पटना समाहरणालय में ‘‘राष्ट्रीय प्रेस दिवस‘‘ का भव्य आयोजन, डीएम डॉ. सिंह ने कहाः प्रशासन एवं मीडिया एक दूसरे के पूरक

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जनहित के मामलों का संरक्षण, संवर्द्धन एवं प्रोत्साहन हम सभी का उद्देश्यः डीएम
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मीडिया रिपोर्टिंग प्रशासन के लिए फीडबैक का काम करता है; आप सतर्क रखते हैं और हमे सतर्क रहना हैः डीएम
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आज के समय में खबरों के तीव्र प्रवाह के साथ-साथ प्रामाणिकता एवं विश्वसनीयता भी आवश्यकः डीएम
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सोशल एवं डिजिटल मीडिया बच्चों के लिए स्कूल के सिलेबस में शामिल किया जाना समय की मांगः डीएम

विजय शंकर

पटना, 16 नवंबर।- जिलाधिकारी, पटना डॉ. चन्द्रशेखर सिंह ने कहा है कि प्रशासन और मीडिया एक-दूसरे के पूरक हैं। स्वस्थ समाज के निर्माण में मीडिया की महत्वपूर्ण भूमिका है। विभिन्न समाचार माध्यमों में जो रिपोर्टिंग की जाती है वह हमलोगों के लिए फीडबैक का काम करता है। वे आज समाहरणालय स्थित सभाकक्ष में राष्ट्रीय प्रेस दिवस के अवसर पर आयोजित एक कार्यक्रम में पदाधिकारियों एवं पत्रकारों को संबोधित कर रहे थे। डीएम डॉ. सिंह ने पत्रकारों को राष्ट्रीय प्रेस दिवस की शुभकामनाएं देते हुए कहा कि मीडिया हमलोगों को सतर्क रखती है एवं हमें सतर्क रहना है। उन्होंने कहा कि मीडिया निःसंदेह लोकतंत्र का चौथा स्तंभ है। आपकी भूमिका कितनी महत्वपूर्ण है यह सिद्ध करने की आवश्यकता नहीं है। सामाजिक कुप्रथाओं को समाप्त करने तथा अच्छी परंपराओं को प्रोत्साहित करने में आप हमेशा अग्रणी रहे हैं।

जिलाधिकारी ने कहा कि हमारे राज्य सरकार द्वारा सूचना एवं जन-सम्पर्क विभाग के तहत बिहार सोशल मीडिया एवं अन्य ऑनलाईन मीडिया नियमावली, 2024 की स्वीकृति दो दिन पूर्व दी गई है। इससे सोशल मीडिया एवं अन्य ऑनलाईन मीडिया को भी लेवल-प्लेईंग फील्ड प्राप्त होगा।

जिलाधिकारी ने कहा कि प्रशासन के अच्छे कार्यों को आप उचित जगह देते हैं इसके लिए आप सभी के प्रति आभार। जनता का फीडबैक भी आप देते हैं। इससे हमलोगों को और बेहतर करने के लिए प्रेरणा मिलती है। उन्होंने कहा कि हम कभी नहीं चाहते हैं कि मीडिया प्रशासन का गुणगान करे। आप आलोचक हैं, मुख्य रूप से आपका काम आलोचना का है, आप समीक्षक हैं, आलोचक हैं, अगर कहीं कोई गड़बड़ी है तो वो आप सामने लाते हैं। उसके कारण सुधार भी होता है। जनता की जो समस्याएं हैं, उसको भी आप सामने लाते हैं तो उसका समाधान होता है। इसलिए हम यह नहीं चाहेंगे कि आप जिला प्रशासन की केवल प्रशंसा करें। आप फीडबैक दें उसका स्वागत है।

