पटना जिला के 423 स्कूलों में से 243 स्कूलों में अबतक जिलाधिकारी ने किया शिक्षा संवाद

राजकीयकृत धनेश्वरी देवनन्दन कन्या उच्च माध्यमिक विद्यालय, दानापुर में शिक्षा संवाद का आयोजन हुआ; जिलाधिकारी ने वरीय पदाधिकारियों के साथ की शिरकत

डीएम ने कहाः शिक्षा में राज्य सरकार की विभिन्न योजनाओं से सामाजिक एवं आर्थिक क्षेत्र में क्रांति आयी है, हर विद्यार्थी को अपनी अभिरूचि के अनुसार उत्कृष्ट अवसर उपलब्ध है

बालिकाओं के जन्म से लेकर विवाह तक हर आयु में सहायता के लिए सरकार की योजनाएँ; आप सभी इसका फायदा अवश्य उठाएँः डीएम


विजय शंकर

पटना। जिलाधिकारी, पटना डॉ. चन्द्रशेखर सिंह ने कहा है कि बालिकाओं के जन्म से लेकर विवाह तक हर आयु में सहायता के लिए राज्य सरकार द्वारा विभिन्न योजनाओं एवं कार्यक्रमों का सफलातापूर्वक संचालन किया जा रहा है। शिक्षा क्षेत्र की योजनाओं ने सामाजिक एवं आर्थिक क्रांति लाया है। वे आज राजकीयकृत धनेश्वरी देवनन्दन कन्या उच्च माध्यमिक विद्यालय, दानापुर में आयोजित शिक्षा संवाद में अभिभावकों एवं छात्राओं को संबोधित कर रहे थे। पटना जिला के 423 स्कूलों में से 243 स्कूलों में अबतक जिलाधिकारी ने किया शिक्षा संवाद का कार्यक्रम पूरा कर लिया है ।

 

उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री बालिका साईकिल योजना, मुख्यमंत्री बालिका पोशाक योजना, नए विद्यालयों एवं अतिरिक्त वर्ग कक्षों की स्थापना, उच्च कोटि के शिक्षकों की नियुक्ति तथा मुख्यमंत्री सिविल सेवा प्रोत्साहन योजना सहित राज्य सरकार के विभिन्न कदमों ने पूरे परिदृश्य में क्रांतिकारी परिवर्तन ला दिया है। इसका अभूतपूर्व प्रभाव महिला सशक्तिकरण, बाल विवाह पर रोक एवं जनसख्या स्थिरीकरण पर दिखाई पड़ रहा है। डीएम डॉ. सिंह ने कहा कि वर्ष 2011 में महिला साक्षरता लगभग 51 प्रतिशत थी जो 22 प्रतिशत बढ़कर वर्तमान में लगभग 73 प्रतिशत हो गई है। जाति आधारित गणना में यह स्पष्ट हुआ है। उन्होंने कहा कि महिला साक्षरता में वृद्धि का सीधा संबंध जनसंख्या स्थिरीकरण से है। कुल प्रजनन दर जो पहले 4.7 था वह अभी 3 के करीब है एवं इसे जनसंख्या प्रतिस्थापन दर 2.1 के आदर्श स्तर तक लाने के लिए हमलोग प्रयासरत हैं। इसका प्रभाव प्रति व्यक्ति आय में वृद्धि एवं अन्य क्षेत्रों में भी दिखाई पर रहा है। उन्होंने कहा कि बाल विवाह एक अभिशाप है। सरकार के प्रयासों के बदौलत इसमें काफ़ी कमी आई है। आज ड्रॉपआउट रेशियो 12 प्रतिशत से घट कर 5 प्रतिशत हो गया है।

डीएम डॉ. सिंह ने कहा कि मुख्यमंत्री बालिका साईकिल योजना बच्चियों को पंख दे रही है। इसके सफल क्रियान्वयन ने सभी प्रारंभिक आशंकाओं को निर्मूल साबित किया है। इससे बच्चियों का कॉन्फिडेन्स लेवल भी बढ़ा है। उन्होंने कहा कि प्रशासन द्वारा सभी योजनाओं का पूर्ण पारदर्शिता एंव उत्तरदायित्व के साथ सफलतापूर्वक किया जा रहा है।

