बिमल चक्रवर्ती

धनबाद : धनबाद जिला के तोपचांची प्रखंड स्थित सुभाष चौक में शुक्रवार को आदिवासी कुडमी युवा मंच के तत्वधान में झारखंड, बंगाल, उड़ीसा, मध्य प्रदेश के पूर्वी जनजाति को केंद्र सरकार से अनुसूचित जनजाति की सूची में शामिल करने की मांग को लेकर तोपचांची सुभाष चौक पर कुडमी विरोधी सांसदों के पुतला को सूली पर चढ़ा कर मंच में अपनी मांगों के समर्थन में कुडमी समाज के लोगों ने विरोध के रूप में अपना आक्रोश दिखाया। मंच के नेता मंटू महतो ने उक्त सभा को संबोधित करते हुए कहा कि आदिवासी प्राकृतिक रूप से कुडमी समाज जन्म काल से ही है। हम आदिवासी कल भी थे, आज भी है और कल भी रहेंगे। यह हमारा जन्मसिद्ध अधिकार है। हमारी सभ्यता दुनिया की प्राचीन सभ्यताओं में एक है एवं प्राचीन है। इसका यह स्पष्ट उदाहरण है कि हमारे समाज राज्यों के जिस भू-भाग में गुजर-बसर रहा है। वह क्षेत्र खनिज संपदाओं वन संपदाओं पहाड़ों और नदियों एवं प्राकृतिक के नजदीक है। जहां कालखंड में मानव सभ्यताओं का उत्पत्ति एवं विकास हुआ। जिसकी अपनी भाषा अपनी संस्कृति, पेशा, खान-पान रहन-सहन आदि आज भी विकसित या उन्नत समाज से भिन्न है। प्राकृतिक ही इस समाज का आराध्य रहा है, आगे कहा कि हजारों वर्ष पूर्व के सभ्यता होने के बाद भी यह समाज लोकतांत्रिक आप आज स्वतंत्र देश में 72 वर्षों से अपनी संवैधानिक एवं भौगोलिक अधिकारों से वंचित अपने हक अधिकार न्याय के लिए लगातार सरकार से मांग करते आ रहे हैं। हमारा कुड़मी समाज आदिवासी है विद्वानों की वैज्ञानिकों के राय एवं साक्षी के बाद भी सरकार हमें अपने जन्मसिद्ध अधिकार एवं संवैधानिक अधिकार से वंचित रखे हुए हैं। सन 1947 में आजादी के बाद ही भारत के संविधान निर्माण के साथ ही तत्कालीन सरकार द्वारा सन् 1950 में छलकर या षड्यंत्र कर आजादी के पूर्व के आदिवासी सूची में शामिल 13 जनजाति जिसमें कुडमी समेत में से 12 जनजाति को सरकारी सूची में सूचीबद्ध किया गया और एकमात्र कुडमी जाति को सरकारी सूची से अलग कर दिया। इस कार्यक्रम का संचालन सदानंद महतो तथा धन्यवाद ज्ञापन पूर्व मुखिया प्रेमचंद महतो ने किया। मौके पर हलधर महतो, सरयू प्रसाद महतो, चौधरी चरण महतो, अजय सिन्हा, सौरव माथुर, दिनेश माथुर, शेखर माता, मनोहर महतो, कृष्णा महतो, प्रभु महतो, ओम प्रकाश महतो, सुरेश महतो, देवनारायण महतो,जुगल महतो, गीता देवी,सीता देवी, सरस्वती देवी, कौशल्या देवी, मुन्नी देवी, रजिया देवी, बबीता देवी, मीना देवी, माधुरी देवी, कल्पना देवी, चमेली देवी, चंदा देवी, देवकी देवी, नूरजहां देवी, लक्ष्मी देवी, फतवा देवी, पुनिया देवी, संगीता देवी, तेज नारायण महतो, ओम प्रकाश महतो, आदि सैकड़ों कुडमी समाज के महिला पुरुष मौजूद थे।

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