विजय शंकर
पटना । मोदी सरकार द्वारा लाए गए किसान विरोधी तीनों कृषि कानूनों को रद्द करने, बिजली बिल 2020 वापस लेने, स्वामीनाथन आयोग की अनुशंसाओं को लागू करते हुए सभी फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य पर खरीद की गारंटी करने और बिहार में 2006 में खत्म कर दिए गए मंडी व्यवस्था को फिर से चालू करने की मांग पर अखिल भारतीय किसान महासभा व भाकपा-माले के आह्वान पर आज बिहार के कई जिलों में अनिश्चितकालीन धरने की शुरूआत हो गई है ।पटना में धरनास्थल गर्दनीबाग में 7
जनवरी से लेकर 10 जनवरी तक किसानों का यह महाधरना आरंभ होगा. इस धरना में अखिल भारतीय किसान महासभा के राज्य सचिव रामाधार सिंह, तरारी से विधायक व किसान महासभा के राष्ट्रीय नेता सुदामा प्रसाद, राज्य सह सचिव उमेश सिंह, पटना जिला के सचिव कृपानारायण सिंह सहित वरिष्ठ नेतागण भाग लेंगे । किसानों के इस धरने में सैंकड़ों किसानों की भागीदारी हुई ।
केन्द्र की भजपानीत मोदी सरकार द्वारा लाये गये किसान-विरोधी तीनों कृषि-कानून को रद्द करने,1868-1888 रुपये क्विंटल किसानों-बटाईदारों के सम्पूर्ण धान-खरीद की गारन्टी और 2006 से बिहार में भाजपा-जदयू की नीतीश सरकार द्वारा भंग किये गए कृषि उत्पादन बाजार समितियों को पुनर्बहाल करने की मांग पर अखिल भारतीय किसान महासभा के बैनर तले भोजपुर जिले के सभी प्रखण्डों (सहार, तरारी, पीरो, चरपोखरी, जगदीशपुर, सन्देश, अगिआंव)पर अनिश्चितकालीन किसान-धरना शुरू हो गया है। धरनों में माले के विधायक व किसान सभा के नेता सुदामा प्रसाद ने भाग लिया। अरवल में आरंभ धरने में अरवल विधायक महानंद सिंह ने भी अपनी भागीदारी निभाई, वहीं, नरकटियागंज में आज किसानों की पंचायत का आयोजन किया गया जिसमें सिकटा विधायक वीरेन्द्र प्रसाद गुप्ता और अखिल भारतीय किसान महासभा के राज्य अध्यक्ष विशेश्वर प्रसाद यादव ने भागीदारी निभाई. इस पंचायत से गन्ना का मूल्य निर्धारण और बकाये राशि का अविलंब भुगतान करने की मांग उठाई गई ।
अ0 भा0किसान महासभा प्रखंड इकाई द्वारा अनिश्चित कालीन धरना का कार्यक्रम की अध्यक्षता गनेश कुशवाहा ने की ।संगीतकार पन्नालाल जी के मधुर आवाज से संगीतों के जरिए धरना की शुरुआत की गई जिसकों कई किसानों ने सम्बोधित किया वक्ताओं ने कहा कि किसानों की मेहनत की कमाई (फसल)के साथ लूट मचाकर सरकार और अधिकारी कंगाल बना रहे हैं, दिल्ली सीमा पर 41 दिनों से किसान अपनी फरियाद सरकार से सुनने कोकह रहे हैं लेकिन उनकी बातों को अनदेखी कर सरकार सुनने को तैयार नहीं है । राज्य परिषद सदस्य बिनोद कुशवाहा ने कहा कि कृषि लागत और मूल्य आयोग(CACP) जब फ़सलों का मूल्य निर्धारित करती है तो पूरी कीमत किसानों को मिलने की आश्वासन देती है, तो फिर तय कीमत क्यो नही मिलता है । धरना में किसान नेता कमलेश यादव, प्रखंड सचिव विजय ओझा, आइसा नेता शाहनवाज खान, शशिकांत चौधरी, जवाहरलाल राम,श्री भगवान राम, बबन राम आदि शामिल थे ।
नालंदा में भी किसानों का यह धरना आरंभ हो गया है जिसमें किसान महासभा के राष्ट्रीय कार्यालय सचिव राजेन्द्र पटेल शामिल हुए । सिवान में किसान महासभा से जुड़े सैंकड़ों किसानों ने मार्च किया और अपनी मांगों को पूरा करने की आवाज उठाई ।