3 जून को माले करेगा एक बार फिर राज्यव्यापी प्रतिवाद
यदि कार्यकाल बढ़ाने का नियम नहीं था तो सरकार को अध्यादेश ला सकती थी.

विजय शंकर 
पटना : भाकपा-माले राज्य सचिव कुणाल ने पंचायतों को भंग किए जाने के सरकार के निर्णय की कड़ी आलोचना की है. कहा कि बिहार की जनता की मांग को सरकार ने अनसुना किया है और नीतीश कुमार केंद्र सरकार की तरह तानाशाही चला रहे हैं. जनप्रतिनिधियों की भूमिका को कम करना इस भयावह दौर में आत्मघाती साबित होगा.

कोविड के प्रति जागरूरकता अभियान में पंचायत प्रतिनिधियों के अनुभव का बेहतर इस्तेमाल हो सकता था, लेकिन सरकार ने इसपर तनिक भी ध्यान नहीं दिया. यदि पंचायतों के कार्यकाल बढ़ाने का कोई नियम नहीं था, तो क्या सरकार अध्यादेश नहीं ला सकती थी! दरअसल, सरकार की मंशा ही कुछ और थी.

इस अलोकतांत्रिक निर्णय के खिलाफ हमारी पार्टी एक बार फिर राज्यव्यापी विरोध में उतरेगी. आगामी 3 जून को पूरे राज्य में प्रतिवाद किया जाएगा.

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