डीएम की अध्यक्षता में पुनपुन अंतर्राष्ट्रीय पितृपक्ष मेला, 2024 के आयोजन के संबंध में बैठक हुई

अन्तर्विभागीय समन्वय की आवश्यकता पर डीएम ने दिया बल

उत्कृष्ट भीड़-प्रबंधन, सुचारू यातायात व्यवस्था तथा सुदृढ़ विधि-व्यवस्था संधारण प्रशासन की सर्वाेच्च प्राथमिकता; सभी पदाधिकारी इसके लिए सजग, तत्पर तथा प्रतिबद्ध रहेंः डीएम

विजय शंकर

पटना, सोमवार, दिनांक29 जुलाई ।जिलाधिकारी, पटना डॉ. चन्द्रशेखर सिंह की अध्यक्षता में आज समाहरणालय स्थित सभाकक्ष में पुनपुन अंतर्राष्ट्रीय पितृपक्ष मेला, 2024 के सफल आयोजन हेतु बैठक हुई। यह मेला दिनांक 17 सितम्बर, 2024 से 02 अक्टूबर, 2024 तक होना निर्धारित है।

डीएम डॉ. सिंह ने कहा कि पुनपुन अन्तर्राष्ट्रीय पितृपक्ष मेला का पर्यटन के दृष्टिकोण से काफी महत्व है। यहाँ नेपाल, भूटान सहित देश-विदेश से हजारों की संख्या में तीर्थ-यात्री, श्रद्धालुगण एवं पर्यटक पहुँचते हैं। पुनपुन नदी को पितृ तर्पण की प्रथम वेदी के रूप में स्वीकार किया गया है। पुनपुन नदी पिंडदान स्थल पर पहुँचकर लोग अपने पितरों की आत्मा की चिरशांति के लिए पिंडदान एवं तर्पण करते हैं। डीएम डॉ. सिंह ने कहा कि इस वर्ष भी मेला में काफी बड़ी संख्या में तीर्थ यात्रियों एवं पर्यटकों के आने की संभावना है। अतः हम सबको सुदृढ़ प्रशासनिक व्यवस्था करते हुए तत्पर एवं मुस्तैद रहना होगा। सम्बद्ध सभी विभागों के पदाधिकारियों को आपस में समन्वय करते हुए मेला का सफल आयोजन सुनिश्चित करना होगा। पर्यटन, राजस्व, रेलवे, लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण प्रमण्डल, नगर पंचायत, आपदा प्रबंधन, अग्निशमन, यातायात, परिवहन सहित सभी विभागों को ससमय दायित्वों का निर्वहन करना होगा।

डीएम डॉ. सिंह द्वारा कार्यपालक पदाधिकारी, नगर पंचायत, पुनपुन को निदेश दिया गया कि पूर्व से अधिष्ठापित सभी एलईडी हाई-मास्ट लाईट को नगर पंचायत द्वारा क्रियाशील रखा जाए। संबंधित पदाधिकारियों को मेला क्षेत्र में अस्थायी नियंत्रण कक्ष के साथ-साथ पर्यटक सहायता-सह-सुविधा केन्द्र (हेल्पलाईन तथा मे आई हेल्प यू काउंटर) की स्थापना करने तथा वीडियो कैमरा/सीसीटीवी के द्वारा निगरानी करने का निदेश दिया गया। जिला प्रशासन द्वारा श्रद्धालुओं की सुविधा हेतु अस्थायी टेंट का निर्माण किया जाएगा। आपदा प्रबंधन के दृष्टिकोण से बैरिकेडिंग, नाव, गोताखोर एवं एनडीआरएफ/एसडीआरएफ की प्रतिनियुक्ति की जाएगी। क्यूआरटी सक्रिय रहेगा। सम्पूर्ण मेला परिसर का एन्टी-सैबोटाज जाँच सुनिश्चित किया जाएगा। श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए पुनपुन घाट रेलवे हॉल्ट एवं पुनपुन स्टेशन पर रेलगाड़ियांे के अल्पकालीन ठहराव के लिए अनुमंडल पदाधिकारी को मंडल रेल प्रबंधक, दानापुर को अनुरोध पत्र भेजने का निदेश दिया गया।

गौरतलब है कि मान्यताओं के अनुसार पितृपक्ष अवधि में पहला पिंडदान पुनपुन नदी के ही तट पर किया जाता रहा है। इसलिए इस स्थान को प्रथम अतर्राष्ट्रीय पिंडदान स्थल के नाम से जाना जाता है। तदुपरांत श्रद्धालु गया में भी पिंडदान तर्पण करते हैं।

बैठक में अनुमंडल पदाधिकारी, मसौढ़ी श्री अमित कुमार पटेल ने मेला के सफल आयोजन हेतु पीपीटी के माध्यम से पूर्व तैयारी से संबंधित विवरणी प्रस्तुत किया। आयोजन समिति के सदस्यों द्वारा अपना सुझाव दिया गया। पितृपक्ष मेला के दौरान पधारने वाले श्रद्धालुओं के लिए पेयजल, साफ-सफाई, प्रकाश, यातायात एवं परिवहन, आवासन, सुरक्षा व्यवस्था, हेल्प डेस्क काउंटर एवं अन्य महत्वपूर्ण बिन्दुओं पर तैयारी को लेकर विचार-विमर्श किया गया तथा जिलाधिकारी द्वारा आवश्यक निदेश दिया गया।

डीएम डॉ. सिंह ने साफ-सफाई, पेयजल की उपलब्धता, शौचालय, स्नानागार एवं चेंजिंग रूम, विद्युत आपूर्ति, यातायात प्रबंधन, रेलवे संबंधित सुविधा, पर्यटन संबंधी व्यवस्था, विधि-व्यवस्था सहित सभी पहलुओं पर एक-एक कर समीक्षा की तथा आवश्यक निदेश दिया। उन्होंने इन सभी बिन्दुओं पर त्रुटिहीन व्यवस्था सुनिश्चित करने का निदेश दिया।

डीएम डॉ. सिंह ने कहा कि अनुमंडल पदाधिकारी एवं अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी, मसौढ़ी मेला के सफल आयोजन हेतु नोडल पदाधिकारी रहेंगे। दोनों अधिकारी नियमित तौर पर तैयारियों की समीक्षा करेंगे।

साफ-सफाई- डीएम डॉ. सिंह ने कहा कि देश-विदेश से आने वाले श्रद्धालुओं की सुख-सुविधा के दृष्टिगत सम्पूर्ण मेला परिसर, पूजा स्थल एवं आवासन स्थल के आस-पास पूरे मेला अवधि के दौरान साफ-सफाई आवश्यक है। इस हेतु साफ-सफाई एवं फॉगिंग की व्यवस्था प्रतिदिन 03 पालियों में की जाएगी। इसके लिए अतिरिक्त यूरिनल, डस्टबीन तथा महिलाओं एवं पुरूषों हेतु अलग-अलग वॉशरूम आदि की व्यवस्था की आवश्यकता है। डीएम डॉ. सिंह ने नगर पंचायत, पुनपुन के कार्यपालक पदाधिकारी को साफ-सफाई सुनिश्चित कराने का निदेश दिया।

पेयजल- डीएम डॉ. सिंह ने कहा कि पितृपक्ष मेला के अवसर पर पेयजल की समुचित व्यवस्था आवश्यक है। उन्होंने अनुमण्डल पदाधिकारी को पीएचईडी की सहायता से मेला परिसर में प्रमुख स्थानों यथा बस स्टैंड, पार्किंग स्थल, नियत्रंण कक्ष तथा पूजा स्थल के आस-पास पेयजल की आपूर्ति हेतु वाटर टैंक, वाटर एटीएम, जलदूत की प्रतिनियुक्ति सुनिश्चित करने का निदेश दिया। स्थायी रूप से लगे चापाकलों की आवश्यकतानुसार मरम्मति एवं शुद्ध पानी की आपूर्ति हेतु चापाकलों में हैलोजन टैबलेट की आपूर्ति की जाएगी।

शौचालय एवं चेंजिंग रूम- डीएम डॉ. सिंह ने सम्पूर्ण मेला अवधि के दौरान आगन्तुक श्रद्धालुओं के सुख-सुविधा के दृष्टिगत मेला परिसर में पूर्व से निर्मित स्थायी शौचालय के अतिरिक्त विभिन्न स्थानों पर अस्थायी चलंत शौचालयों की व्यवस्था, सभी पूजा घाटों पर अस्थायी चेंजिंग रूम का निर्माण, शौचालयों की नियमित साफ-सफाई हेतु सफाई कर्मियों की प्रतिनियुक्ति करने का निदेश दिया।

चिकित्सा व्यवस्था- डीएम डॉ. सिंह ने स्वास्थ्य विभाग के पदाधिकारियों को सुदृढ़ चिकित्सा सुनिश्चित करने का निदेश दिया। मेला अवधि के दरम्यान आकस्मिक स्थिति से निपटने हेतु 24*7 पालीवार चिकित्सक एवं पारा मेडिकल कर्मी की प्रतिनियुक्ति, जीवनरक्षक दवा एवं एबुलेंस की व्यवस्था, ब्लीचिंग पाउडर का छिड़काव, मेडिकल सहायता केन्द्र का प्रचार-प्रसार हेतु फ्लैक्स एवं बैनर की व्यवस्था रहेगी।

विधि व्यवस्था- डीएम डॉ. सिंह ने कहा की 03 पालियों में 24*7 दंडाधिकारी एवं पुलिस पदाधिकारी की प्रतिनियुक्ति की जाए। अस्थायी नियंत्रण कक्ष एवं हेल्पलाईन नम्बर की व्यवस्था, मे आई हेल्प यू काउंटर एवं फ्लेक्स/बैनर तथा काउंटर पर कर्मियों की प्रतिनियुक्ति की जाएगी। सीसीटीवी के द्वारा निगरानी की जाएगी।

विद्युत व्यवस्था -डीएम डॉ. सिंह ने विद्युत कार्यपालक अभियंता को मेला अवधि तक 24 घंटे निर्बाध रूप से विद्युत आपूर्ति की व्यवस्था सुनिश्चित करने का निदेश दिया। मेला परिसर, घाट, टेंपू स्टैंड, हाट एवं पार्किंग स्थल आदि स्थानों पर जर्जर विद्युत पोल एवं तारों की जॉंचोपरांत मरम्मति तथा विद्युत की वैकल्पिक व्यवस्था करने का निदेश दिया गया।

आपदा प्रबंधन- डीएम डॉ. सिंह ने कहा कि पुनपुन नदी के जलस्तर में वृद्धि की संभावना से इंकार नही किया जा सकता है। अतएव सुरक्षा के दृष्टिगत आवश्यक कार्रवाई अपेक्षित है। प्रमुख पूजा घाटों पर बैरिकेडिंग, एनडीआरएफ/एसडीआरएफ की टीम की प्रतिनियुक्ति, नाविक एवं गोताखोर की प्रतिनियुक्ति के लिए अपर समाहर्ता, आपदा प्रबंधन को निदेश दिया गया।

अग्निशमन- सुरक्षा एवं विधि व्यवथा के दृष्टिगत मेला अवधि के दरम्यान मेला परिसर में पर्याप्त संख्या में ‘‘फायर बिग्रेड टीम’’ की प्रतिनियुक्ति, अग्निशमन वाहन की उपलब्धता जिला अग्निशमन पदाधिकारी सुनिश्चित करेगें।

पार्किंग- मेला अवधि के दरम्यान आने वाले सभी छोटे-बडे़ वाहनों का ठहराव एसएमडी कॉलेज, श्रीपालपुर, पुनपुन के परिसर में पार्किंग हेतु स्थल का चयन किया गया है। डीएम डॉ. सिंह ने कहा कि पार्किंग स्थल के पास सुरक्षा एवं विधि व्यवस्था के दृष्टिगत पुलिस पदाधिकारी की प्रतिनियुक्ति, अस्थायी शौचालय, पेयजल, प्रकाश आदि की व्यवस्था सुनिश्चित करेें।

