खुले में निर्माण सामग्रियों के परिवहन पर रोक; पदाधिकारी इसका अनुपालन सुनिश्चित करायें: डीएम
धूल तथा पार्टिकुलेट मैटर में वृद्धि को रोकने के लिए निरोधात्मक तथा उपचारात्मक कार्रवाई करेंः डीएम ने दिया निदेश
vijay shankar
पटना : जिला पदाधिकारी, पटना श्री शीर्षत कपिल अशोक की अध्यक्षता में आज समाहरणालय स्थित सभाकक्ष में वायु प्रदूषण के रोक-थाम एवं नियंत्रण हेतु गठित जिला-स्तरीय क्रियान्वयन समिति की बैठक आयोजित की गई। पटना शहर के परिवेशीय वायु प्रदूषण नियंत्रण के लिए सभी स्टेकहोल्डर्स की सक्रिय सहभागिता का आह्वान किया गया।
ज़िलाधिकारी श्री शीर्षत कपिल अशोक ने सभी संबद्ध पदाधिकारियों को पर्यावरण सुरक्षा हेतु वैज्ञानिक तरीके से एवं मिशन मोड में काम करने का निदेश दिया। सभी क्षेत्रीय पदाधिकारी शैक्षणिक संस्थानों सहित गाँव-गाँव में जागरूकता अभियान एवं संवेदीकरण कार्यशाला आयोजित कर लोगों को प्रोत्साहित करेंगे।
डीएम द्वारा विभिन्न विभागों यथा परिवहन, यातायात, नगर निकायों, पथ निर्माण, खनन, कृषि, प्रदूषण नियंत्रण आदि के कार्यों की समीक्षा की गई तथा अद्यतन प्रगति का जायजा लिया गया। उन्होंने कहा कि पर्यावरण संरक्षण एवं संवर्द्धन के प्रति सभी भागीदारों (स्टेकहोल्डर्स) को सजग, तत्पर तथा प्रतिबद्ध रहना पड़ेगा। अन्तर्विभागीय समन्वय स्थापित करते हुए वायु प्रदूषण को कम करने के लिए सबको सक्रिय रहना होगा। कार्य योजना के अनुसार वैधानिक प्रावधानों का अनुपालन सुनिश्चित किया जाए ताकि वायु की गुणवता में निरंतर सुधार हो।
बिहार राज्य प्रदूषण नियंत्रण पर्षद के अधिकारी द्वारा बताया गया कि वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) में सुधार के लिए पटना नगर निगम, परिवहन, वन विभाग सहित सभी संबंधित विभागों द्वारा इस दिशा में नियमित अभियान चलाया जा रहा है। मिस्ट कैनन मशीन, पानी के छिड़काव, मिस्ट गन इत्यादि माध्यमों से प्रदूषण नियंत्रण हेतु कार्रवाई की जा रही है।
जिलाधिकारी द्वारा सभी विभागों एवं एजेंसियों के पदाधिकारियों को निदेश दिया गया कि कार्य योजना के अनुसार नियमित तौर पर कार्रवाई की जाए।
डीएम ने कहा कि इस वित्तीय वर्ष में मनरेगा के तहत साढ़े पाँच लाख से अधिक पौधा लगाया गया है। पूरे जिला में बड़े पैमाने पर सघन जागरूकता अभियान चलाया जाता है।
अपर जिला परिवहन पदाधिकारी द्वारा बताया गया कि प्रदूषण फैलाने वालों वाहनों के विरूद्ध नियमित तौर पर कार्रवाई की जाती है। इस मामले में वर्ष 2023 तथा जनवरी, 2024 में पीयूसी फेल 1,213 वाहनों के विरुद्ध 1 करोड़ 21 लाख 30 हजार रुपया दंड लगाया गया है। डीएम श्री शीर्षत कपिल अशोक ने जिला परिवहन पदाधिकारी को सघन अभियान चलाकर वाहनों के प्रदूषण अंडरकंट्रोल प्रमाण-पत्र की जाँच करने एवं कार्रवाई करने का निदेश दिया। ट्रैफिक लाईट के नजदीक वाहनों के परिचालन हेतु