Vijay shankar
पटना. पूर्व विधान पार्षद व भाजपा के वरिष्ठ नेता डॉ. रणबीर नंदन एक बार फिर जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह पर करारा वार किया है। डॉ. नंदन का कहना है कि ललन सिंह और उनके भोंपू नेताओं के कारण महागठबंधन में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की प्रतिष्ठा लगातार गिर रही है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को ललन सिंह और शिष्यों ने ऐसा असहाय बना दिया है कि अपनी प्रतिष्ठा के हनन पर भी वे कुछ नहीं कर पा रहे हैं। जिस कार्यक्रम में नीतीश कुमार को सामान्य, अतिथि के रूप में बुलाया जाता है, उसी कार्यक्रम में राजद के राष्ट्रीय अध्यक्ष लालू यादव जी मुख्य अतिथि होते हैं। नीतीश कुमार के ऐसे अपमान के पीछे पूरा षडयंत्र ललन सिंह की कम्पनी का ही है।
उन्होंने कहा कि एक वक्त था कि ललन सिंह और उनके जदयू के भोंपू प्रवक्ता बने शिष्य लालू यादव को होटवार जेल का कैदी बताते थकते नहीं थे। जबकि लालू यादव ने तो खुद ही कह दिया कि उसी जेल में बैठ कर उन्होंने कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अखिलेश सिंह को सांसद बनवाने की अनुशंसा सोनिया गांधी से की और बनवा भी लिया। लालू ऐसा कर सकते हैं, इस पर कोई आश्चर्य नहीं है। आश्चर्य इस बात पर है कि नीतीश कुमार ऐसे भ्रष्टाचारियों के चंगुल में आ गए हैं, और लगातार बने हुए भी हैं। बिहार की जनता ने नीतीश कुमार को भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ता हुआ योद्धा जानकर अपना भविष्य सौंपा था, लेकिन नीतीश कुमार को इन भ्रष्टाचारियों ने घेर लिया है।
डॉ. नंदन ने कहा कि सवाल तो यह भी है की जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष और राजद नेता ललन सिंह किस मुंह से अपने राजनीतिक आधार की बात करते हैं। क्योंकि यह तो जगजाहिर है कि ललन सिंह की राजनीतिक पहचान बनने की शुरुआत दिवंगत मंत्री सुधा श्रीवस्ताव के पीए के रूप में हुई थी। वे कभी भी राजनैतिक कार्यकर्ता न थे और न हो सकते हैं। आश्चर्य तो यह भी है कि ललन सिंह के शिष्य और पार्टी के भोंपू प्रवक्ता ने नीतीश को आत्मघाती बम बना दिया। स्वभावतः नीतीश जी ऐसी घेराबंदी से छटपटा रहे होंगे और इन भ्रष्टाचारियों के चंगुल से कैसे निकले इसका चिंतन कर रहे होंगे।
उन्होंने कहा कि ललन सिंह जानते हैं कि वे अपनी कुर्सी कैसे बचा सकते हैं। यह तो जगजाहिर हो चुका है कि कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष लालू की अनुकंपा से राज्यसभा में गए हैं। यही रास्ता ललन सिंह भी अपना रहे हैं और लालू यादव के इशारे पर नीतीश कुमार की प्रतिष्ठा का हनन कर रहे हैं। यही नहीं कांग्रेस और राजद को नीतीश कुमार के खिलाफ ऊर्जा पहुंचाने का काम भी ललन सिंह बखूबी कर रहे हैं। नीतीश के साथ यह कठिनाई यह है कि जिन भ्रष्टाचारियों के खिलाफ लड़कर वे बिहार की सत्ता में आए, ललन सिंह ने उन्हें उन्हीं भ्रष्टाचारियों के गोद में डाल दिया है।
डॉ. नंदन ने कहा कि बिहार में भ्रष्टाचार किस कदर बढ़ गया है कि यह सिर्फ निगरानी विभाग की कार्रवाई ही बता रही है। इसी साल जून में किशनगंज से रिश्वतखोर अभियंता पकड़ा गया। अगस्त माह में तो सीओ ही घूस लेते पकड़ा गया। जबकि फरवरी में शिक्षा विभाग का पदाधिकारी घूसखोरी में पकड़ा गया। अप्रैल माह में परिवहन विभाग में कार्यरत अवर निरीक्षक पर निगरानी ने कार्रवाई की। ऐसी दर्जनों मामले हैं, जिनमें करोड़ों के भ्रष्टाचार उजागर हो रहें हैं। लेकिन किसी जांच को आगे नहीं ले जाया गया, ताकि बड़ी मछलियां सुरक्षित रहें। यदि दम है तो निगरानी विभाग बिहार की जनता के सामने यह स्पष्ट करे कि जो पकड़े गए हैं, उनके तार किस किससे जुड़े हुए हैं। क्योंकि किसी सरकारी सेवक के घर लाखों-करोड़ों की राशि मिलती है तो सिस्टम में कितना बंटा होगा यह तो जानना होगा। लेकिन भ्रष्टाचार के इसी सिस्टम में नीतीश कुमार को ललन सिंह ने उपर से लेकर नीचे तक फंसा दिया है।
डॉ. नंदन ने जदयू नेताओं के इस आरोप पर भी खुलकर कहा है कि मौजूदा भाजपा अटल जी को याद नहीं करती। इस पर डॉ. नंदन ने कहा कि जदयू नेताओं को यह समझ नहीं आ रहा है कि अटल जी की भाजपा ही सरकार में है और उनके हर सपने को पूरा कर रही है। चाहे वो कश्मीर में एकरुपता हो या अयोध्या का राम मंदिर, हर सपने को अटल जी ने देखा था, जनता को बताया था। वो सब पूरे हो रहे हैं। कई हो चुके हैं तो कुछ पूरे होने की राह पर हैं। भारतवर्ष के लिए यह गर्व की बात है प्रधानमंत्री के पद पर माननीय नरेन्द्र मोदी जी, विराजमान हैं। देशविरोधी ताकतें उन्हें रोकने का प्रयास तो कर रही हैं लेकिन 2024 में भाजपा की सीट और बढ़ेगी। बिहार में भी भाजपा का प्रदर्शन श्रेष्ठ होगा क्योंकि बिहार की जनता भ्रष्टाचारियों नहीं राष्ट्रवादियों की सरकार चाहती है।