शिक्षा मंत्रालय के अधिकारियों ने दी जानकारी, कहा -आरोपों की होगी जांच

सुभाष निगम
नयी दिल्ली । राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने अनियमितताओं के आरोपों से घिरे दिल्ली विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर योगेश त्यागी को आखिरकार निलंबित कर दिया है । साथ ही कर्तव्य में लापरवाही के आरोपों में त्यागी के खिलाफ जांच के भी आदेश दिए गए। यह जानकारी शिक्षा मंत्रालय (एमओई) के अधिकारियों ने दी। केंद्रीय विश्वविद्यालय में वर्चस्व की लड़ाई के बीच यह कदम उठाया गया है। राष्ट्रपति ने यह कार्रवाई केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय की रिपोर्ट के बाद की है जिसमें कुलपति की ओर लगातार बरती जा रही अनियमितताओं का विस्तृत ब्यौरा सौंपा गया था । इसके साथ ही विश्वविद्यालय के कुलपति का प्रभार विश्वविद्यालय के मौजूदा प्रो-वीसी पीसी जोशी को सौंप दिया है।
मंत्रालय से जुड़े अधिकारियों के मुताबिक, राष्ट्रपति ने कुलपति के खिलाफ जिन अनियमितताओं को सबसे गंभीर माना गया है, उनमें मेडिकल अवकाश के दौरान मौजूदा प्रो-वीसी और रजिस्ट्रार को हटाकर उनकी जगह नए प्रो-वीसी और रजिस्ट्रार की नियुक्ति करना था। मंत्रालय का मानना है कि चिकित्सीय अवकाश के दौरान उन्हें इस तरह के फैसले लेने का कोई अधिकार नहीं था । इसके बाद भी वह लगातार मंत्रालय के फैसले पर ही सवाल उठा रहे थे ।
मंत्रालय से जुड़े अधिकारियों के मुताबिक, पहले उनके खिलाफ सिर्फ उच्च स्तरीय जांच का ही फैसला लिया गया था, जिसकी राष्ट्रपति ने अनुमति भी दी थी, लेकिन मंगलवार शाम को ही प्रोफेसर त्यागी और उनकी टीम ने मंत्रालय के खिलाफ मोर्चा खोल दिया था जिसके बाद मंत्रालय ने कुलपति को हटाने का फैसला लिया। हालांकि यह फैसला राष्ट्रपति के अधिकार क्षेत्र में आता है। ऐसे में मंत्रालय ने राष्ट्रपति को मौजूदा स्थिति से अवगत कराते हुए तुरंत कार्रवाई की मांग की। जिसके बाद निलंबन का यह फैसला लिया गया।
राष्ट्रपति कोविंद की ओर से उठाए गए इस सख्त कदम के बाद केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय ने बुधवार शाम को इसके आदेश भी जारी कर दिए है। साथ ही कुलपति प्रोफेसर त्यागी की ओर से मेडिकल अवकाश के दौरान लिए गए सभी फैसलों को शून्य घोषित कर दिया है। वहीं उनके पूरे कार्यकाल के दौरान लिए गए फैसलों की भी जांच कराने का फैसला लिया गया है।

By admin

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *