जारी रहेंगी कोरोना सेवाएं, ओपीडी रहेगी बंद, तय ओप्रेशन भी नहीं होंगे

नई दिल्ली : किसानों के बाद अब डॉक्टर भी मंगलवार से सड़कों पर उतरने जा रहे हैं। 11 दिसम्बर को डॉक्टर देश भर में 10,000 से अधिक सार्वजनिक स्थलों पर विरोध प्रदर्शन करेंगे। डॉक्टरों ने केंद्रीय चिकित्सा परिषद की ओर से जारी अधिसूचना के खिलाफ यह विरोध प्रदर्शन करने का फैसला किया है। इस अधिसूचना के तहत स्नातकोत्तर आयुर्वेद सर्जरी के छात्रों को भी आधुनिक चिकित्सा और शल्य चिकित्सा प्रक्रियाओं का अध्ययन करने और अभ्यास करने की मंजूरी दी गई है। इसी वजह से देश भर के डॉक्टर खफा हैं।
भारतीय मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) ने सोमवार को बताया कि 11 दिसंबर को सुबह छह बजे से शाम छह बजे तक प्रदर्शन किए जाएंगे। इस दौरान गैर अनिवार्य और गैर कोविड-19 सेवाएं बाधित रहेंगी। आईएमए ने बताया कि सभी आपातकालीन सेवाएं जारी रहेंगी। ओपीडी सेवाएं उपलब्ध नहीं होंगी और पहले से तय ऑपरेशन भी नहीं किए जाएंगे। आईएमए का कहना है कि वन सिस्टम पॉलिसी, आधुनिक चिकित्सा व्यवस्था को पूरी तरह खत्म कर देगी।
आईएमए के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉक्टर राजन शर्मा का कहना है कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 द्वारा चिकित्सा बहुलतावाद की वकालत करने और सभी चिकित्सा प्रणालियों के मिश्रण के लिए नीति आयोग की चार समितियां बड़े सबूत के रूप में सामने आई हैं। वन सिस्टम पॉलिसी आधुनिक चिकित्सा तंत्र को पूरी तरह खत्म कर देगी। आईएमए के अनुसार आर्युवेद चिकित्सकों द्वारा सर्जरी के कानूनी अभ्यास की अनुमति के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया जाएगा।

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