जिलाधिकारी ने कहा कि सोशल मीडिया एवं डिजिटल मीडिया के लिए भी एथिकल मानदंड होना चाहिए। इन सभी के लिए ओरिएंटेशन प्रोग्राम का आयोजन होना चाहिए ताकि जनहित के मूलभूत तथ्यों से सभी को अवगत कराया जाए।

जिलाधिकारी ने कहा कि मीडिया में प्रतिस्पर्धा बहुत अधिक है, उसमें प्रतीक्षा करने का समय नहीं है, विकल्प नहीं है। आप चाह कर के भी प्रतीक्षा नहीं कर सकते। इस चीज़ को हम लोग समझते हैं। इसीलिए हम लोगों का यह प्रयास होता है कि यथाशीघ्र सूचनाएं आप तक पहुंचे ताकि आपका काम आसान हो और कोई गलत सूचना नहीं फैले। उन्होंने कहा कि सूचनाओं की गति भी बहुत तेज हुई है। सूचना का जो प्रवाह है उसकी गति बहुत ज्यादा हुई है, विभिन्न माध्यमों से वह बहुत तेजी से फैलती है। खबरें बहुत तेजी से फैलती है इसलिए हम लोगों को थोड़ा और सतर्क रहने की आवश्यकता है। डीएम डॉ. सिंह ने कहा कि आज के समय में खबरों के तीव्र प्रवाह के साथ-साथ प्रामाणिकता एवं विश्वसनीयता भी आवश्यक है। किसी भी समाचार के प्रति अघोषित तौर पर जजमेंटल होना नहीं चाहिए। निष्पक्ष एवं तथ्यपरक ढंग से चीजों को रखा जाए। जहाँ कहीं कमी देखें उसे हाइलाईट करें। इससे तंत्र अलर्ट रहता है। हमलोग इसे फीडबैक के रूप में लेते हैं तथा चीजों को बेहतर करने का प्रयास करते हैं। डीएम डॉ. सिंह ने कहा कि जनहित के मामलों का संरक्षण, संवर्द्धन एवं प्रोत्साहन प्रशासन एवं मीडिया दोनों का उद्देश्य है। उन्होंने कहा कि मीडिया द्वारा जब भी कोई पृच्छा की जाती है तो प्रशासन द्वारा ससमय तथ्यों पर आधारित उत्तर उपलब्ध कराया जाता है।

जिलाधिकारी ने कहा कि यह समय की मांग है कि बच्चों के लिए भी स्कूल में सोशल मीडिया को सिलेबस का भाग बनाया जाना चाहिए ताकि सोशल मीडिया का महत्व, सामाजिक दायित्व, रिएक्ट एवं रिस्पॉन्ड करने के बारे में बच्चों को सही जानकारी हो।

इससे पहले डीएम डॉ. सिंह, विशिष्ट पदाधिकारी अनुभाजन श्री मनोरंजन कुमार, अपर समाहर्ता विशेष कार्यक्रम श्री रवीन्द्र कुमार दिवाकर, जिला जन-सम्पर्क पदाधिकारी, पटना श्री लोकेश कुमार झा एवं अन्य पदाधिकारियों तथा पत्रकार बंधुओं द्वारा दीप प्रज्जवलित कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया गया। डीपीआरओ, पटना श्री झा द्वारा सभी पत्रकारों का स्वागत करते हुए उन्हें राष्ट्रीय प्रेस दिवस की हार्दिक शुभकामना दी गई। भारतीय प्रेस परिषद द्वारा निर्धारित थीम ‘‘चेंजिंग नेचर ऑफ प्रेस’’ पर विषय प्रवेश कराते हुए उन्होंने कहा कि स्वस्थ समाज के निर्माण में मीडिया सदैव अग्रणी रहा है। जनता को जागरूक करने में मीडिया की महत्वपूर्ण भूमिका है। आज के सूचना क्रांति के युग में स्वतंत्र एवं जिम्मेदार मीडिया हमारे लोकतंत्र की रीढ़ है। हमारे जैसे प्रजातांत्रिक देश में मीडिया हित-प्रहरी एवं पथ-प्रदर्शक की दोहरी भूमिका में है। उन्होंने कहा कि जीवंत मीडिया एवं सशक्त नागरिक राज्य तथा राष्ट्र के विकास में उत्प्रेरक-सदृश काम कर रहा है। डीपीआरओ श्री झा ने कहा कि मीडिया हमारे समृद्ध लोकतंत्र को एक नया आयाम देता है।

