सीएम तेजस्वी की माता राबड़ी देवी और बहन मीसा, हेमा समेत सात लोगों को बनाया आरोपी
विश्वपति
पटना। रेलवे में नौकरी के बदले जमीन और प्लैट रजिस्ट्री कराने के मामले में डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव समेत पूरे लालू परिवार की मुश्किलें बढ़ती जा रही हैं। नौकरी के बदले जमीन देने के घोटाले मामले में ईडी ने आज दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट ने आरोप पत्र दाखिल कर दिया। इस आरोप पत्र में लालू प्रसाद की एक और बेटी का नाम जुड़ गया है। ईडी ने कुल सात लोगों को आरोपी बनाया है। रेलवे में ज़मीन के बदले नौकरी से जुड़े मनी लांड्रिंग मामले में प्रवर्तन निदेशालय यानी ईडी ने राउज़ एवेन्यू कोर्ट में चार्जशीट दाखिल की है। जिसमें ईडी ने कारोबारी अमित कात्याल समेत 7 लोगों को आरोपी बनाया है। इस चार्जशीट में ईडी ने लालू प्रसाद यादव की पत्नी राबड़ी देवी, मीसा भारती, हेमा यादव और हृदयानंद चौधरी को भी आरोपी बनाया है। इसके अलावा दो कंपनियों को भी इस मामले का आरोपी बनाया गया है। ईडी ने कोर्ट में बताया कि इन चार लोगों को गिरफ्तार नहीं किया है। इस मामले में जांच जारी है। जांच में मिले तथ्यों के आधार पर आगे पूरक आरोपपत्र दाखिल किया जाएगा ।सुनवाई के दौरान ईडी ने कोर्ट को बताया कि इस मामले में 4751 पृष्ठ का आरोप पत्र दाखिल किया गया है। कोर्ट ने ईडी को आदेश दिया है कि वह चार्जशीट की ई-कॉपी भी फाइल करे। कोर्ट इस मामले की सुनवाई 16 जनवरी को करेगा। इस मामले ईडी की यह पहली चार्जशीट है जबकि सीबीआई 3 चार्जशीट दाखिल कर चुकी है। पिछले दिनों ईडी ने इस मामले में कारोबारी अमित कात्याल को गिरफ्तार किया था। अमित कात्याल से पूछताछ के दौरान ईडी को कई नई जानकारियां मिली हैं। जिसके बाद ईडी ने लालू और तेजस्वी को पूछताछ के लिए समन जारी किया है। 20 दिसंबर 2023 को ईडी ने सम्मन जारी कर लालू प्रसाद और तेजस्वी यादव को पूछताछ के लिए बुलाया था। तेजस्वी को पहली बार 22 दिसंबर 2023 को जबकि लालू प्रसाद से पूछताछ के लिए 27 दिसंबर का दिन निर्धारित किया गया था। हालांकि, ये दोनों उस दिन पेश नहीं हुए थे। इसके बाद ईडी ने फिर से समन भेजकर तेजस्वी यादव को 5 जनवरी को बुलाया था, लेकिन वे नहीं गए थे। आरोप है कि लालू प्रसाद ने रेल मंत्री रहते हुए रेलवे में नौकरी देने के बदले अपने और अपने परिवार के लोगों के नाम पर जमीन और फ्लैट की रजिस्ट्री कराई थी। सम्मन के बावजूद उनके ईडी के समक्ष नहीं प्रस्तुत होने से उनकी गिरफ्तारी की संभावना भी बढ़ती जा रही है।
उधर, प्रवर्तन निदेशालय द्वारा लैंड फॉर जॉब मामले में न्यायालय में दाखिल चार्जशीट पर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए राजद प्रवक्ता चित्तरंजन गगन ने कहा है कि अब अति की भी पराकाष्ठा हो रही है।
राजद प्रवक्ता ने कहा कि दाखिल चार्जशीट में घर के उन महिलाओं का नाम शामिल किया गया है जिनका रेलवे मंत्रालय से कोई वास्ता नहीं रहा है। यह भी अजीब मामला है कि चार्जशीट में रेलवे के किसी अधिकारी का नाम नहीं है। और इससे भी बड़ा आश्चर्य तो यह है कि जिस अमित कात्याल को सीबीआई ने गवाह बनाया है, ईडी उसे भी गिरफ्तार कर लेती है।
राजद प्रवक्ता ने कहा कि जिस मामले में 2008 में हीं कई-कई एफआईआर हो चुके थे और सीबीआई द्वारा कोई गड़बड़ी नहीं मिलने पर जिसे बंद कर दिया गया था। उसे राजनीतिक प्रतिशोध में पुनर्जीवित कर लालू जी के परिवार को परेशान और प्रताड़ित किया जा रहा है। न्यायालय में चार्जशीट दाखिल करने के साथ हीं ईडी द्वारा यह कहना की सप्लिमेंट्री चार्जशीट भी दाखिल किया जाएगा। ईडी के मंसूबों को स्पष्ट करता है। मतलब ईडी इसे खुला रखकर भविष्य में और लोगों का नाम इसमें जोड़ने का विकल्प खुला रखना चाह रही है जिसका इस्तेमाल अन्य लोगों को लोकसभा चुनाव तक उलझाए रखने और परेशान करने में कर सके।
राजद प्रवक्ता ने कहा कि राजद पहले से हीं यह कहती रही है कि अपने राजनीतिक रूप से हार मान चुकी भाजपा अपने बिरोधियों को परेशान करने एवं लोकसभा चुनाव तक उन्हें उलझाए रखने के लिए केन्द्रीय एजेंसियों का लगातार इस्तेमाल करेगी। महाराष्ट् में किए गए आपरेशन लोटस की तरह बिहार में भी भाजपा औपरेशन लोटस करना चाह रही थी जिसमें विफलता मिलने के बाद वह उपमुख्यमंत्री तेजस्वी प्रसाद यादव एवं उनके परिवार को परेशान करने के लिए केन्द्रीय एजेंसियों के पदाधिकारियों पर दबाव डालकर फर्जी मामले गढ़ रही है।