रेलवे सुविधा- अनुमंडल पदाधिकारी द्वारा बताया गया कि पितृपक्ष मेला के अवसर पर बहुतायत संख्या में श्रद्धालु एवं पर्यटकगण का आगमन रेलमार्ग द्वारा भी होता है। स्थानीय समाजसेवियों एवं पंडा समिति के सदस्यों द्वारा बताया गया कि सुरक्षा के दृष्टिगत पुनपुन रेलवे स्टेशन एवं नदी घाट रेलवे हॉल्ट पर सभी ट्रेनों का ठहराव एवं मेला अवधि तक रेलवे हॉल्ट पर अल्पकालीन ठहराव अपेक्षित है। डीएम डॉ. सिंह ने ट्रेनों के ठहराव, स्टेशन परिसर में प्रकाश एवं साफ-सफाई की सुविधा, सुरक्षा व्यवस्था के संबंध में अनुमंडल पदाधिकारी को दानापुर रेल मंडल कोे पत्र देने का निदेश दिया।

पर्यटन सुविधा -पितृपक्ष मेला के अवसर पर देश-विदेश से आगन्तुक पर्यटकों की सुविधा हेतु बिहार के पर्यटकीय स्थलों का व्यापक प्रचार-प्रसार एवं अन्य पर्यटन संबंधी जानकारियों के लिए मेला परिसर में अस्थायी पर्यटन स्टॉल एवं पर्यटक सहायता-सह-सुविधा केन्द्र का निर्माण पर्यटन विभाग द्वारा किया जाता है। डीएम डॉ. सिंह ने विभिन्न प्रमुख स्थानों पर होर्डिंग-बैनर के माध्यम से व्यापक प्रचार-प्रसार करने का निदेश दिया ताकि पर्यटकों को गंतव्य स्थल तक पहॅुंचने में सुविधा हो। पुनपुन अंतर्राष्ट्रीय प्रथम पिंडदान स्थल पर निर्मित शहीद रामानंद सिंह-रामगोविन्द सिंह स्मृति पार्क, यात्री शेड एवं नदी घाट की मरम्मतिकरण तथा रंग-रोगन कार्य भी करने का निदेश दिया गया।

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पुनपुन अंतर्राष्ट्रीय प्रथम पिंडदान स्थल- एक झलक
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‘‘पुनपुन’’ एक परम प्राचीन पुनीत तीर्थ धाम है, जहाँ देश-विदेश से हजारों-लाखों की संख्या में तीर्थ यात्री एवं पर्यटक पुनपुन नदी पिंडदान स्थल पर पहॅुंच कर अपने पितरों की आत्मा की चिरशांति के लिए पिंडदान एवं तर्पण करते हैं। पुनपुन नदी को आदि गंगा भी कहा गया है। ‘‘आदि गंगे पुनःपुना’’। मान्यताओं के अनुसार पितृपक्ष अवधि में पहला पिंडदान पुनपुन नदी के ही तट पर किया जाता रहा है। इसीलिए इस स्थान को प्रथम अतर्राष्ट्रीय पिंडदान स्थल के नाम से जाना जाता है। तदुपरांत श्रद्धालु गया में भी पिंडदान तर्पण करते हैं।

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डीएम डॉ. सिंह द्वारा ग्रामीण कार्य विभाग एवं पथ निर्माण विभाग, मसौढ़ी के कार्यपालक अभियंताओं को पिंडदान स्थल से पुनपुन बाजार होते हुए पुनपुन-अकबरपुर पथ तथा पटना-गया एनएच-83 राष्ट्रीय राजमार्ग के नजदीक पिंडदान/पूजास्थल तक मार्गों को सुचारू रखने एवं आवश्यकतानुसार मरम्मति करने सुनिश्चित करने का निदेश दिया गया।

डीएम डॉ. सिंह ने कहा कि उत्कृष्ट भीड़-प्रबंधन, सुचारू यातायात व्यवस्था तथा सुदृढ़ विधि-व्यवस्था संधारण प्रशासन की सर्वाेच्च प्राथमिकता है। सभी पदाधिकारी इसके लिए सजग, तत्पर तथा प्रतिबद्ध रहेंगे।

इस बैठक में जिलाधिकारी के साथ सिविल सर्जन, अपर समाहर्ता, अपर समाहर्त्ता आपदा प्रबंधन, जिला परिवहन पदाधिकारी, अनुमंडल पदाधिकारी मसौढ़ी, कार्यपालक अभियंता विद्युत/पीएचईडी सहित अन्य भी उपस्थित थे।

डीपीआरओ, पटना

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