परिचर्चा में भाग लेते हुए विशिष्ट पदाधिकारी, अनुभाजन श्री मनोरंजन कुमार ने कहा कि मीडिया विकास के लिए अनिवार्य है। अपर समाहर्ता, विशेष कार्यक्रम श्री रवीन्द्र कुमार दिवाकर ने कहा कि इतिहास के हर क्षण में मीडिया ने अपना योगदान दिया है।

कार्यक्रम में अनेक मीडिया प्रतिनिधियों द्वारा भारतीय प्रेस परिषद द्वारा निर्धारित विषय पर आयोजित परिचर्चा में अपना-अपना विचार प्रकट किया गया।

आज के इस अवसर पर अपर जिला दंडाधिकारी, विधि-व्यवस्था श्री राजेश रौशन, अपर नगर आयुक्त, जिलाधिकारी के विशेष कार्य पदाधिकारी श्री संजय कुमार वर्मा, वरीय उप समाहर्ता अर्शी शाहिन, वरीय उप समाहर्ता शिखा, भारतीय सूचना सेवा के अधिकारी श्री धर्मेन्द्र कुमार, बिहार सूचना सेवा के अधिकारीगण मेघना, विनीत कुमार सिन्हा एवं अन्य भी उपस्थित थे।

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राष्ट्रीय प्रेस दिवस, 2024 के अवसर पर जिलाधिकारी, पटना डॉ. चंद्रशेखर सिंह का संबोधन

विजय शंकर

पटना। आज के राष्ट्रीय प्रेस दिवस के अवसर पर इस कार्यक्रम में उपस्थित विशिष्ट पदाधिकारी, अनुभाजन; अपर समाहर्ता विशेष कार्यक्रम; अपर समाहर्ता, विधि-व्यवस्था; जिला जन-संपर्क पदाधिकारी, यहाँ उपस्थित अन्य सभी पदाधिकारीगण और सभी मीडिया के हमारे मित्रगण सबसे पहले आप सभी मीडिया बन्धुओं को राष्ट्रीय प्रेस दिवस की हार्दिक शुभकामना। हमलोग आभारी हैं भारतीय प्रेस परिषद का जिनके दिशा-निदेश के आलोक में इस दिवस का आयोजन होता है। साल में कम से कम 1 दिन बैठकर हम लोग मंथन करते हैं, इस प्रकार का आत्मावलोकन करते हैं। दोनों पक्षों की बात सुनते हैं, सिर्फ एक पक्ष का नहीं। प्रशासन द्वारा क्या किया जा रहा है इसके बारे में विस्तार से आपलोगों ने बताया है। प्रशासन के अच्छे कार्यों को आप उचित जगह देते हैं इसके लिए आप सभी के प्रति आभार। जनता का फीडबैक भी आप देते हैं। इससे हमलोगों को और बेहतर करने के लिए प्रेरणा मिलती है।

आप निश्चित रूप से लोकतंत्र के चौथे स्तंभ हैं। इसमें कोई दो राय नहीं है। मीडिया का मतलब माध्यम है और माध्यम का मतलब है कि जनता तक सही सूचनाएं पहुंचे, सही खबर पहुंचे। ये जनता का अधिकार भी माना गया है। सूचना पहुंचाने वाले आप हैं, आप माध्यम हैं इसलिए आप बहुत ही महत्वपूर्ण है।ं जनता की जो परेशानियां हैं, कठिनाइयां हैं, समस्याएं हैं वो भी हम लोगों तक पहुंचे, तंत्र तक पहुंचे ये भी आपका दायित्व है और इसको आप अच्छी तरह निभाते हैं।

