vijay shankar
पटना : 23 सितंबर 2022 को पूर्णिया में अमित शाह के भाषण का बिंदुवार जवाब देते हुए जदयू प्रवक्ता नीरज कुमार ने दावा किया है कि यह जद(यू0) की राजनीतिक जीत है कि अमित शाह के सीमांचल में सामाजिक उन्माद फैलाने से पहले ही हमने भाजपा के झूठ का पर्दाफाश कर दिया था, जिससे अमित शाह को सीमांचल में माहौल बिगाड़ने का मौका ही नहीं मिला। प्रवक्ता नीरज कुमार ने बताया पूर्णिया में रैली को संबोधित करते हुए अमित शाह ने कहा कि सीमांचल के लोग डरे हुए हैं जबकि नीरज कुमार कुमार ने अमित शाह के इस दावे की सच्चाई बताते हुए कहा कि सरकारी आंकड़ों के मुताबिक सीमांचल क्षेत्र में न केवल बिहार के अन्य हिस्सों से बल्कि पड़ोसी राज्य उत्तर प्रदेश से भी सबसे कम संज्ञेय अपराध है।
एक संवाददाता सम्मेंलन कर प्रवक्ता नीरज कुमार ने पलटवार करते हुए कहा कि अमित शाह ने दावा किया कि नीतीश कुमार ने राजद से हाथ मिलाकर अपनी राजनीतिक विचारधारा से समझौता किया है, जबकि जयप्रकाश नारायण, राममनोहर लोहिया, कर्पूरी ठाकुर और बी0पी0 मंडल जैसे समाजवादी राजनीतिक दिग्गजों की छत्रछाया में एक ही विचारधारा के साथ नीतीश कुमार और लालू यादव दोनों ही राजनीति में आए।
जेपी आंदोलन में दोनों ने तत्कालीन सरकार के अधिनायक वादी रवैये का जमकर विरोध किया व जेपी आंदोलन में अहम भूमिका निभाई। और एक बार फिर से अमित शाह और नरेंद्र मोदी की बढ़ती तानाशाही के विरोध में दोनों एक साथ आ गए हैं। जबकि जेपी के नेतृत्व में समाजवादी आंदोलन में शामिल होने वाली भाजपा ने अपनी विचारधारा के साथ समझौता कर के हिंदुत्व चुना। बीजेपी ने सत्ता में बने रहने के लिए जातिगत जनगणना, उच्च जनसंख्या वृद्दि और जनसंख्या नियंत्रण कानून जैसे कई मुद्दों पर नीतीश कुमार और समाजवादी विचारधारा के साथ समझौता किया। बिहार में भाजपा नेतृत्व इन मुद्दों पर हमेशा विवादास्पद बयान देता रहता है जबकि इसके उलट डाॅ0 संजय जायसवाल ने नीतीश कुमार के शिक्षा, स्वास्थ्य और जागरूकता के द्वारा जनसंख्या नियंत्रण के मॉडल को स्वीकार किया। लेकिन गिरिराज सिंह जैसे भाजपा नेता इसके विपरीत उल-जलूल बयान देते रहते हैं। एक ही पार्टी में एक ही मुद्दे पर दो तरह के विपरीत बयान?
