उपभोक्ता अधिकारों के प्रसार और लोगों को उनके अधिकारों और कर्तव्यों के बारे में जागरूक करने में पर अधिकारियों की महत्वपूर्ण भूमिका
विजय शंकर
पटना। उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग, बिहार, पटना के माननीय अध्यक्ष न्यायमूर्ति संजय कुमार की अध्यक्षता में जिले के विभिन्न विभागों के पदाधिकारियों की बैठक हुई जिसमें माननीय न्यायमूर्ति ने उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम, 2019 के विभिन्न प्रावधानों पर प्रकाश डाला। इसमें उपभोक्ता संरक्षण परिषद से संबंधित प्रावधान भी शामिल हैं। उन्होंने उपभोक्ता अधिकारों के प्रसार और लोगों को उनके अधिकारों और कर्तव्यों के बारे में जागरूक करने में जिला के अधिकारियों की महत्वपूर्ण भूमिका पर भी प्रकाश डाला। उन्होंने खरीदी गई वस्तुओं के संबंध में या सेवा प्रदाताओं से सेवाएँ प्राप्त करने के लिए कैश-मेमो/इनवॉयस प्राप्त करने के बारे में भी विस्तार से बताया। जिलाधिकारी, पटना- डॉ. चंद्रशेखर सिंह ने विभिन्न विभागों के पदाधिकारियों को होर्डिंग्स, बैनर, पंपलेट, ई-रिक्शा के माध्यम से उद्घोषणा तथा रेलवे स्टेशन, बैरिया बस स्टैंड, सरस मेला आदि सभी संभावित स्थानों पर नुक्कड़ नाटक के आयोजन के माध्यम से जनता को जागरूक करने का निर्देश दिया गया। 24 दिसंबर को राष्ट्रीय उपभोक्ता दिवस का वृहत स्तर पर आयोजन किया जा रहा है। पदाधिकारियों को उपभोक्ताओं को जागरूक करने के लिए 24 दिसंबर से एक सप्ताह सघन अभियान चलाने का निदेश दिया गया।
जिला उपभोक्ता आयोग, पटना के अध्यक्ष एवं सदस्य ने उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम, 2019 के अंतर्गत ई-कॉमर्स नियम 2020 के बारे में प्रकाश डाला तथा उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम, 2019 की धारा 71 एवं 72 के अंतर्गत दंडात्मक प्रावधानों पर भी प्रकाश डाला, जो जिला से लेकर राष्ट्रीय स्तर तक उपभोक्ता आयोग द्वारा पारित आदेशों की अवहेलना की स्थिति में दिए जाने वाले दंड के संबंध में है, जिसमें एक माह का साधारण कारावास या 25000 रुपये का जुर्माना जो 3 वर्ष तक का कारावास और 1 लाख रुपये तक का जुर्माना या दोनों हो सकता है।
इस मौके पर अध्यक्ष, राज्य उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग, बिहार, पटना, माननीय न्यायमूर्ति संजय कुमार, रजिस्ट्रार, राज्य आयोग- श्री दिग्विजय कुमार (जिला एवं सत्र न्यायाधीश),माननीय अध्यक्ष, जिला उपभोक्ता आयोग- श्री प्रेम रंजन मिश्रा और माननीय सदस्य, जिला उपभोक्ता आयोग- श्री रजनीश कुमार मुख्य रूप से शामिल थे।