बहुत सारे हमारे वक्ताओं ने कहा कि आजादी की लड़ाई में मीडिया की बहुत बड़ी भूमिका रही है। हर समय की परिस्थितियां अलग रहती है, उद्देश्य अलग रहता है। स्वतंत्रता आंदोलन के समय आजादी सबसे बड़ी चीज थी, वही सबसे बड़ा उद्देश्य था सभी लोग मिलकर उसके लिए लड़े थे। उसके बाद बदलती परिस्थितियों में उद्देश्य हैं उसके लिए मिलकर सभी लोग काम कर रहे हैं। आज की परिस्थिति में हम लोग लोकतांत्रिक व्यवस्था के अंग हैं। लोकतंत्र जनता का, जनता के लिए और जनता के द्वारा शासन है। कार्यपालिका, न्यायपालिका तथा विधायिका इन तीनों का उद्देश्य है जनता का अधिक से अधिक सशक्तिकरण हो उनका कल्याण हो। मीडिया का भी यही उद्देश्य है कि जनता का अधिक से अधिक सशक्तिकरण हो और उनकी कठिनाइयां कम हो, उनका कल्याण हो। हम लोग उद्देश्य देखंे तो हम सभी लोगों का उद्देश्य एक ही है, अलग अलग तरीके हैं, अलग अलग माध्यमों में जिससे हम लोग अपना अपना काम कर रहे हैं। एक दूसरे के हम सभी लोग पूरक हैं, कोई विरोधाभास नहीं है।

जो प्रशासन का दृष्टिकोण है, हम लोग आपकी खबर को बिल्कुल फीडबैक के रूप में लेते हैं। हम कभी नहीं चाहते हैं कि मीडिया प्रशासन का गुणगान करे। आप आलोचक हैं, मुख्य रूप से आपका काम आलोचना का है, आप समीक्षक हैं, आलोचक हैं अगर कहीं कोई गड़बड़ी है तो वो आप सामने लाते हैं। उसके कारण सुधार भी होता है। जनता की कुछ समस्याएं हैं, उसको भी आप सामने लाते हैं तो उसका समाधान होता है। इसलिए हम यह नहीं चाहेंगे कि आप जिला प्रशासन की केवल प्रशंसा करें। आप फीडबैक दें उसका स्वागत है। हम लोग प्रयास करते हैं आपकी बात को चाहे प्रिंट हो, इलेक्ट्रॉनिक हो, डिजिटल मीडिया हो, हम सुझाव-फीड्बैक के रूप में देते हैं। जहाँ तक प्रशासन की खबरों की बात है, प्रशासन के पक्ष की बात है हम लोग प्रयास करते हैं कि समय से मीडिया को सभी सूचना जरूर मिले क्योंकि अब हम लोग देख रहे हैं कि मीडिया में प्रतिस्पर्धा बहुत बड़ी है।
आज का जो विषय है मीडिया का बदलता हुआ स्वरूप तो उसमें हम लोग देख रहे हैं कि आज का मीडिया का जो स्वरूप है, विशेषकर डिजिटल मीडिया और अन्य सब का तो एक तरह से उसमें दो तीन चीज़ें बहुत स्पष्ट दिखती है। एक तो मीडिया में प्रतिस्पर्धा बहुत अधिक है, उसमें प्रतीक्षा करने का समय नहीं है, विकल्प नहीं है। आप चाह कर के भी प्रतीक्षा नहीं कर सकते। इस चीज़ को हम लोग समझते हैं। इसीलिए हम लोगों का यह प्रयास होता है कि यथाशीघ्र सूचनाएं आप तक पहुंचे ताकि आपका काम आसान हो और कोई गलत सूचना नहीं फैले। दूसरा हम लोग देखते हैं कि गति बहुत तेज हुई है। सूचना का जो प्रवाह है उसकी गति बहुत ज्यादा हुई है, विभिन्न माध्यमों से वह बहुत तेजी से फैलती है।

