Subhash nigam

नई दिल्ली : सीएससी एसपीवी ने अपनी स्थापना के 15 गौरवशाली वर्ष पूरे किए. इस अवसर पर नई दिल्ली में एक समारोह आयोजित किया गया. समारोह का उद्घाटन जितिन प्रसाद, माननीय राज्य मंत्री- इलेक्ट्रॉनिक्स एवं आईटी मंत्रालय और वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय ने किया. ग्रामीण सशक्तिकरण और समावेशी विकास के लक्ष्य को हासिल करने के लिए साल 2006 में सीएससी स्कीम की शुरुआत हुई और इसके क्रियान्वयन की जिम्मेदारी सीएससी एसपीवी को 16 जुलाई 2009 को सौंपी गई.  

 

कार्यक्रम का उद्घाटन करते हुए,  मंत्री ने गांवों के डिजिटल सशक्तिकरण में वीएलई के प्रयासों की सराहना की. उसने कहा कि 15 वर्षों की सीएससी यात्रा अभूतपूर्व है. 

“तकनीक के बदलते दौर और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के युग में हमें देखना है कि आगामी 15 साल में सीएससी कैसे चेंज मेकर की भूमिका निभाएगा. इसके जरिए स्वास्थ्य, ई-कॉमर्स और एआई में नई संभावनाओं की तलाश जरूरी है.” उन्होंने कहा कि मौसम, कृषि जैसी जानकारियां भी सीएससी के जरिए उपलब्ध होनी चाहिए.  

कार्यक्रम के दौरान इलेक्ट्रॉनिक्स एवं आईटी मंत्रालय के सचिव एस कृष्णन ने कहा, “सीएससी ने ग्रामीण नागरिकों के लिए ग्रामीण उद्यम के साथ-साथ डिजिटल समावेशन को बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है. देश के दूर-दराज इलाकों में सरकार के मिशन को पूरा करने के लिए सीएससी की भूमिका बहुत महत्वपूर्ण है. भारत में सीएससी के विशाल नेटवर्क ने विभिन्न योजनाओं में उत्कृष्ट कार्य किया है. कॉमन सर्विस सेंटर को आगे भी इसी तरह से सरकार की डिजिटल इंडिया पहल में महत्वपूर्ण भूमिका निभानी है.” 

 

इस मौके पर ग्रामीण विकास मंत्रालय के सचिव शैलेश कुमार सिंह ने कहा, “हम कई प्रमुख कार्यक्रमों के माध्यम से नागरिकों की मदद करने के लिए विभिन्न मंत्रालयों के साथ सक्रिय रूप से सहयोग कर रहे हैं. हमारे लिए विशेषकर भारत के ग्रामीण हिस्सों में इंटरनेट की पहुंच एक चुनौती बनी हुई है. ऐसी स्थिति में सरकारी सेवाओं को पहुंचाने में सीएससी की भूमिका को महत्वपूर्ण हो जाती है.

कार्यक्रम के दौरान, प्रशासनिक सुधार और लोक शिकायत विभाग के सचिव वी श्रीनिवास ने कहा, “सीएससी ने डिजिटल प्रौद्योगिकी के माध्यम से शासन को बदलने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। जब हमने पहली बार ई-कोर्ट जैसी सेवाओं को लागू किया, तो डिजिटल डिवाइड के बारे में चिंताएं उठाई गईं। हालाँकि, सीएससी ने इस अंतर को प्रभावी ढंग से पाट दिया है। महीने की हर 20 तारीख को, हम सीएससी के माध्यम से सीपीग्राम दिवस मनाते हैं, जो एक मजबूत शिकायत निवारण तंत्र के प्रति हमारी प्रतिबद्धता को प्रदर्शित करता है।

 अतिथियों का स्वागत करते हुए, सीएससी एसपीवी के प्रबंध निदेशक, श्री संजय राकेश ने कहा, “जब सीएससी को 2006 में लॉन्च किया गया था, तो तकनीक-सक्षम वितरण प्रणाली की व्यवहार्यता के बारे में संदेह था. हालांकि, 2009 में, उसी योजना के तहत सीएससी एसपीवी की स्थापना को ठोस आधार मिला. आज, सीएससी एक टिकाऊ, व्यवहार्य और जीवंत प्रणाली है. उन्होंने आगे कहा, “हम सक्रिय रूप से सरकारी सेवाएं प्रदान करने, डिजिटल साक्षरता को बढ़ावा देने, ई-श्रम योजना में नागरिकों का नामांकन करने, आधार कार्ड को अपडेट करने और भी बहुत कुछ करने में लगे हुए हैं. हमारे प्रयास वंचित क्षेत्रों और आदिवासी समुदायों तक पहुंचने, हमारी सेवाओं को स्कूलों तक पहुंचाने पर केंद्रित हैं. हमारे वीएलई का लक्ष्य डिजिटल विभाजन को कम करना और ग्रामीण क्षेत्रों में रहने की सुविधा को बढ़ाना है, जिससे शहरों की यात्रा करने की आवश्यकता कम हो, और सीएससी एक सामाजिक परिवर्तन निर्माता के रूप में काम करे. 