प्रवक्ता नीरज कुमार ने कहा कि अमित शाह को इतिहास पढ़ने की जरूरत है क्योंकि नीतीश कुमार पार्टी के अध्यक्ष के रूप में श्रद्धेय जाॅर्ज फर्नांडीस जी को हटाकर खुद अध्यक्ष नहीं बने थे । अमित शाह ने झूठ बोल रहे हैं कि सीमांचल के लोगों को पलायन करने के लिए मजबूर किया जा रहा है। वहां एसटी समुदाय की आबादी में कोई कमी नहीं है। नीरज कुमार ने कहा कि बीजेपी की झूठ मशीन आईटी सेल ने बिना सच्चाई जाने शाह का भाषण तैयार किया।
पार्टी प्रवक्ता नीरज कुमार ने अमित शाह के 135 लाख करोड़ के पैकेज के झूठे दावे पर जवाब देते हुए कहा कि वर्तमान राष्ट्रीय अध्यक्ष माननीय ललन सिंह जी द्वारा उन्हें विधान परिषद में दिए गए स्पष्टीकरण के संबंध में उल्लेख किया। 16 मार्च 2017 को बिहार विधान परिषद में दिए ललन जी के जवाब का जिक्र करते हुए नीरजकुमार ने दावा किया कि 2015 में मोदी 125 लाख करोड़ रुपये के पैकेज की घोषणा की थी, जिनमें में से 108665 करोड़ रुपये केंद्र सरकार द्वारा बिहार सरकार के लिए जारी किए जाने वाले पुराने फंडों की रीपैकेजिंग थी।
अमित शाह ने कहा कि मोदी सरकार ने बिहार में एक करोड़ से ज्यादा परिवारों को घर दिया है। लेकिन आंकड़ें उनके झूठ को बेनकाब कर देते हैं। सच्चाई ये है कि 2010 से 2022 तक 51 लाख परिवारों को ही घर निर्माण के लिए फंड मिला, जिसमें यूपीए सरकार द्वारा इंदिरा आवास योजना नहीं शामिल है।
अमित शाह पूर्णिया में एयरपोर्ट बनाने की बात भी कर रहे थे। लेकिन सवाल यह है कि उस हवाई अड्डे का उपयोग कौन कर रह है? दरभंगा के बीच हवाई यात्रा का अनियंत्रित किराया लोगों की पहुंच से बाहर है। दरभंगा और दिल्ली के बीच एक तरफ का किराया 25-30 हजार तक हो गया है। कल्पना कीजिए कि एक आम आदमी इतने महंगे किराए के साथ यात्रा कर सकता है? इस हवाई अड्डे का उपयोग केवल अमित शाह और इस देश के अब तक के सबसे महंगे प्रधानमंत्री द्वारा ही किया जाएगा। नीरज कुमार ने कहा कि अमित शाह नीतीश सरकार द्वारा किए गए कार्यों का हिसाब मांग रहे हैं। कितनी अजीब बात है क्योंकि उन्हें मोदी सरकार द्वारा बनाए गए सीमांचल में एक पुल याद है लेकिन बिहार सरकार के द्वारा बनाए गए 121 पुल वह भूल जाते हैं। सीमा सुरक्षा के लिए बनी डीबी 50 सड़क जो सीमा सुरक्षा के साथ-साथ 16 जिले की पंचायतें के लिए सुविधाजनक साबित हो रही इसके बारे में कुछ नहीं पता। मोदी सरकार ही है, जिसने नीतीश सरकार की जल नल योजना जैसे कई विकास कार्यक्रमों की नकल की। नीतीश पर आरोप लगाते हुए इन्हें शर्म आनी चाहिए।
