बुलडोजर राज व मुस्लिमों पर हमले के खिलाफ पटना में नागरिक प्रतिवाद मार्च
राजद के प्रधान महासचिव आलोक कुमार मेहता, सीपीएम के अरूण मिश्रा व कांग्रेस के शकील अहमद भी मार्च में हुए शामिल
16 जून को होगा राज्यव्यापी नागरिक मार्च
नवराष्ट्र मीडिया ब्यूरो
पटना। भाजपा प्रवक्ताओं द्वारा मोहम्मद पैगंबर पर की गई अभद्र अभद्र टिप्पणी, भाजपा-आरएसएस द्वारा मुस्लिमों के खिलाफ घृणा-नफरत व संगठित हमले तथा देश को फासीवादी बुलडोजर राज में धकेलने के खिलाफ आज पटना में नागरिक मार्च का आयोजन हुआ. यह मार्च आइएमए हाॅल से निकलकर कारगिल चौक तक गया और फिर वहां पर एक सभा का आयोजन हुआ. मार्च में भाकपा-माले के महासचिव काॅ. दीपंकर भट्टाचार्य, राजद के प्रधान महासचिव श्री आलोक कुमार मेहता, सीपीएम के राज्य सचिव मंडल के सदस्य अरूण मिश्रा, कांग्रेस के विधायक शकील अहमद के साथ-साथ माले के सभी विधायक, आइसा-इनौस, एआइपीएफ, जसम आदि संगठनों से जुड़े कार्यकर्ताआंे ने हिस्सा लिया.
उक्त नेताओं के अलावा माले के राज्य सचिव कुणाल, खेग्रामस के महासचिव धीरेन्द्र झा, किसान महासभा के महासचिव राजाराम सिंह, केडी यादव, राजाराम, ऐपवा की महासचिव मीना तिवारी, शशि यादव, मंजू प्रकाश आदि भी उपस्थित थे. संचालन एआइपीएफ के कमलेश शर्मा ने किया.
नागरिक मार्च के दौरान आफरीन फातिमा के घर पर बुलडोजर क्यों-जवाब दो, न्यायतंत्र पर बुलडोजर राज नहीं चलेगा, संविधान-लोकतंत्र को बुलडोज करना बंद करो, मुस्लिम युवकों पर हमले क्यों-जवाब दो, नागरिकता आंदोलन के कार्यकर्ताओं की प्रताड़ना बंद करो, सांप्रदायिक जहर उगलने वाली नुपूर शर्मा व नवीन कुमार जिंदल को गिरफ्तार करो-सजा दो, रांची पुलिस फायरिंग के दोषियों को गिरफ्तार करो आदि नारे लगा रहे थे.
माले महासचिव काॅ. दीपंकर भट्टाचार्य ने अपने संबोधन में कहा कि आज हम एक बेहद कठिन दौर से गुजर रहे हैं. विगत 15 दिनों से पूरे भारत व दुनिया में मोहम्मद पैगंबर पर भाजपा प्रवक्ताओं नुपूर शर्मा व नवीन कुमार जिंदल द्वारा की गई अभद्र टिप्पणी के कारण हंगामा जारी है. जब दुनिया भर में इसका प्रतिवाद शुरू हुआ, उसकी कड़ी निंदा की जाने लगी, भारत के राजदूतों को फटकार लगाई गई, खाड़ी देशों से आर्थिक आमदनी बाधित होने की आशंका पैदा होने लगी, तब उन देशों को खुश करने के लिए भाजपा नेताओं ने कहा कि नुपूर शर्मा व नवीन कुमार जिंदल जैसे लोग फ्रिंज एलीमेंट हैं. उन्हें गंभीरता से नहीं लेना चाहिए.
लेकिन हम जानते हैं कि यह सरकार झूठ बोल रही है. ये लोग फ्रिंज नहीं भाजपा के कोर हैं. इसलिए सरकार सबसे पहले हिंदुस्तान की जनता को जवाब दे और ऐसे जहर फैलाने वाले लोगों को तत्काल गिरफ्तार करके उनके खिलाफ कानून सम्मत कार्रवाई करे. पैगंबर मोहम्मद पर की गई अभद्र टिप्पणी केवल इसलाम या मुसलमानों के खिलाफ नहीं बल्कि यह भारत की गंगा-जमुनी तहजीब, उसकी बुनियाद और हमारे संविधान पर चोट है. यह हमेशा याद रखना चाहिए कि हमारा संविधान सभी धर्माें के बीच समन्वय की बात करता है.
आज उक्त घटना के खिलाफ पूरे देश में प्रतिवाद हो रहा है, लेकिन उसके प्रति सरकार का क्या रवैया है? झारखंड में भाजपा की सरकार नहीं है लेकिन पुलिस पूरी तरह से भाजपा के कब्जे में है. दो मुस्लिम युवकों की गोली मारकर हत्या कर दी गई. यूपी में जहां खुद भाजपा है, इलाहाबाद के प्रतिष्ठित सीएए विरोधी आंदोलन के नेता के घर को बुलडोज कर दिया गया. पूरे देश में मुस्लिम घरों को निशाना बनाया जा रहा है. आज देश में यह माहौल बनाया जा रहा है कि बोलोगे तो गोली से उड़ा देंगे, विरोध करोगे तो बुलडोजर से ढाह देंगे और यदि बच गए तो जेल में सड़ा देंगे. यह फासीवाद नहीं तो और क्या है? इसलिए आज इस खतरे को पहचानते हुए देश के प्रत्येक नागरिक को उठ खड़ा होना होगा और इसे संविधान व देश पर चोट समझते हुए निर्णायक लड़ाई के लिए कमर कस लेनी होगी.
राजद के प्रधान महासचिव आलोक मेहता ने कहा कि मोदी सरकार के 8 वर्ष हो गए. एक तरफ चरम महंगाई है, बेरोजगारी है और दूसरी ओर पूरे देश में सांप्रदायिक हमलों का विस्तार है. पेट्रोल-डीजल के दाम लगातार बढ़ रहे हैं. पूरे देश के अंदर सांप्रदायिकता को फैलाने का काम किया जा रहा है. घटनाएं जिस प्रकार से घटित हो रही हैं, यह सामान्य प्रशासनिक व्यवस्था का हिस्सा नहीं हो सकती है. यह एक अतिवादी संगठन के उद्देश्यों को पूरा करने के लिए किया जा रहा है, जिसका हम सब मिलजुलकर ही प्रतिरोध कर सकते हैं.
सीपीएम के अरूण मिश्रा ने कहा कि आज एक नई लड़ाई की जरूरत है. बुलडोजर की राजनीति ऐसी राजनीति है जिसमें न कोर्ट है न कानून है. जो भी भाजपा के खिलाफ है उसको बुलडोज कर दिया जा रहा है. आखिर यह भाजपा किस प्रकार का देश बना रही है? हमारे सामने आज कोई दूसरा रास्ता नहीं है कि हम सड़कों पर आएं, इन ताकतों का मुंहतोड़ मुकाबला करें और इसके लिए हम सबको एक साथ आना होगा.