नव राष्ट्र मीडिया
पटना।
पीपल नाम तुलसी अभियान के तहत आज 3 अक्टूबर को गंगा नदी के तट एलसीटी घाट पर नव कलश के साथ नीम पौधे का रोपण किया गया ।
मान्यता है कि दुर्गा शीतला माता नीम में वास करती है। नीम साक्षात शक्ति स्वरूपा हैं । दुर्गा जी की शक्ति नीम पौधे में होती है। विश्व में कल्याण एवं आम जन की रोग प्रतिरोधक शक्ति बढ़ाने में नीम का पेड़ कारगर होता है। नीम के वृक्ष पर शक्ति का निवास होता है।
मौके पर संस्था के अध्यक्ष डॉ धर्मेंद्र ने कहा कि नीम औषधि मनुष्य के सुख शांति समृद्धि एवं संतान प्राप्ति का अधिकार स्तंभ माना गया है। नीम का पौधा रोपण करने से स्वास्थ्य पर अनुकूल प्रभाव पड़ता है यानी आरोग्य की प्राप्ति होती है। जिस घर में के समीप नीम के वृक्ष होते हैं उस घर के लोग निरंतर सकारात्मक ऊर्जा प्राप्त करते है और नकारात्मक ऊर्जा दूर भागती है। नीम वैज्ञानिक रूप से जीवन के लिए अत्यधिक पूर्ण है। प्राचीन काल से ही इसे एंटीसेप्टिक की तरह इस्तेमाल होता है ।
मौके पर अन्य वक्ताओं ने भी कहा कि नीम वृक्ष विभिन्न हिस्सों में जैसे जड़ ,पते, फल, तेल दातुन आदि का औषधीय रूप में प्रयोग किया जाता है। अनेक रोगों और विषाणु जनित समस्याओं में इसका प्रयोग होता है नीम की पत्तियों में किसी भी प्रकार की संक्रामक रोगशक्ति नाशक शक्ति होती है । अनेक रोग और विषाणु जनित समस्याओं में इसका प्रयोग होता है । नीम की पत्तियों में किसी प्रकार के संक्रमण को रोक सकने की ताकत है। नीम से वातावरण शुद्ध होता है। हमें शुद्ध ऑक्सीजन की प्राप्ति होती है । नीम वृक्ष मानव के लिए प्रकृति का सबसे अनुपम उपहार है । नीम स्वास्थ्य वर्धक एवं आरोग्य प्रदान करने वाला औषधालय है ।
इसलिए सभी पर्यावरण योद्धाओं ने आम जनता से स अपील किया कि नवरात्र के इस पावन अवसर पर नीम शक्ति रुपी शीतल को अपने आसपास स्थापित करें ताकि तापमान में कमी हो और आम आम आवाम पशु पक्षी,जीव जंतु निरोग हो सके । आज के कार्यक्रम में प्रेमलता सिंह ,मीना राय, अजय सहाय ,ममता अम्बष्ट , ज्ञानवती देवी ,रंजन गुप्ता, डॉक्टर आरके ठाकुर ,विवेक सिंह आदि लोग शामिल थे।