चैम्बर द्वारा बजट पूर्व केंद्रीय वित्त मंत्री को दिया गया ज्ञापन
विजय शंकर
पटना , 7 जनवरी।बिहार चैम्बर ऑफ कॉमर्स एण्ड इण्डस्ट्रीज ने माननीय केन्द्रीय वित्त मंत्री, भारत सरकार श्रीमती निर्मला सीतारमण को आगामी केन्द्रीय बजट 2025.2026 हेतु बजट पूर्व ज्ञापन समर्पित किया है जिसमें राज्य के त्वरित आर्थिक विकास से संबंधित अनेक सुझाव दिए गए हैं ।
चैम्बर अध्यक्ष सुभाष कुमार पटवारी ने कहा कि राज्य को फ्रेट इक्वलाइजेशन और खनिज पर रॉयलटी, राज्य में बार-बार बाढ़, बिहार का तीन बार विभाजन के उपरान्त उपयुक्त मुआवजा नहीं मिलना, मूल्य और खरीद नीतियों ने बिहार में अधिशेष अनाज उत्पादन पर ध्यान नहीं देने एवं तकनीकी/प्रबंधन कौशल विकास में उत्कृष्ट केन्द्रों के अभाव के कारण बिहार को काफी नुकसान हुआ है । परिणामस्वरूप निवेश को आकर्षित करने एवं दूसरे राज्यों से प्रतिस्पर्धा करने में बिहार सक्षम नहीं हो रहा है इसलिए यह आवश्यक है कि बिहार को विशेष राज्य का दर्जा/ विशेष पैकेज देते हुए पूर्वोत्तर क्षेत्र की नीति के पैटर्न पर बिहार के लिए भी एक पॉलिसी पैकेज की घोषणा की जानी चाहिए ।
पटवारी ने बताया कि चैम्बर के द्वारा प्रेषित बजट पूर्व ज्ञापन में राज्य के चहुमुखी विकास हेतु अनेक मांगें की गई है जिसमें से कुछ प्रमुख निम्नलिखित हैं :-
गैस पाइपलाईन
– उत्तर बिहार में तीव्र गति से औद्योगिक विकास के लिए यह अत्यन्त आवश्यक है कि उत्तर बिहार को गैस पाइपलाईन से जोड़ा जाना चाहिए ।
प्रत्यक्ष कर
– टीडीएस/टीसीएस का बिलम्ब से भुगतान पर लगनेवाले दण्ड शुल्क के प्रावधान को युक्तिसंगत एवं व्यवहारिक बनाया जाना चाहिए ।
– आयकर में सभी प्रकार के खरीद-बिक्री का स्क्रिप्ट बार जानकारी देने के प्रावधान में छूट दिया जाना चाहिए ।
– पिछले कुछ सालों में लागत में आयी वृद्धि को ध्यान में रखते हुए आयकर स्लैब को और तर्कसंगत बनातें हुए आयकर से छूट की सीमा को कम-से-कम 5.00 किया जाना चाहिए । साथ ही कर दर को 5.10 लाख तक 5%, 10-15 लाख तक 10%, 15-20 लाख तक 15%, 20-30 लाख तक 20% एवं 30 लाख से उपर की आय के लिए 25% रखा जाना चाहिए । महिला वरीय नागरिकों के लिए 7 लाख एवं सुपर सिनियर सिटिजन के लिए 10 लाख तक की आय पर किसी प्रकार का आयकर नहीं वसूला जाना चाहिए ।
– यदि आयकर में वर्तमान स्लैब ही जारी रहता है तो वरिष्ठ नागरिक के लिए छूट की सीमा को धार 87ए के तहत बढ़ाकर न्यूनतम 7.50 लाख किया जाना चाहिए ।
– लोगों में बचत की मानसिकता को बढ़ाने हेतु 80सी के तहत मिलने वाले छूट की वर्तमान सीमा जो 1,50,000/- लाख है उसे बढ़ाकर 3,00,000/- लाख किया जाना चाहिए अन्यथा 2,50,000/- तो किया ही जाना चाहिए ।
– राज्य के 26 जिलों में लगनेवाले नये उद्योगों के लिए पूर्व में आयकर अधिनियम 80 1B(5) के तहत तीन से पॉंच साल के लिए आयकर में छूट प्रदान की गई थी उसे 01-04-2004 से वापस ले लिया गया है उसे पुर्न बहाल किया जाना चाहिए ।
विनिर्माण सेक्टर
– राज्य में लगनेवाले उद्योगों को कम-से-कम 5 साल के लिए करावकाश की सुविधा प्रदान किया जाना चाहिए ।
– ग्रामीण क्षेत्र के विकास हेतु पूंजी निवेश सब्सिडी दर को आकर्षक बनाया जाना चाहिए । इससे युवाओं का पलायन रूकेगा तथा बड़े शहरों की बढ़ती आबादी पर नियंत्रण लगेगा ।
– नालंदा जिले में आयुध निर्माण की स्थापना के उपरान्त वहॉं हुए ढांचागत विकास को देखते हुए इस प्रकार की इकाइयॉं राज्य के अन्य भागों में भी स्थापित कराया जाना चाहिए ।
शिक्षा सेक्टर
– राज्य में खुलनेवाले निजी कॉलेज/शैक्षणिक संस्थानों को प्रथम दस साल के लिए पूर्ण टैक्स हॉलिडे का प्रावधान किया जाना चाहिए । मान्यता प्राप्त संस्थानों द्वारा किए गए कुल पूंजी निवेश के आधार पर प्रत्यक्ष/अप्रत्यक्ष कर देयता से छूट दिया जाना चाहिए ।
– राज्य में आईआईटी की स्थापना का स्वागत करते हुए अनुरोध करते हैं कि बिहार में एक आइआईएम की भी स्थापना करायी जानी चाहिए ।
