फ्लाईंग स्क्वायड्स द्वारा विभिन्न कार्यालयों का औचक निरीक्षण
विजय शंकर
पटना, 13 जुलाई । जिलाधिकारी, पटना डॉ. चन्द्रशेखर सिंह के निदेश पर आज फ्लाईंग स्क्वायड्स द्वारा विभिन्न कार्यालयों का औचक निरीक्षण किया गया। जाँच में पर्यवेक्षकीय स्तर के 05 अधिकारी एवं 32 कर्मी अनुपस्थित पाए गए। जिलाधिकारी द्वारा सभी 37 अनुपस्थित पदाधिकारियों एवं कर्मियों का आज का वेतन अगले आदेश तक अवरूद्ध करते हुए सभी से शो-कॉज किया गया है। उन्होंने कहा कि स्पष्टीकरण का जवाब यदि संतोषजनक नहीं पाया जाएगा तो लापरवाह अधिकारियों एवं कर्मियों के विरूद्ध अनुशासनात्मक तथा विभागीय कार्रवाई प्रारंभ की जाएगी।
आज प्रखंड विकास पदाधिकारी, मनेर द्वारा बाल विकास परियोजना कार्यालय, मनेर तथा प्रखंड शिक्षा कार्यालय (बीआरसी), मनेर का औचक निरीक्षण किया गया। शिक्षा कार्यालय में एक कर्मी अनुपस्थित पाए गए। प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी उपस्थित थीं। बायोमेट्रिक्स उपस्थिति प्रणाली क्रियाशील नहीं था। बाल विकास परियोजना कार्यालय, मनेर में 05 महिला पर्यवेक्षिका अनुपस्थित पायीं गईं जिसमें एक महिला पर्यवेक्षिका 11 जुलाई से तथा दूसरी महिला पर्यवेक्षिका 12 जुलाई से अनुपस्थित थीं। बाल विकास परियोजना पदाधिकारी उपस्थित थीं। यहाँ भी बायोमेट्रिक्स एटेंडेंस सिस्टम फंक्शनल नहीं पाया गया।
प्रखंड विकास पदाधिकारी, दनियावां द्वारा प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र दनियावां, बीआरसी दनियावां एवं प्रखंड कृषि कार्यालय, दनियावां का औचक निरीक्षण किया गया। प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र में 02 कर्मी अनुपस्थित पाए गए। प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी उपस्थित थे। बायोमेट्रिक्स उपस्थिति प्रणाली क्रियाशील नहीं था। बीआरसी में प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी उपस्थित नहीं थे। यहाँ 11 कर्मी भी अनुपस्थित पाए गए। बायोमेट्रिक्स एटेंडेंस सिस्टम भी बीआरसी में फंक्शनल नहीं पाया गया। प्रखंड कृषि कार्यालय, दनियावां के निरीक्षण के समय प्रखंड कृषि पदाधिकारी अनुपस्थित थे। 10ः45 पूर्वाह्न तक कृषि कार्यालय खुला हुआ नहीं था।
प्रखंड विकास पदाधिकारी, पटना सदर द्वारा प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र, सबलपुर, पटना सदर का औचक निरीक्षण किया गया। 06 कर्मी अनुपस्थित पाए गए। प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी उपस्थित थे। बायोमेट्रिक्स उपस्थिति प्रणाली क्रियाशील नहीं था।
प्रखंड विकास पदाधिकारी, पंडारक द्वारा प्रखंड सहकारिता प्रसार पदाधिकारी तथा प्रखंड पंचायत राज पदाधिकारी के साथ संयुक्त रूप से प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी, पंडारक के कार्यालय का 10ः33 बजे पूर्वाह्न औचक निरीक्षण किया गया। कार्यालय बंद पाया गया।
