कार्तिक पूर्णिमा में गंगा स्नान का पौराणिक महत्व:माया श्रीवास्तव
नवराष्ट्र मीडिया ब्यूरो
पटना । समर्थ नारी समर्थ भारत की राष्ट्रीय सह संयोजिका माया श्रीवास्तव ने कहा कि सनातन धर्म संस्कृति में कार्तिक पूर्णिमा के दिन का विशेष महत्व है। आज ही के दिन भगवान विष्णु ने प्रलय काल मे वेदो के रक्षा के लिए तथा सृष्टि को बचाने के लिए मत्स्य अवतार धारण किया था ।
शास्त्रो मे वर्णित है कि कार्तिक पूर्णिमा के दिन पवित्र नदी ,व सरोवर एवं धर्म स्थान मे जैसे गंगा नदी जमुना,गोदावरी, नर्मदा, गंडक, कुरूक्षेत्र, अयोध्या,काशी गंगा नदी, में स्नान कर दान करने से घर की सुख समृद्धि बढ़ती है। पौराणिक महत्व के अनुसार गंगा स्नान से कई तरह के रोगों से भी मुक्ति मिलती है। इस बार गंगा स्नान के दिन चंद्रग्रहण का लगना भी एक मायने में सुखद संयोग है।
श्रीमती श्रीवास्तव पुनाईचक स्थित संस्था कार्यालय में बच्चो के बीच आयोजित फल,मिठाई वो खाने पीने की अन्य सामग्री का वितरण किया और लोगों को ये बातें बताई। कार्यक्रम की अध्यक्षता पुष्पा पाठक ने की और कहा कि अपनी धर्म संस्कृति के बारे में जानकारी रखने की जरूरत है, जिससे प्राचीन काल से ही आ रही संस्कृति का ज्ञान आम लोगो को हो।
कार्यक्रम का संचालन संगठन की प्रदेश महासचिव माला सिन्हा ने किया । उन्होंने कहा कि कार्तिक पूर्णिमा को त्रिपुरारि पूर्णिमा या गंगा स्नान के नाम से भी जाना जाता है । कार्तिक पूर्णिमा को त्रिपुरारि पूर्णिमा की उपाधि इसलिए भी दी गया है ,क्योंकि आज ही के दिन भगवान भोलेनाथ ने त्रिपुरासुर नामक असुर का अन्त किया था और वे त्रिपुरारि के रूप मे पूजित हुए थे ।
वहीं स्मिता सिन्हा ने कहा कि सिख सम्प्रदाय के लोग कार्तिक पूर्णिमा के दिन को प्रकाश पर्व के रूप मे मनाते हैं, क्योंकि आज के ही दिन सिख सम्प्रदाय के संस्थापक गरूनानक देव का जन्म हुआ था । इस अवसर पर उपस्थित महिलाओ मे पूजा तिवारी, पुष्पा पाठक, अनिता मिश्रा , सरिता सिंह, किरण ठाकुर, पूजा ठाकुर, बीना श्रीवास्तव, रेणू देवी ,अंजली ठाकुर, संजू देवी ,निशा वर्मा, गुड़िया देवी ,सीमा मिश्रा ,शोभा सिंह, सीता सिंह, रीना श्रीवास्तव,सीमा मिश्रा, शोभा सिंह सीता सिंह वीना वर्मा, प्रतिमा साहनी आदि महिलाए प्रमुख थी ।