पार्टी के युवा नेता अनु प्रिया ने कहा कि एक युवा होने के नाते मैं उम्मीद कर रही थी कि देश के गृह मंत्री सीमांचल के लिए कम से कम एक केंद्रीय विश्वविद्यालय की घोषणा करेंगे लेकिन इसके बजाय उन्होंने एपीजे अब्दुल कलाम कृषि काॅलेज का श्रेय लेने की कोशिश की जबकि एपीजे अब्दुल कलाम कृषि काॅलेज पूरी तरह से बिहार सरकार द्वारा निर्मित और संचालित है जिसकी घोषणा 2013 में बिहार सरकार ने की थी, जो 2017 में बनकर तैयार हुआ। । 2018 में नीतीश सरकार द्वारा इसमें मत्स्य पालन की पढ़ाई प्रारंभ कर दिया गया। साथ ही साथ पशु विज्ञान की पढ़ाई के लिए राज्य मंत्री परिषद से स्वीकृत ले कर 2023 से पढ़ाई प्रारंभ हो जायगी।
पटना : 23 सितंबर 2022 को पूर्णिया में अमित शाह के भाषण का बिंदुवार जवाब देते हुए जदयू प्रवक्ता नीरज कुमार ने दावा किया है कि यह जद(यू0) की राजनीतिक जीत है कि अमित शाह के सीमांचल में सामाजिक उन्माद फैलाने से पहले ही हमने भाजपा के झूठ का पर्दाफाश कर दिया था, जिससे अमित शाह को सीमांचल में माहौल बिगाड़ने का मौका ही नहीं मिला। प्रवक्ता नीरज कुमार ने बताया पूर्णिया में रैली को संबोधित करते हुए अमित शाह ने कहा कि सीमांचल के लोग डरे हुए हैं जबकि नीरज कुमार कुमार ने अमित शाह के इस दावे की सच्चाई बताते हुए कहा कि सरकारी आंकड़ों के मुताबिक सीमांचल क्षेत्र में न केवल बिहार के अन्य हिस्सों से बल्कि पड़ोसी राज्य उत्तर प्रदेश से भी सबसे कम संज्ञेय अपराध है।
एक संवाददाता सम्मेंलन कर प्रवक्ता नीरज कुमार ने पलटवार करते हुए कहा कि अमित शाह ने दावा किया कि नीतीश कुमार ने राजद से हाथ मिलाकर अपनी राजनीतिक विचारधारा से समझौता किया है, जबकि जयप्रकाश नारायण, राममनोहर लोहिया, कर्पूरी ठाकुर और बी0पी0 मंडल जैसे समाजवादी राजनीतिक दिग्गजों की छत्रछाया में एक ही विचारधारा के साथ नीतीश कुमार और लालू यादव दोनों ही राजनीति में आए।
जेपी आंदोलन में दोनों ने तत्कालीन सरकार के अधिनायक वादी रवैये का जमकर विरोध किया व जेपी आंदोलन में अहम भूमिका निभाई। और एक बार फिर से अमित शाह और नरेंद्र मोदी की बढ़ती तानाशाही के विरोध में दोनों एक साथ आ गए हैं। जबकि जेपी के नेतृत्व में समाजवादी आंदोलन में शामिल होने वाली भाजपा ने अपनी विचारधारा के साथ समझौता कर के हिंदुत्व चुना। बीजेपी ने सत्ता में बने रहने के लिए जातिगत जनगणना, उच्च जनसंख्या वृद्दि और जनसंख्या नियंत्रण कानून जैसे कई मुद्दों पर नीतीश कुमार और समाजवादी विचारधारा के साथ समझौता किया। बिहार में भाजपा नेतृत्व इन मुद्दों पर हमेशा विवादास्पद बयान देता रहता है जबकि इसके उलट डाॅ0 संजय जायसवाल ने नीतीश कुमार के शिक्षा, स्वास्थ्य और जागरूकता के द्वारा जनसंख्या नियंत्रण के मॉडल को स्वीकार किया। लेकिन गिरिराज सिंह जैसे भाजपा नेता इसके विपरीत उल-जलूल बयान देते रहते हैं। एक ही पार्टी में एक ही मुद्दे पर दो तरह के विपरीत बयान?
