नेशनल ब्यूरो
नयी दिल्ली : लंका पर विजय प्राप्त करने के बाद चौदह वर्ष के वनवास की अवधि पूरी करके अयोध्या लौटने के क्रम में प्रभु श्रीराम ने तेलंगाना के भद्राचलम में रूककर विश्राम किया था । इस स्थान की आध्यात्मिक प्रासंगिकता और महत्व को स्वीकार करते हुए भगवान राम की जीवनयात्रा से जुड़े स्थानों की यात्रा कराने के लिए आईआरसीटीसी द्वारा संचालित होनेवाली बहुचर्चित पर्यटक ट्रेन रामायण एक्सप्रेस के यात्रा मार्ग में भद्राचलम को भी शामिल कर लिया गया है। अब आगामी 12 दिसंबर को राजधानी दिल्ली स्थित सफदरजंग रेलवे स्टेशन से जो अगली रामायण एक्सप्रेस ट्रेन रवाना होगी उसका रामेश्वरम से वापस लौटने के क्रम में भद्राचलम में भी ठहराव होगा जहां इस ट्रेन के यात्री उस स्थान का दर्शन कर पाएंगे जहां अयोध्या की ओर वापसी के क्रम में प्रभु राम ने विश्राम किया था।
भद्राचलम में प्रभु श्रीराम से जुड़े कई स्थान आज भी मौजूद हैं जिनमें यहां का प्रसिद्ध सीता रामचंद्र स्वामी मंदिर और अंजनेय स्वामी मंदिर मुख्य तौर पर शामिल है। साथ ही अपने पूरे यात्रा मार्ग में 7,500 किलोमीटर का सफर तय करनेवाली रामायण एक्सप्रेस का नाम जल्दी ही गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकार्ड्स में भी शामिल कर लिए जाने की बात कही जा रही है क्योंकि संसार में कोई भी पर्यटक ट्रेन इतने लंबे यात्रा मार्ग से होकर नहीं गुजरती है।
रामायण एक्सप्रेस के यात्रा मार्ग में भद्राचलम को भी शामिल किए जाने के बारे में विस्तार से जानकारी देते हुए आईआरसीटीसी की ओर से बताया गया है कि “श्री रामायण यात्रा“ स्पेशल ट्रेन में तेलंगाना राज्य के “भद्राचलम“ को इसलिए शामिल किया गया है क्योंकि “भद्राचलम“ को दक्षिण के अयोध्या के रूप में भी जाना जाता है और भगवान राम द्वारा वनवास की अवधि के दौरान अपने प्रवास के लिए इस स्थान का प्रयोग किया था। आईआरसीटीसी का कहना है कि रामायण एक्सप्रेस की लोगों द्वारा की जा रही बहुत अधिक मांग के कारण ही 12 दिसंबर को एक और ट्रेन रवाना करने का फैसला किया गया है। यह ट्रेन अयोध्या से पर्यटकों को श्री राम जन्मभूमि मंदिर और हनुमान मंदिर के अलावा नंदीग्राम में भारत मंदिर के दर्शन कराने के बाद अगला गंतव्य बिहार में सीता जी के जन्मस्थान सीतामढ़ी होगा। तत्पश्चात जनकपुर (नेपाल) में राम-जानकी मंदिर के दर्शन सड़क मार्ग से होंगे। सीतामढ़ी के बाद ट्रेन वाराणसी जाएगी और पर्यटक सड़क मार्ग से वाराणसी, प्रयाग, श्रृंगवेरपुर और चित्रकूट के मंदिरों में दर्शनादि करेंगे। दर्शनार्थियों के लिए वाराणसी, प्रयाग और चित्रकूट में रात्रि विश्राम की व्यवस्था भी की जाएगी।
ट्रेन का अगला पड़ाव नासिक होगा जिसमें त्रयंबकेश्वर मंदिर और पंचवटी के दर्शन शामिल होंगे। नासिक के बाद अगला गंतव्य हम्पी होगा जो प्राचीन कृषिकिंधा शहर है। यहां श्री हनुमान जन्म स्थान का मंदिर और अन्य विरासत और धार्मिक स्थलों को कवर किया जाएगा। 16वें दिन रामेश्वरम से दिल्ली लौटते समय यात्रा के अंतिम चरण में “भद्राचलम“ को जोड़ा गया है। रामेश्वरम इस ट्रेन यात्रा का अंतिम गंतव्य होगा जिसके बाद ट्रेन अपनी यात्रा के 17वें दिन दिल्ली लौटेगी।
उल्लेखनीय है कि इस पूरे यात्रा में पर्यटक करीब 7500 किलोमीटर का सफर तय करेंगे। आईआरसीटीसी द्वारा पर्यटकों से बिना किसी अतिरिक्त शुल्क के इसके यात्रा मार्ग में भद्राचलम को शामिल किया गया है और “श्री रामायण यात्रा” का निर्धारित किराया पूर्व की ही भांति फ़र्स्ट एसी का 102095 रूपया तथा सेकेण्ड एसी का 82950 रुपए प्रति व्यक्ति रहेगा।