विशेषज्ञों ने द्विपक्षीय रणनीतिक साझेदारी के कतिपय पहलुओं पर की भविष्यवाणी
2027 के अंत तक दोनों देशों के बीच हो सकता है मुक्त व्यापार द्विपक्षीय समझौता
By SHRI RAM SHAW (श्री राम शॉ)
नई दिल्ली : अमेरिका में 20 जनवरी को डोनाल्ड ट्रंप के राष्ट्रपति पद के शपथ ग्रहण से पहले प्रख्यात राजनयिकों और विशेषज्ञों ने वाशिंगटन में नए प्रशासन के तहत भारत और अमेरिका के बीच आर्थिक, रक्षा और रणनीतिक संबंधों में मजबूती की भविष्यवाणी की है। साथ ही चीन से साझा चुनौती से निपटने के लिए सहयोग को गहरा करने की आवश्यकता पर बल दिया है।
आर्थिक संबंधों के भविष्य पर आशावादी टिप्पणी करते हुए यूएस-इंडिया स्ट्रेटेजिक पार्टनरशिप फोरम के अध्यक्ष व सीईओ मुकेश अघी ने द्विपक्षीय मुक्त व्यापार समझौते (एफटीए) के लिए बातचीत में तेजी लाने की वकालत की और साथ ही क्वाड सदस्यों के बीच भी एफटीए की वकालत की। उन्होंने कहा कि भारत को इस प्रक्रिया को आगे बढ़ाने और क्वाड के भीतर अपनी स्थिति का लाभ उठाने में “बहुत सक्रिय भूमिका निभानी चाहिए”।
उन्होंने कहा, “यदि आप प्रत्यक्ष व्यापार समझौता नहीं चाहते हैं, तो आइए चार क्वाड देशों के बीच एफटीए करने और एक साझा बाजार बनाने पर ध्यान केंद्रित करें।” उन्होंने तर्क दिया कि यह रणनीति भारत को क्वाड की संयुक्त आर्थिक ताकत का लाभ उठाने की अनुमति देगी, जिसका अनुमान 35 ट्रिलियन डालर है। इससे बाहरी चुनौतियों के खिलाफ आपसी विकास और लचीलापन बढ़ाने के लिए एक शक्तिशाली ब्लाक का निर्माण होगा।
उन्होंने कहा, “भारत के लिए यह उन अमेरिकी कंपनियों से निवेश आकर्षित करने का सुनहरा अवसर प्रदान करता है जो चीनी विनिर्माण केंद्रों के विकल्प की तलाश कर रही हैं। भारत में एप्पल के विस्तार जैसी सफलता की कहानियां इस बात का उदाहरण हैं कि लक्षित नीतियां किस तरह प्रत्यक्ष विदेशी निवेश को प्रोत्साहित कर सकती हैं।”
भारत-अमेरिका रणनीतिक साझेदारी के कतिपय पहलुओं पर ट्रंप के राष्ट्रपति पद के प्रभाव के बाबत शिकागो स्थित भारतीय-अमेरिकी उद्योगपति और ट्रम्प अभियान के प्रमुख दानकर्ता शलभ कुमार ने कहा, “नए ट्रम्प प्रशासन को एक स्पष्ट दृष्टि, समुचित और लक्षित प्रबंधन के साथ आगे बढ़ना होगा। 2027 के अंत तक अमेरिका और भारत के बीच एक मुक्त व्यापार द्विपक्षीय समझौता हो सकता है।”
वैश्विक मामलों पर केंद्रित एक प्रमुख थिंक टैंक – सेंटर फ़ार ग्लोबल इंडिया इनसाइट्स के सीईओ मनीष चंद ने कहा, “प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राष्ट्रपति पद के लिए चुने गए ट्रंप के बीच व्यक्तिगत तालमेल को देखते हुए हम उम्मीद कर सकते हैं कि ट्रंप के दूसरे कार्यकाल में भारत-अमेरिका रणनीतिक साझेदारी नई ऊंचाइयों को छुएगी।”
उन्होंने कहा, “यूरोप और मध्य-पूर्व तथा लैटिन अमेरिका जैसे कुछ क्षेत्रों में ट्रंप को लेकर चिंता अधिक है, जबकि भारत में अमेरिका के राष्ट्रपति पद के लिए चुने गए ट्रंप को व्यापक स्वीकृति मिल रही है। हालांकि, व्यापार शुल्क और एच1बी वीजा के क्षेत्रों में संभावित व्यवधान होने की आशंका को भी खारिज नहीं किया जा सकता है। इन दो विवादास्पद मुद्दों से उत्पन्न होने वाले तनाव के लिए दोनों पक्षों को त्वरित कूटनीति अपनानी होगी और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को इससे कुशलतापूर्वक निपटने की आवश्यकता होगी।”
व्यापार और निवेश में वृद्धि के मद्देनजर भारत के लिए ड्रोन बनाने वाली एक प्रमुख अमेरिकी कंपनी जनरल एटामिक के सीईओ विवेक लाल ने भी ट्रंप के दूसरे कार्यकाल में भारत-अमेरिकी रक्षा संबंधों के स्वरूप पर सकारात्मक टिप्पणी की। उन्होंने आने वाले दिनों में रक्षा स्टार्ट-अप के बीच बढ़ते सहयोग पर प्रकाश डालते हुए कहा, “अमेरिका-भारत रक्षा गलियारा में प्रगति जारी रहेगी। आने वाले महीनों और वर्षों में हम समान विचारधारा वाले सहयोगियों के बीच साझा परिचालन प्रणालियों के संदर्भ में बहुत अधिक सामंजस्य देखेंगे।”