हम सभी एक दूसरे के पूरक हैं। खबरें बहुत तेजी से फैलती है इसलिए हम लोगों को थोड़ा और सतर्क रहने की आवश्यकता है। पहले की तुलना में मीडिया की पहुँच भी बहुत ज्यादा हुई है। बदलते स्वरूप में एक ये भी है कि इसकी पहुँच भी बहुत ग्राउंड लेवल तक हुई है। सोशल मीडिया या डिजिटल मीडिया। एक एक व्यक्ति तक पहुँच हुई है। जो यूट्यूब की बात हो रही थी तो उसमें जरूरी है कि कुछ एथिक्स और कुछ आचार की बातें हों। ऐसा लगता है कि सोशल मीडिया और यूट्यूब आदि के लिए एक एथिकल मानदंड होना चाहिए। इन सभी के लिए एक ओरिएंटेशन प्रोग्राम होना चाहिए और वो आसानी से उपलब्ध भी होना चाहिए। आज कल बहुत सारे प्रोग्राम ऑनलाइन होते हैं, वैसा भी किया जा सकता है। जो लोग इच्छुक हैं ओरिएंटेशन प्रोग्राम कर सकते हैं, देख सकते हैं एवं समझ सकते हैं।
सोशल मीडिया कोर्स को बच्चों के लिए स्कूल के सिलेबस में भी हेाना चाहिए। सोशल मीडिया का क्या महत्त्व है और उसके क्या सामाजिक दायित्व है, उसके बारे में किस बात को, किस ढंग से हम रियेक्ट करें? इसके बारे में स्कूल में बताया जाना चाहिए। सोशल मीडिया पर कुछ लोगों द्वारा कभी-कभी काफी अशोभनीय पोस्ट डाला जाता है। वो एक सामान्य व्यक्ति नहीं कर सकता। इसके लिए जरूरी है कि एक हम लोग स्कूल सिलेबस में इन चीजों को शामिल करें कि सोशल मीडिया को कैसे हैंडल करना है और कैसे रिस्पॉन्ड करना है और कैसे उसको यूज़ करना है। ये समय की डिमांड है।

आज जो चर्चाएं-परिचर्चाएं हुई हैं उसमें सब बातें आई हैं और प्रशासन के लिए जो आप लोगों के कुछ सुझाव हैं उसको हम लोग बिल्कुल स्वीकार करते हैं। उसके लिए हम लोग प्रयास करेंगे और जो अन्य कार्यालयों- स्तरों की भी बात हुई है उसका भी फीडबैक हम लोग सरकार तक पहुंचाएंगे । सूचनाओं का प्रवाह जो है वह निर्बाध रूप से होता रहे और सभी ऑथेंटिक तथ्य जनता तक आता रहे। हम लोग जानते हैं और आपके सामने भी मानते हैं कि आपके लिए चुनौतियां हैं। आप बहुत कठिन परिश्रम करते हैं। हम आपकी जगह पर खुद को रखकर देखते हैं, सोचते हैं और उसी हिसाब से रेस्पॉन्ड करते हैं कि हमसे क्या अपेक्षा करते हैं। हम लोग आपकी मेहनत से और आपकी मनःस्थिति जो है उससे पूरी तरीके से परिचित हैं और वाकिफ हैं और हम लोग आपकी प्रशंसा करते हैं। आज के इस अवसर पर आप लोगों को पुनः बहुत शुभकामना और आप लोग कभी-कभी शॉर्ट नोटिस पर भी इतनी बड़ी मात्रा में उपस्थित हो जाते हैं उसके लिए आपका आभार जिला प्रशासन की तरफ से। बहुत बहुत धन्यवाद।

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