प्रवक्ता नीरज कुमार ने कहा कि अमित शाह को इतिहास पढ़ने की जरूरत है क्योंकि नीतीश कुमार पार्टी के अध्यक्ष के रूप में श्रद्धेय जाॅर्ज फर्नांडीस जी को हटाकर खुद अध्यक्ष नहीं बने थे । अमित शाह ने झूठ बोल रहे हैं कि सीमांचल के लोगों को पलायन करने के लिए मजबूर किया जा रहा है। वहां एसटी समुदाय की आबादी में कोई कमी नहीं है। नीरज कुमार ने कहा कि बीजेपी की झूठ मशीन आईटी सेल ने बिना सच्चाई जाने शाह का भाषण तैयार किया।
पार्टी प्रवक्ता नीरज कुमार ने अमित शाह के 135 लाख करोड़ के पैकेज के झूठे दावे पर जवाब देते हुए कहा कि वर्तमान राष्ट्रीय अध्यक्ष माननीय ललन सिंह जी द्वारा उन्हें विधान परिषद में दिए गए स्पष्टीकरण के संबंध में उल्लेख किया। 16 मार्च 2017 को बिहार विधान परिषद में दिए ललन जी के जवाब का जिक्र करते हुए नीरजकुमार ने दावा किया कि 2015 में मोदी 125 लाख करोड़ रुपये के पैकेज की घोषणा की थी, जिनमें में से 108665 करोड़ रुपये केंद्र सरकार द्वारा बिहार सरकार के लिए जारी किए जाने वाले पुराने फंडों की रीपैकेजिंग थी।
अमित शाह ने कहा कि मोदी सरकार ने बिहार में एक करोड़ से ज्यादा परिवारों को घर दिया है। लेकिन आंकड़ें उनके झूठ को बेनकाब कर देते हैं। सच्चाई ये है कि 2010 से 2022 तक 51 लाख परिवारों को ही घर निर्माण के लिए फंड मिला, जिसमें यूपीए सरकार द्वारा इंदिरा आवास योजना नहीं शामिल है।
अमित शाह पूर्णिया में एयरपोर्ट बनाने की बात भी कर रहे थे। लेकिन सवाल यह है कि उस हवाई अड्डे का उपयोग कौन कर रह है? दरभंगा के बीच हवाई यात्रा का अनियंत्रित किराया लोगों की पहुंच से बाहर है। दरभंगा और दिल्ली के बीच एक तरफ का किराया 25-30 हजार तक हो गया है। कल्पना कीजिए कि एक आम आदमी इतने महंगे किराए के साथ यात्रा कर सकता है? इस हवाई अड्डे का उपयोग केवल अमित शाह और इस देश के अब तक के सबसे महंगे प्रधानमंत्री द्वारा ही किया जाएगा। नीरज कुमार ने कहा कि अमित शाह नीतीश सरकार द्वारा किए गए कार्यों का हिसाब मांग रहे हैं। कितनी अजीब बात है क्योंकि उन्हें मोदी सरकार द्वारा बनाए गए सीमांचल में एक पुल याद है लेकिन बिहार सरकार के द्वारा बनाए गए 121 पुल वह भूल जाते हैं। सीमा सुरक्षा के लिए बनी डीबी 50 सड़क जो सीमा सुरक्षा के साथ-साथ 16 जिले की पंचायतें के लिए सुविधाजनक साबित हो रही इसके बारे में कुछ नहीं पता। मोदी सरकार ही है, जिसने नीतीश सरकार की जल नल योजना जैसे कई विकास कार्यक्रमों की नकल की। नीतीश पर आरोप लगाते हुए इन्हें शर्म आनी चाहिए।
पार्टी के युवा नेता अनु प्रिया ने कहा कि एक युवा होने के नाते मैं उम्मीद कर रही थी कि देश के गृह मंत्री सीमांचल के लिए कम से कम एक केंद्रीय विश्वविद्यालय की घोषणा करेंगे लेकिन इसके बजाय उन्होंने एपीजे अब्दुल कलाम कृषि काॅलेज का श्रेय लेने की कोशिश की जबकि एपीजे अब्दुल कलाम कृषि काॅलेज पूरी तरह से बिहार सरकार द्वारा निर्मित और संचालित है जिसकी घोषणा 2013 में बिहार सरकार ने की थी, जो 2017 में बनकर तैयार हुआ। । 2018 में नीतीश सरकार द्वारा इसमें मत्स्य पालन की पढ़ाई प्रारंभ कर दिया गया। साथ ही साथ पशु विज्ञान की पढ़ाई के लिए राज्य मंत्री परिषद से स्वीकृत ले कर 2023 से पढ़ाई प्रारंभ हो जायगी।