विजय शंकर
पटना । रविवार को कांग्रेस के द्वारा सोशल मीडिया पर चल रहे बिहार की बात कार्यक्रम के तहत कांग्रेस महासचिव रणदीप सिंह सुरजेवाला ने सबसे पहले नए बिहार निर्माण को लेकर बिहार वासियों से अपील किया फिर भाजपा जदयू सरकार पर जनहित से जुड़े सवालों की झड़ी लगा दी और आखरी में महागठबंधन तथा एनडीए में फर्क को समझाया।
उन्होंने कहा कि एक नई सरकार का गठन बिहार में होना है, एक टायर्ड और एक रिटायर्ड सरकार को वापिस लाने की या फिर एक नई ताज की, एक नई दृष्टि, एक नई सोच, एक नई स्फूर्ति के साथ महागठबंधन की सरकार बनाने की ? फैसला आपको करना है।
फैसला आप करेंगे कि आपको किस प्रकार की सरकार चाहिए। वो चाहें जिन्होंने 780 हफ्ते या 15 साल तक आपको छाला अच्छी सरकार के वादे को लेकर, या वो चाहिए जो 5 साल के लिए आपका विश्वास चाहते हैं?
हम ये कहते हैं कि नए बिहार के निर्माण का हमें 5 साल के लिए मौका दीजिए उन्हें 15 साल मौका दिया।
महागठबंधन की सरकार क्या करेगी और अब तक क्या हुआ ? दोनों बातों के आकलन की जरूरत हैं।
एक तरफ वो थकी हुई सरकार है जब पटना डूब रहा था तो डिप्टी चीफ मिनिस्टर सुशील मोदी हाफ पेंट में पुल के ऊपर खड़े होकर खुद को बचाने की, खुद को मदद मांगने की, खुद के परिवार को बाहर निकालने की मदद मांग रहे थे। जो लोग प्रदेश की राजधानी पटना को नहीं बचा सकते वह बिहार और बिहार का भला खाक करेंगे।
नीतीश बाबू और सुशील मोदी की जोड़ी ने बिहार को बर्बादी व बदहाली की कगार पर लाकर खड़ा कर दिया है। आप किसी भी क्षेत्र में देखिए साढे चार से पांच लाख पद खाली पड़े हैं। बिहार का बिजली बिल जितना आता है उतना तो एक परिवार कमाता भी नहीं है।
बिहार के किसान को बदहाली के कगार पर लाकर किसने खड़ा किया?
1888 रूपया क्विंटल का धान बारह 12 सौ में क्यों बिकता हैं?
700 रुपए में मक्का क्यों बिकता है ? जबकि 1750 से 1800 रुपए भाव मिलना चाहिए।
गन्ने का भाव मिलता ही क्यों नहीं है?
गेहूं 1000 और 1200 में खरीदकर बिचौलिए पंजाब और हरियाणा में क्यों बेच कर आते हैं?
उद्योग और धंधे क्यों ठप पड़े हैं?
अपराधियों क्यों व्यापार बन गया है?
बच्चों के लिए शिक्षा और स्वास्थ्य नाम की कोई चिड़िया बिहार में है ही क्यों नहीं?
देश के सबसे ज्यादा गरीबी रेखा के नीचे रहने वाले लोग,सवा चार से साढ़े चार करोड़ लोग क्यों है?
मोदी सरकार ने ही बिहार की सरकार को फिसड्डी सरकार व नितीश बाबू को फिसड्डी बाबू तगमा क्यों दिया?
क्या कारण है कि अपराध सर चढ़कर बोलता है और नीतीश कुमार जी का नया नाम अपराध कुमार हो गया हैं?
क्या कारण है कि दुर्गा माता की पूजा करने वाले लोग अगर माता की प्रतिमा विसर्जन के लिए जाएं तो उन पर गोलियां चलाई जाती है?
क्या आप यह सोच सकते हैं क्या ये बिहार है जो आपको अगले 5 साल चाहिए ? या वह बिहार है जो महागठबंधन आपको देगा।
वहीं अगर महागठबंधन की सरकार बनती है तो मंत्रिमंडल की पहली बैठक में 10 लाख रोजगार देंगे यह मेरा वचन और वादा हैं। यही नहीं इसके साथ-साथ किसान का कर्जा माफ, बिजली का बिल हाफ यह मेरा वचन है हमारा करम हैं।
केजी से पीजी तक बेटियों के लिए शिक्षा मुफ्त होगी। अगर बिहार का युवक-युवती बेंगलुरु चला सकता है, गुड़गांव चला सकता है,हैदराबाद चला सकता है,आईटी हब और कॉल सेंटर चला सकता है,तो पूर्णिया मुजफ्फरपुर और पटना के अंदर यह क्यों नहीं चलाए जा सकते हैं? क्योंकि नीतीश कुमार और सुशील मोदी आपके भविष्य पर ग्रहण की तरह बैठे हैं।
साथ ही उन्होंने कहा कि भाजपा तीन ठगबंधनों में लड़ रही हैं। पर्दे के सामने है जदयू और भाजपा और पर्दे के पीछे हैं भाजपा,लोक जनशक्ति पार्टी,और दूसरे हैं भाजपा बसपा और ओवैसी। आपको निर्णय करना है छल और कपट में आना है या तरक्की और प्रगति में।
वो भय दिखाएंगे, डर दिखाएंगे,नफरत और बटवारा दिखाएंगे।
हम तरक्की,विकास,प्रगति और भविष्य का रास्ता दिखाएंगे।
महागठबंधन ही वह रास्ता है जिस पथ पर चलकर एक नए बिहार की परिकल्पना की जा सकती हैं।
और आखरी में उन्होंने कहा कि,-
आइए मिलकर एक नया बिहार बनाएं,आइए मिलकर बिहार का भविष्य बनाएं,आइए बिहार को राजनीतिक दलों से बड़ा बनाएं, आइए श्री बाबू का बिहार बनाएं,आइए युवाओं का बिहार बनाएं। किसान,दुकानदार और उद्योग का बिहार बनाएं।
और वह आप बना सकते हैं और कोई नहीं और वो तरीका है महागठबंधन,कांग्रेस महागठबंधन राजद,कांग्रेस और लेफ्ट पार्टी की सरकार।