नयी दिल्ली । लक्ष्य चाहे लहरों पर हो या गहरे समुद्र में, नीले आसमान में हो या अनंत आकाश की ऊंचाइयों पर, भारतीय नौसेना उसे साध कर ही दम लेती है। हर साल 4 दिसंबर को नौसेना दिवस मनाया जाता है। भारतीय नौसेना ने अपने पराक्रम और शौर्य से कई इतिहास लिखे हैं। नौसेना दिवस क्यों और कब मनाया जाता है, नौसैनिक पानी के अंदर छुपे दुश्मनों से करते हैं देश की रक्षा।
4 दिसंबर को भारतीय नौसेना का स्थापना दिवस नहीं बल्कि ऐतिहासिक दिन होने की वजह से मनाया जाता है और वो ऐतिहासिक पल है पाकिस्तान को 1971 की लड़ाई के दौरान करारी शिकस्त देने में नौसेना की बड़ी भूमिका।
पाकिस्तानी सेना ने 3 दिसंबर 1971 को भारतीय हवाई क्षेत्र और सीमावर्ती क्षेत्र में हमले किये। भारतीय वायुसेना पाकिस्तान को इस हमले का जवाब दे रही थी। आखिरकार ऑपरेशन ट्राइडेंट सफल हुआ और पाकिस्तान की करारी हार हुई। 1971 के इस युद्ध में भारतीय युद्ध पोतों ने पाकिस्तान के कराची नेवल हेडक्वार्टर पर अटैक कर उसे तहस-नहस कर दिया। ये एक ऐसा ऑपरेशन था जिसमें पहली बार एंटी-शिप मिसाइल का प्रयोग किया गया। इस हमले में पाकिस्तान के कई जहाज नेस्तनाबूत कर दिए गए और करीब 500 सैनिक मारे गए। इस दौरान पाकिस्तान के तेल टैंकर भी तबाह हो गए। इनमें लगी आग को उस दौरान करीब 60 किलोमीटर दूर से भी देखा जा सकता था। आग इतनी भीषण थी कि उसे सात दिनों तक नहीं बुझाया जा सका था। ट्राइडेंट एक ऑफेंसिव वेपन होता है। ये एक मिसाइल बोर्ड है। इस ऑपरेशन को द्वितिय विश्व युद्ध के बाद सबसे सफल ऑपरेशन मे से एक माना जाता है। यही कारण है कि इस दिन को भारत-पाकिस्तान के बीच 1971 के युद्ध में भारतीय नौसेना के जीत के जश्न में मनाया जाता है।
इसके बाद भारत पाकिस्तान पर नौसैनिक हमले को तेज करते हुए भारत ने 8 दिसंबर की रात ऑपरेशन पायथॉन को अंजाम दिया। जिसमें पाक नौसेना की रही सही कमर भी तोड़ दी गई। कराची बंदरगाह पर खड़े उसके दो जहाज डुबा दिए गए। इन दोनों हमलों ने पूर्वी पाकिस्तान और पश्चिमी पाकिस्तान के बीच पाक नौसेना का परिवहन ब्लॉक कर दिया।
