैल को बिहार शरीफ मे एक बड़ा कार्यक्रम आयोजित होगा. पार्टी की महिला नेता वहाँ का दौरा करेंगीं और घटना की विस्तृत जांच रिपोर्ट भी तैयार की जाएगी. भाकपा – माले  मदरसे के पुनर्निर्माण की मांग को पुरजोर तरीके से उठाएगी.

जन संवाद को राज्य के विभिन्न टोले-मुहल्ले चिन्हित कर चलाए जाएंगे जिसमें पार्टी के सभी विधायक और राज्य कमिटि के सदस्य भाग लेंगे.14 अप्रैल कार्यक्रम प्रखंड स्तर पर मार्च, गोष्ठी और कन्वेंशन के रूप में आयोजित किए जाएंगे.

बिहार शरीफ में सिटी पैलेस, एशिया होटल सहित सैकड़ो दुकानों को आग के हवाले कर दिया गया. करोड़ों की संपत्ति का नुकसान हुआ है.  उलटे मुस्लिम समुदाय के गरीब नौजवानों को गिरफ्तार किया जा रहा है, यह कहीं से उचित नहीं है.

माले महासचिव ने आगे कहा कि बिहार मे घटित साम्प्रदायिक उन्माद की घटनाओं पर नीतीश सरकार को गम्भीरता दिखलाना चाहिए. भड़काऊ वक्तव्य देने वालों पर कड़ी कार्रवाई के जरिए देश को एक बेहतर संदेश देना चाहिए. अमित शाह ने जिस प्रकार का वक्तव्य दिया, वह बिहार को अस्थिर करने वाला वक्तव्य है.  जरूरत इस बात की है कि सामाजिक, राजनीतिक और प्रशासनिक स्तर पर उन्माद- उत्पात की घटनाओं और ऐसे विनाशकारी विचारों को पीछे धकेलने के लिए व्यापक स्तर पर अभियान चलाया जाएगा.

उन्होंने आगे कहा कि भाजपा लगातार संविधान का उल्लंघन कर रही है. डॉ अम्बेदकर ने चेतावनी दी थी कि यदि भविष्य में यह देश धर्म के नाम पर हिन्दू राष्ट्र की बात करेगा तो यह सबसे बड़ी विपत्ति होगी. यह समाज के दबे- कुचले लोगों के लिए खतरनाक होगी. आज वही आशंका सच साबित हो रही है.

उन्मादी घटनाओं के पीछे भाजपा की गहरी साजिश है. 2024 के लोकसभा चुनाव के मद्देनजर भाजपा ने बिहार में सांप्रदायिक ध्रुवीकरण की राजनीति शुरू कर दी है. दरअसल, बिहार की सत्ता से बेदखली के बाद भाजपा बौखलाई हुई है और वह उन्माद-उत्पात फैलाने में लगी हुई है. बिहार सरकार को जिस स्तर व जिस गति से इन उन्मादी – उत्पाती ताकतों पर लगाम लगाना चाहिए, उसमें कमी दिख रही है. नफरत व विभाजन की राजनीति को किसी भी सूरत में स्वीकार नहीं किया जाएगा.

संवाददाता सम्मेलन में माले राज्य सचिव कुनाल, महबूब आलम, धीरेन्द्र झा, राजाराम सिंह, सत्यदेव राम, गोपाल रविदास,  मीना तिवारी,  शशि यादव आदि उपस्थित थे.

27 अप्रैल को फ़र्जी बिल, आवास,  जमीन से बेदखली आदि के खिलाफ़ खेत मजदूरों- गरीबों का प्रदर्शन होगा.  भाकपा  – माले सभी रिक्त पदों पर अविलम्ब बहाली की मांग का भी समर्थन करती है.

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