जिलाधिकारी ने शिक्षा संवाद की पृष्ठभूमि एवं उसके उद्देश्य पर विस्तार से प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि सरकार का यह एक महत्वपूर्ण कदम है। इसका तीन मूल उद्देश्य हैः शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए सरकार ने जितनी योजनाएँ चलायी है उसके बारे में अवेयरनेस और बढ़ाया जाए। माता-पिता, अभिभावकों एवं विद्यार्थियों में जागरूकता बढ़ाया जाए ताकि वे इसका अधिक-से-अधिक लाभ उठा सकें। 12वीं से पहले एवं 12वीं के बाद सरकार द्वारा उपलब्ध करायी गयी सुविधाओं, योजनाओं एवं कार्यक्रमों तथा अवसर की उपलब्धता के बारे में आपको विस्तृत ढंग से जानकारी दी जाए। साथ ही आप सभी से फीडबैक एवं सुझाव भी प्राप्त किया जा सके। उन्होंने कहा कि अभिभावकों एवं विद्यार्थियों को शिक्षा संवाद में प्राथमिक शिक्षा, माध्यमिक शिक्षा, उच्च शिक्षा एवं अवसर की उपलब्धता पर एक-एक कर विस्तार से बताया जा रहा है। साथ ही प्राप्त सभी सुझावों एवं फीडबैक को संकलित करते हुए जन भावना के अनुरूप लोकहित में नियमानुसार त्वरित कार्रवाई की जाएगी।

जिलाधिकारी ने कहा कि शिक्षा संवाद विद्यार्थियों एवं अभिभावकों से प्रभावी संवाद स्थापित करने में एक सशक्त माध्यम है। उन्होंने कहा कि आज बच्चों एवं बच्चियों के लिए हर क्षेत्र में समान अवसर उपलब्ध है। सरकार की योजनाओं ने शैक्षणिक परिदृश्य में आमूल-चूल परिवर्तन लाया है। उन्होंने कहा कि आपके सपनों की उड़ान को प्रोत्साहित करने के लिए सम्पूर्ण प्रशासनिक तंत्र सजग, तत्पर एवं प्रतिबद्ध है।

विदित हो कि सरकार के निदेश के आलोक में पटना जिला में शिक्षा संवाद कार्यक्रम चल रहा है। जिलाधिकारी, पटना डॉ. चन्द्रशेखर सिंह के निदेश के आलोक में जिलान्तर्गत सभी 423 उच्च माध्यमिक विद्यालयों/माध्यमिक विद्यालयों में शिक्षा संवाद के आयोजन हेतु रोस्टर का निर्धारण किया गया है तथा विद्यालयवार पदाधिकारियों को तैनात किया गया है। दिनांक 22 जनवरी, 2024 तक सभी उच्च माध्यमिक विद्यालयों/माध्यमिक विद्यालयों में शिक्षा संवाद का आयोजन किया जाएगा। आज के शिक्षा संवाद के प्रारंभ में विद्यालय के प्रभारी प्रधानाध्यापिका द्वारा जिलाधिकारी एवं अन्य अतिथियों का स्वागत किया गया। उपस्थित लोगों को शिक्षा विभाग द्वारा निर्मित एक डॉक्युमेंट्री दिखाया गया। सहायक समाहर्ता, पटना श्री वैभव द्वारा छात्राओं एवं अभिभावकों को संबोधित किया गया। उन्होंने कहा कि सरकार विद्यार्थियों के सर्वांगीण विकास के लिए प्रतिबद्ध है। आपके लिए हर क्षेत्र में अवसर उपलब्ध है। निदेशक डीआरडीए श्री अरविन्द कुमार ने विद्यार्थियों एवं अभिभावकों को शिक्षा व्यवस्था के सुदृढ़ीकरण के लिए राज्य सरकार द्वारा लागू किए गए महत्वपूर्ण योजनाओं के बारे में विस्तार से बताया। जिला शिक्षा पदाधिकारी, पटना श्री अमित कुमार द्वारा पटना जिला में विद्यार्थियों को प्रदान की जा रही सुविधाओं के बारे में विस्तार से प्रकाश डाला गया। विद्यालय के अध्ययनरत छात्राओं एवं पूर्ववर्ती छात्राओं के साथ-साथ अभिभावकों ने भी अपना-अपना अनुभव साझा किया तथा फीडबैक दिया। इन लोगों ने प्रसन्नता व्यक्त करते हुए कहा कि सरकार की योजनाओं से इनके शिक्षा तथा कैरियर के उड़ान में काफी सहायता मिली है।