इस मौके पर 46 लोगों को उत्कृष्ट कार्यों के लिए पुरस्कृत किया गया जिसमें वीएलई, डिस्ट्रिक्ट मैनेजर और ASK Operators शामिल थे.  

सीएससी के माध्यम से प्रचारित किए जाने वाले संभावित वित्तीय उत्पादों और उभरती वित्तीय प्रौद्योगिकी पर पैनल चर्चा. पैनलिस्ट थे: विकास मंगला (कार्यकारी उपाध्यक्ष और प्रमुख- उभरते कॉर्पोरेट और सरकारी बैंकिंग, इंडसइंड बैंक), गगन सारस्वत (कार्यकारी उपाध्यक्ष, कोटक महिंद्रा बैंक) ), अमित अरोड़ा (प्रमुख वित्तीय समावेशन, विश्व बैंक), के. मोहन गांधी (मुख्य महाप्रबंधक, पीएफआरडीए), सचिन सिक्का (कार्यकारी उपाध्यक्ष-बजाज फिनसर्व).

 “सीएससी के माध्यम से भारत में बीमा के विभिन्न उत्पादों को बढ़ावा देने के लिए” पर एक विशेष पैनल चर्चा आयोजित की गई. इस परिचर्चा में शामिल विशेषज्ञ थे: डॉ. पूनम टंडन (मुख्य निवेश अधिकारी, इंडिया फर्स्ट लाइफ इंश्योरेंस कंपनी इंडिया लिमिटेड), सुश्री प्रिया कुमार (कार्यकारी उपाध्यक्ष, एसबीआई जनरल इंश्योरेंस), दशरथी सिंह (कार्यकारी निदेशक, कृषि बीमा कंपनी इंडिया) लिमिटेड), विश्वेश्वर राऊ, (प्रमुख – वैकल्पिक चैनल, भारतीय जीवन बीमा निगम लिमिटेड), अनुराग सूद, कार्यकारी उपाध्यक्ष (स्टार हेल्थ एंड अलाइड इंश्योरेंस कंपनी लिमिटेड).

एक अन्य पैनल चर्चा “ग्रामीण ई-स्टोर के माध्यम से उभरते अवसर” पर आयोजित की गई. पैनलिस्ट थे- सोनांसी विज (डीजीएम यूनिबिक), मेघना सिंघल (बिजनेस हेड – टाटा क्रोमा), अमित कुमार (ग्रुप सीईओ, सिम्फनी), भगवान पाटिल (ग्रुप प्रेसिडेंट सीएससी एसपीवी), वीएलई सेठा सिंह रावत (दर्जी ऑनलाइन).

इस मौके पर नलिन बंसल (कॉर्पोरेट और फिनटेक संबंधों और प्रमुख पहल, एनपीसीआई के प्रमुख) ने प्रचार-प्रसारपर विचार प्रस्तुत किए. सीएससी के माध्यम से वित्तीय सेवाएं और उत्पादऔर कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय की उपायुक्त (ऋण) सुश्री कामना शर्मा ने पीएमएफबीवाई पर अपने विचार प्रस्तुत किए.

कार्यक्रम के दौरान सीएससी के माध्यम से एपीएआर आईडी और शैक्षणिक सेवाओं के लिए सीएससी एसपीवी और उच्च शिक्षा विभाग के बीच समझौता ज्ञापन का आदान-प्रदान किया गया.

कार्यक्रम के दौरान आनंद राव पाटिल, अतिरिक्त सचिव, स्कूल शिक्षा और साक्षरता विभाग, डॉ नवल जीत कपूर, अतिरिक्त सचिव, जनजातीय कार्य मंत्रालय, एससीएल दास, सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम (एमएसएमई) मंत्रालय के सचिव, नितेन चंद्रा, रक्षा मंत्रालय के तहत पूर्व सैनिक कल्याण विभाग के सचिव, प्रताप चौहान, संस्थापक और अध्यक्ष- जीवा आयुर्वेद, योगेन्द्र कुमार (विपणन निदेशक, इफको), सत्येन मोदी, (राष्ट्रीय प्रमुख एचडीएफसी बैंक), डॉ. ज्योति कुमार (आईआईटी दिल्ली) भी उपस्थित थे.

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