निर्धारित दिशा-निदेशों के बारे में चालकों को जागरूक करने के लिए जिला परिवहन पदाधिकारी को ओरिएन्टेशन वर्कशॉप आयोजित करने का निदेश दिया गया। अपर जिला दण्डाधिकारी (आपूर्ति) को पेट्रोल पंप का नियमित तौर पर औचक निरीक्षण कराने का निदेश दिया गया। जिला शिक्षा पदाधिकारी को विद्यालयों में जागरूकता अभियान चलाने का निदेश दिया गया ताकि बच्चों के माध्यम से समाज में पर्यावरण सुरक्षा के प्रति संवेदनशीलता प्रसारित की जा सके।
जिलाधिकारी श्री शीर्षत कपिल अशोक ने कहा कि पटना मेट्रो, पुल निर्माण निगम, बीएसआरडीसीएल एवं अन्य संबंधित एजेंसी वायु प्रदूषण नियंत्रण हेतु दिशा-निदेशों का अक्षरशः अनुपालन करें। निर्माण कार्यों के कारण धूल तथा पार्टिकुलेट मैटर में वृद्धि को रोकने के लिए निरोधात्मक तथा उपचारात्मक कार्रवाई करें। ग्रीन कॉवर लगाकर निर्माण कार्य किया जाए। खुले में सामग्रियों का परिवहन न करें। जिलाधिकारी द्वारा सभी अनुमण्डल पदाधिकारियों को निदेश दिया गया कि निर्माण कार्यों में संलग्न कंपनियों तथा एजेंसियों से पर्यावरण मानकों का अनुपालन सुनिश्चित कराएं। उन्होंने निदेश दिया कि जो इसका उल्लंघन करते हैं उनके विरूद्ध नियमानुसार कार्रवाई करें।
जिलाधिकारी द्वारा पथ निर्माण विभाग, भवन निर्माण विभाग तथा अन्य निर्माण एजेंसियों के प्रतिनिधियों को निदेशित किया गया कि किसी भी प्रकार की निर्माण सामग्री सड़क पर खुला न छोड़ें। जब कार्य समाप्त हो जाए तो सम्पूर्ण सामग्री संबंधित स्थल से हटा लिया जाए। डीएम ने निदेश दिया कि जो भी निर्माण सामग्री वाहनों द्वारा ढुलाई की जाती है उसे कवर कर ही ढुलाई करें। जिला परिवहन पदाधिकारी यह सुनिश्चित करेंगे कि ऐसे वाहनों का परिचालन निर्धारित मानदंडों के अनुसार हो रहा है। मोटर यान निरीक्षकों से इसका नियमित जाँच कराने तथा उल्लंघन करने वाले वाहनों के विरूद्ध नियमानुसार जुर्माना लगाने का निदेश दिया गया।
जिलाधिकारी द्वारा महाप्रबंधक, जिला उद्योग केन्द्र को विभाग द्वारा निर्धारित प्रावधानों का अनुपालन सुनिश्चित कराने का निदेश दिया गया। फ्लाई ऐश मैनेजमेंट तथा प्रदूषण नियंत्रण हेतु एनजीटी द्वारा जारी दिशा-निदेश के अनुरूप कार्य किया जाए। महाप्रबंधक, जिला उद्योग केन्द्र को निदेश दिया गया कि किसी भी नए उद्योग को लाईसेंस देने से पूर्व बिहार राज्य प्रदूषण नियंत्रण पर्षद से नियमानुसार अनापति प्रमाण पत्र लिया जाना सुनिश्चित की जाए।
जिलाधिकारी द्वारा 15वीं वित्त आयोग से प्रदूषण मद में आवंटित राशि का नियमानुसार व्यय करने तथा व्यय की गई राशि का शीघ्र उपयोगिता प्रमाण पत्र जमा करने का निदेश दिया गया।
जिलाधिकारी श्री शीर्षत कपिल अशोक ने कहा कि प्रदूषण नियंत्रण हेतु अल्पकालीन एवं दीर्घकालीन उपायों को लागू करना जनहित में आवश्यक है। हम सभी को पर्यावरण सुरक्षा हेतु संवेदनशीलता प्रदर्शित करनी पड़ेगी।