जिलाधिकारी ने कहा कि यहाँ दो हजार से अधिक छात्राएँ अध्ययनरत हैं। उनकी आवश्यकता के अनुरूप जिला शिक्षा पदाधिकारी को खेल के मैदान को मानकों के अनुरूप विकसित कराकर उपलब्ध कराने का निदेश दिया गया है।

जिलाधिकारी ने हर्ष व्यक्त करते हुए कहा कि इस प्रतिष्ठित विद्यालय के विद्यार्थी उत्कृष्ट प्रदर्शन कर रहे हैं। उन्होंने उपस्थित सभी बच्चियों के सवालों का एक-एक कर जवाब दिया तथा उनके जीवन के हर क्षेत्र में सफलता प्राप्त करने की कामना के साथ उनके एक सफल नागरिक बनने का आह्वान किया।

डीएम डॉ. सिंह ने कहा कि शिक्षा के क्षेत्र में सरकार द्वारा अनेक क्रांतिकारी कदम उठाया गया है। इसका काफी सकारात्मक प्रभाव जीवन-स्तर पर पड़ा है। उन्होंने कहा कि सरकार के सुविचारित एवं वैज्ञानिक ढंग से लागू किए गए कार्यक्रमों एवं योजनाओं से सामाजिक-आर्थिक इंडिकेटर्स में गुणात्मक परिवर्तन में परिलक्षित हो रहा है। जिलाधिकारी ने कहा कि सरकार ने निष्पक्ष एवं सुचारू ढंग से तथा काफी कम समय में शिक्षकों का चयन पूरा किया है। बिहार लोक सेवा आयोग के माध्यम से तीन महीने के अंतराल में दो लाख बीस हजार से ज्यादा उच्च कोटि के शिक्षकों की नियुक्ति हुई है। बिहार लोक सेवा आयोग की अनुशंसा से अध्यापक नियुक्ति के प्रथम एवं द्वितीय चरण में माध्यमिक/उच्च माध्यमिक विद्यालयों में कुल 4,302 विषयवार शिक्षकों की नियुक्ति की गयी है। पूर्व से कुल 2,734 शिक्षक कार्यरत है। अतः अब कुल शिक्षकों की संख्या 7,036 हो गयी है। फलस्वरूप छात्र-शिक्षक अनुपात 68:01 से बढ़कर 29:01 हो गया है। डीएम डॉ. सिंह ने कहा कि यह गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के अभियान में काफी प्रभावकारी साबित होगा। उन्होंने कहा कि सभी 309 पंचायत में उच्च माध्यमिक स्तर तक की पढ़ाई की व्यवस्था है। वर्तमान में पटना जिला में 423 उच्च माध्यमिक/माध्यमिक विद्यालय है जिसमें 228 विद्यालय राज्य सरकार के नीतिगत निर्णय के आलोक में वर्ष 2013 से 2020 के बीच स्थापित किया गया ताकि हर पंचायत में उच्च माध्यमिक स्तर तक की पढ़ाई की सुविधा प्रदान की जा सके।

जिलाधिकारी द्वारा मुख्यमंत्री बालिका साईकिल योजना, मुख्यमंत्री बालक साईकिल योजना, मुख्यमंत्री किशोरी स्वास्थ्य कार्यक्रम योजना, मुख्यमंत्री बालिका प्रोत्साहन योजना (क) माध्यमिक स्तर, (ख) उच्च माध्यमिक स्तर, (ग) स्नातक स्तर; बिहार शताब्दी मुख्यमंत्री बालिका पोशाक योजना, मुख्यमंत्री कन्या उत्थान योजना, मुख्यमंत्री सिविल सेवा प्रोत्साहन योजना, मुख्यमंत्री प्रोत्साहन/छात्रवृत्ति योजना, प्री-मैट्रिक छात्रवृत्ति योजना, पोस्ट मैट्रिक छात्रवृत्ति योजना, बिहार स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड योजना, मुख्यमंत्री खाद्यान्न आपूर्ति योजना, अत्यंत पिछड़ा वर्ग छात्रावास योजना, मुख्यमंत्री उद्यमी योजना एवं अन्य जन-कल्याणकारी योजनाओं पर विस्तार से प्रकाश डाला गया। उन्होंने कहा कि सभी योजनाओं का ससमय लाभ विद्यार्थियों को प्राप्त हो इसके लिए सम्पूर्ण प्रशासनिक तंत्र सजग, तत्पर एवं प्रतिबद्ध है।