स्वास्थ्य सेक्टर
– पटना एम्स में सुविधाएं बढ़ायी जानी चाहिए ।
– न्यूनतम निर्धारित सुविधाओं के साथ पंचायत स्तर पर प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र की स्थापना की जाए अथवा उसका अपग्रेडेशन किया जाए ।
– न्यूनतम निर्धारित सुविधाओं के साथ ब्लॉक स्तर पर आपातकालीन स्वास्थ्य केन्द्र की स्थापना करायी जानी चाहिए अथवा उसका अपग्रेडेशन किया जाना चाहिए ।
– जिला स्तर पर एम्स जैसी छोटी इकाईयों की स्थापना करायी जानी चाहिए ।
– स्वास्थ्य क्षेत्र में निजी निवेश को बढ़ावा देने के लिए करों में रियायत दी जानी चाहिए ।
– इस प्रकार के संस्थान में कार्यरत डाक्टर/नर्सिंग स्टाफ को विशेष कर प्रोत्साहन दिया जाना चाहिए ।
पर्यटन सेक्टर
– राज्य में एक भी पॉच सितारा होटल नहीं है । होटल इंडस्ट्री को बढ़ावा देने के लिए कम-से-कम पॉंच साल के लिए प्रत्यक्ष/अप्रत्यक्ष करावकाश की सुविधा प्रदान की जानी चाहिए ।
– पटना में स्थित लोक नायक जयप्रकाश नारायण अन्तर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे के बुनियादी ढांचों में शीघ्रातिशीघ्र सुधार कराया जाना चाहिए ।
– गया हवाई अड्डे के बुनियादी ढांचे एवं कनेक्टिविटी में सुधार कराया जाना चाहिए ।
– मुजफ्फरपुर, पूर्णियॉं, भागलपुर एवं राज्य के अन्य संभावित स्थानों से उडान सेवा प्रारम्भ करायी जानी चाहिए ।
– पर्यटन स्थलों को कवर करनेवाले सड़क, पुल एवं भवनों का शीघ्रातिशीघ्र निर्माण कराया जाना चाहिए।
जीएसटी
– बुनियादी सुविधाओं की कमी एवं जीएसटी के जानकार सलाहकारों की कमी के कारण राज्य के ग्रामीण एवं छोटे शहरों के व्यवसायियों को जीएसटी के अनुपालन में काफी कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है अतः प्रत्येक पंचायत में कम-से-कम एक, ब्लॉक स्तर पर दो एवं जिला स्तर पर कम-से-कम पॉंच जीएसटी मित्र की व्यवस्था कराया जाना चाहिए । यह व्यवस्था पीपीपी मोड पर भी किया जा सकता है ।
– व्यवसायियों के लिए पूर्ण लेखा सॉफ्टवेयर विकसित कर प्रत्येक पंजीकृत व्यवसायियों को निःशुल्क उपलब्ध कराया जाना चाहिए ।
– जीएसटी का समय पर अनुपालन को प्रोत्साहित करने हेतु वैसे व्यवसायी जो समय पर अनुपालन कर देते हैं उनके खाते में नकद प्रोत्साहन राशि दिया जाना चाहिए ।
– राज्य में अविलम्ब जीएसटी अपीलीय न्यायाधिकरण की स्थापना कराया जाना चाहिए ।
– जीएसटीआर-3बी में संशोधन का प्रावधान किया जाना चाहिए ।
बिहार में एक कॉमर्शियल बैंक का प्रधान कार्यालय खोलने के संबंध में
– बिहार में किसी भी एक कॉमर्शियल बैंक का प्रधान कार्यालय स्थापित कराया जाना चाहिए जिससे कि राज्य के आर्थिक विकास को गति प्रदान हो सके ।
बिहार में एनसीएलटी एवं इनकम टैक्स सेटलमेंट कमीशन का बेंच खोलने के संबंध में
– बिहार-झारखंड के उद्योग एवं व्यवसाय के हित में पटना में नेशनल कम्पनी लॉ ट्रिब्यूनल (एनसीएलटी) एवं इनकम टैक्स सेटलमेंट कमीशन का एक-एक बेंच की स्थापना कराया जाना चाहिए ।
इंडस्ट्रीयल कोरिडोर में टाउनशीप का निर्माण के संबंध में
– अमृतसर-दिल्ली-कोलकाता इंडस्ट्रीयल कोरिडोर बिहार सहित भारत के सात राज्यों को कवर करेगा । अतः बिहार में इस कोरिडोर के मार्ग में दो हजार एकड़ इंडस्ट्रीयल टाउनशीप का निर्माण हेतु बजट में वित्तीय सहायता की मंजूरी दी जानी चाहिए ।
सभी प्रकार के करों हेतु सिंगल विन्डो का विकास
– करदाताओं के बोझ और लागत को कम करने के लिए सभी प्रकार के करों के समाशोधन हेतु सिंगल विन्डो को विकसित किया जाना चाहिए ।
रेलवे की ओर से रेल टिकट में वरीय नागरिकों को दिए जानेवाले रियायत को पुर्न बहाल करने के संबंध में
– काफी दशकों से रेलवे की ओर से वरीय नागरिकों को रेल टिकट में रियायत दी जाती थी जिसे कोरोना काल में वापस ले लिया गया था । अब स्थिति सामान्य हो गयी है अतः इस रियायत को पुर्न बहाल किया जाना चाहिए । यह देश के वरीय नागरिकों को रेलवे की ओर से बहुत बड़ा सम्मान होगा ।