नवराष्ट्र मीडिया ब्यूरो
पटना : भाकपा-माले राज्य सचिव कुणाल ने कहा है कि बिहार सरकार द्वारा राज्य कार्यालय के लिए जो जगह आवंटित की गई है, वह हमारी पार्टी के प्रति भाजपा-जदयू सरकार के चरम पूर्वाग्रह और राजनीतिक विद्वेष का उदाहरण है. हमारी पार्टी को यह अपमानित करने वाला है और हम हर स्तर पर इसका जोरदार विरोध करेंगे.
कहा कि हमारी पार्टी को राज्य स्तरीय पार्टी का दर्जा मिले हुए एक साल से ऊपर हो गया. हम वीरचंद पटेल पथ पर अपने लिए कार्यालय की लगातार मांग करते रहे, जहां सभी प्रमुख राजनीतिक दलों के कार्यालय हैं. इसे लेकर कई बार हमने मुख्यमंत्री और भवन निर्माण मंत्री से मुलाकात की. लेकिन एक साल बाद जो जगह कार्यालय के लिए आवंटित की गई है, वह मुख्य इलाके से पूरी तरह कटा हुआ है. वहां पहुंचने की सड़क केवल चौपट है, आवास लम्बे समय से उपेक्षित पड़ा हुआ है. उसका बड़ा हिस्सा अतिक्रमण का शिकार है और वह भारी जलजमाव का इलाका है.
नीतीश कुमार अपने को दलितों-अतिपिछडों का नेता कहते नहीं अघाते. वे यह भी अच्छी तरह जानते हैं कि बिहार में भाकपा-माले गरीबों की सबसे भरोसेमंद व संघर्षों की पार्टी है. फिर भी पार्टी को अब तक का सबसे खराब कार्यालय आवंटित करके नीतीश कुमार ने गरीबों के प्रति अपने असली नजरिये को ही बेनकाब किया है. वे नहीं चाहते कि बिहार के गरीब राज्य के मुख्य इलाक़ों तक पहुंचे और उन्हें ठहरने-रुकने की कोई जगह मिल सके.
विधानसभा के अंदर भी हम इसका विरोध करेंगे.