प्रखंड विकास पदाधिकारी, बिक्रम तथा प्रखंड पंचायत राज पदाधिकारी, बिक्रम द्वारा संयुक्त रूप से लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण विभाग (पीएचईडी) का पूर्वाह्न 11ः00 बजे औचक निरीक्षण किया गया। यहाँ सहायक अभियंता अनुपस्थित थे। बायोमेट्रिक्स उपस्थिति प्रणाली भी क्रियाशील नहीं था। प्रखंड विकास पदाधिकारी, बिक्रम तथा प्रखंड पंचायत राज पदाधिकारी, बिक्रम द्वारा संयुक्त रूप से प्रखंड मनरेगा कार्यालय का भी औचक निरीक्षण किया गया। 07 कर्मी अनुपस्थित पाए गए। मनरेगा कार्यक्रम पदाधिकारी भी अनुपस्थित थे।
जिलाधिकारी ने कहा कि अनुशासनहीनता बर्दाश्त नहीं की जाएगी। सभी अनुपस्थित पदाधिकारियों एवं कर्मियों का आज का वेतन अगले आदेश तक अवरूद्ध करते हुए उन सभी से स्पष्टीकरण किया गया है।
विदित हो कि डीएम डॉ. सिंह के निदेश पर जिला-स्तरीय, अनुमंडल-स्तरीय एवं प्रखंड-स्तरीय धावा दलों द्वारा विभिन्न कार्याेलयों का नियमित तौर पर औचक निरीक्षण किया जा रहा है। जिला-स्तरीय धावा दल में तीन सदस्य नामित हैंः- अपर जिला दंडाधिकारी (आपूर्ति), स्थापना उप समाहर्ता तथा जिला कल्याण पदाधिकारी। प्रति अनुमंडल तीन धावा दलों का गठन किया गया है। इस प्रकार 18 अनुमंडल-स्तरीय धावा दल सक्रिय है। 23 प्रखंड-स्तरीय धावा दलों का गठन किया गया है। प्रत्येक प्रखंड-स्तरीय दल में तीन पदाधिकारी तैनात किए गए हैं। जिलाधिकारी ने कहा कि इन धावा दलों द्वारा समय-समय पर विभिन्न प्रखंड-सह-अंचल कार्यालयों, आईसीडीएस कार्यालयों, स्वास्थ्य केन्द्रों, अस्पतालों, लोक सेवा केन्द्रों, निबंधन कार्यालयों सहित सभी कार्यालयों एवं शाखाओं का औचक जाँच किया जा रहा है।
ज़िलाधिकारी ने सभी कार्यालयों के नियंत्री अधिकारियों को अपने-अपने कार्यालयों में सभी कर्मियों एवं पदाधिकारियों का बायोमेट्रिक एटेंडेंस प्रणाली से उपस्थिति दर्ज कराना सुनिश्चित करने का निदेश दिया है। उन्होंने कहा कि इसका अनुपालन नहीं करने पर सख्त कार्रवाई की जाएगी।
जिलाधिकारी ने कहा कि प्रायः ऐसी शिकायतें प्राप्त होती रहती है कि अनुमंडल, प्रखंड, अंचल कार्यालयों तथा अनुमंडलीय अस्पतालों एवं प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों में पदस्थापित पदाधिकारी, चिकित्सक एवं कर्मचारीगण समय पर कार्यालय/अस्पताल में उपस्थित नहीं रहते हैं। इससे न केवल कार्यालय की कार्य-संस्कृति पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है बल्कि आम लोगों को भी काफी असुविधा होती है। उन्होंने कहा कि आधिकारिक कर्तव्यों पर पदाधिकारियों एवं कर्मियों की समय से उपस्थिति अच्छी कार्य-संस्कृति की पहली आवश्यकता है। समय पर कार्यालय नहीं आना सरकारी सेवक के लिए निर्धारित आचरण के विरूद्ध कृत्य है। सभी कार्यालय प्रधानों को सुनिश्चित करने का निदेश दिया गया है कि उनके क्षेत्राधीन पदाधिकारी एवं कर्मी कार्यालय में निर्धारित समय पर उपस्थित रहें।
जिलाधिकारी ने कहा कि क्षेत्रीय कार्यालयों एवं अस्पतालों के जाँच के लिए पदाधिकारियों को प्राधिकृत किया गया है जो समय-समय पर यहाँ औचक निरीक्षण करेंगे तथा बायोमेट्रिक सहित उपस्थिति की जाँच करेंगे। जाँच के उपरांत निरीक्षी पदाधिकारियों द्वारा उसी दिन अपने मंतव्य के साथ प्रतिवेदन समर्पित किया जाएगा। अनुपस्थित पदाधिकारियों, चिकित्सकों एवं कर्मियों के विरूद्ध विधि-सम्मत सख्त कार्रवाई की जाएगी।