जिलाधिकारी ने कहा कि विद्यालय भवनों का निर्माण, अतिरिक्त वर्ग कक्षों का निर्माण तथा शिक्षकों की नियुक्ति ने शैक्षणिक क्षेत्र में सकारात्मक बदलाव लाया है।

डीएम डॉ. सिंह ने कहा कि आज प्रत्येक अनुमंडल में औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान(आईटीआई), प्रत्येक जिला में महिला आईटीआई, पॉलिटेक्निक कॉलेज और इंजीनियरिंग कॉलेज की स्थापना की गई है। 12वीं कक्षा उत्तीर्ण करने के बाद इन संस्थानों में प्रवेश प्राप्त कर तकनीकी क्षेत्रों में कैरियर बनाया जा सकता है। प्रत्येक अनुमंडल में एएनएम छात्रावास एवं स्कूल, जिला स्तर पर जीएनएम स्कूल एवं छात्रावास, प्रत्येक मेडिकल कॉलेज में बीएससी नर्सिंग कॉलेज स्थापित है। 12वीं पास छात्र-छात्राओं द्वारा तकनीकी एवं व्यावहारिक ज्ञान प्राप्त किया जा सकता है, जिससे उन्हें अपने कैरियर को आगे बढ़ाते हुए सरकारी एवं निजी संस्थानों में रोजगार प्राप्त होगा। सात निश्चय के तहत सरकार द्वारा बिहार स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड योजना अन्तर्गत 12वीं पास विद्यार्थियों को आगे पढ़ने के लिए चार लाख रूपये तक का ऋण उपलब्ध कराया जा रहा है। कुशल युवा कार्यक्रम के तहत युवकों एवं युवतियों को भाषा (हिन्दी एवं अंग्रेजी) ज्ञान, व्यवहार कौशल एवं बुनियादी कम्प्यूटर ज्ञान का प्रशिक्षण दिया जाता है ताकि वे एक कुशल युवा बने।

डीएम डॉ. सिंह ने कहा कि विद्यालयों में यूथ एवं यूको क्लब का गठन किया गया है। इस योजना का उद्देश्य छात्र/छात्राओं के नेतृत्व क्षमता का विकास करना एवं पर्यावरण के प्रति संवेदनशील बनाना है। इस वर्ष इस योजना के अन्तर्गत प्रत्येक माध्यमिक/उच्च माध्यमिक विद्यालय को 25,000/- रुपये की दर से राशि उपलबध कराई गई है। इसी तरह साइंस एवं मैथ क्लब का भी गठन किया गया है। इस योजना का उद्देश्य छात्र/छात्राओं में विज्ञान एवं गणित विषय में रुचि विकसित करना है। उन्हें नवाचार एवं प्रयोग करने हेतु प्रेरित करना है। इस योजना में इस वर्ष प्रत्येक माध्यमिक/उच्च माध्यमिक विद्यालयों को 5,000/- रुपये की राशि दी गयी है। आप सभी इन क्लब में सक्रिय रूप से भाग लें।

जिलाधिकारी ने कहा कि वर्ग 9 से 12वीं तक के छात्र/छात्राओं के लिए आवश्यकतानुसार विशेष कक्षाओं का संचालन अपराहन 3.30 बजे से 5.00 बजे के बीच किया जा रहा है। इस कक्षा से वैसे छात्र/छात्रा लाभान्वित हो रहे हैं, जिन्हें अपनी दक्षता में निरंतर सुधार की अभिलाषा है।

डीएम डॉ. सिंह ने अभिभावकों का आह्वान करते हुए कहा कि आप सभी अपने बच्चों को जरूर पढ़ाएँ तथा सरकार द्वारा चलायी जा रही योजनाओं का लाभ उठाएँ।

इस अवसर पर जिलाधिकारी के साथ सहायक समाहर्ता, पटना श्री वैभव, जिला शिक्षा पदाधिकारी श्री अमित कुमार, निदेशक डीआरडीए श्री अरविन्द कुमार, डीपीआरओ, पटना श्री लोकेश कुमार झा, प्रखंड विकास पदाधिकारी, शिक्षा विभाग के अन्य पदाधिकारीगण, विद्यालय के शिक्षकगण एवं अन्य उपस्थित थे।

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