निजी कंपनियों-एजेंसियों को लाभ पहुंचाने के लिए नियम विरुद्ध संविदाकर्मी का स्थान्तरण कर रही सरकार

स्थानांतरण का मौखिक आदेश रद्द होने तक आंदोलन रहेगा जारी- आशीष

नवराष्ट्र मीडिया न्यूज ब्यूरो 
पटना । कार्यपालक सहायकों व कंप्यूटर ऑपरेटरों के नियम विरुद्ध स्थान्तरण किए जाने के विरोध में आक्रोशित कार्यपालक सहायक आज जमकर प्रदर्शन किया और नारेबाजी की।
बिहार राज्य कार्यपालक सहायक सेवा संघ (गोप गुट) के आह्वान पर वे सड़क पर उतर आए तथा स्थानीय बुद्ध स्मृति पार्क के समक्ष जमकर नारेबाजी व विरोध प्रदर्शन किया। साथ ही संविदाकर्मि कार्यपालक सहायक का योगदान स्थल से अलग नियम विरुद्ध तथा मौखिक स्थान्तरण बन्द करने की जोरदार मांग किया।
आज पटना जंक्शन स्थित बुद्ध स्मृति पार्क के पास कार्यपालक सहायकों के हुए विरोध प्रदर्शन का नेतृत्व संघ अध्यक्ष आशीष कुमार,ऐक्टू राज्य सचिव रणविजय कुमार ,संघ पटना जिला सचिव शशिकांत पाठक,
कोषाध्यक्ष अभिषेक आदि ने किया तथा महासंघ (गोप गुट) नेता रामबली प्रसाद व संविदा-मानदेय,नियोजित सेवाकर्मी सँयुक्त मोर्चा महासचिव शिवशंकर प्रसाद प्रदर्शन में खासतौर से शामिल थे।

प्रदर्शन के दौरान कार्यपालक सहायक तानाशाही-तुगलकी आदेश नहीं चलेगा, संविदाकर्मी का नियम विरोधी, स्थानांतरण आदेश नहीं चलेगा। निबंधन विभाग के कार्यपालक सहायकों का अवैधानिक-मौखिक स्थानांतरण बन्द करो।602 कार्यपालक सहायकों के स्थानांतरण सूची को रद्द करो ,
स्थान्तरण करना है तो सरकारी कर्मियों की तरह आर्थिक लाभ व सुविधा देना होगा आदि नारा लगाया रहे थे।

संघ अध्यक्ष आशीष कुमार की अध्यक्षता में प्रदर्शन स्थल पर हुए सभा को उक्त नेताओं ने सम्बोधित किया।

नेताओं ने सम्बोधित करते हुए नीतीश सरकार पर समविदा कर्मी विरोधी आचरण व व्यवहार अपनाने का गम्भीर आरोप लगया कहा कि सरकार पर तानाशाही कहा कि कार्यपालक सहायक सहित राज्य के किसी भी संविदाकर्मी का स्थानांतरण नहीं किया जा सकता,पदस्थापन स्थल से अन्यत्र अंतर या बाह्य जिला स्थानांतरण का कोई नियम-प्रावधान नहीं है। नेताओं ने कहा कि सामान्य प्रशाशन विभाग के संकल्प संख्या 2401,तिथि 18-07-2007 में निहित प्रावधानों व एकरारनामा के तहत संविदाकर्मी नियोजित होते है ,जिसमे स्पष्ट है कि संविदाकर्मी को स्थान्तरण नहीं किया जा सकता। अशोक चौधरी समिति रिपोर्ट में भी सरकार ने इसे कैबिनेट से मंजूर किया है (संकल्प 12534,अक्टूबर 2018) वावजूद इसके नीतीश-भाजपा सरकार निजी कंपनियों-एजेंसियों को लाभ पहुंचाने के लिए नियम विरुद्ध स्थान्तरण कर रही है। नेताओं ने कहा कि सरकार ऐसा इसलिए कर रही है ताकि कम तनख्वाह पर खटने वाले कार्यपालक सहायक बाहर जिला स्थान्तरण होने से खुद ही अपनी सेवा छोड़ देगें तब उस पद पर निजी एजेंसियों के माध्यम से वर्कर बहाल किया जा सकेगा।

नेताओं ने कहा कि कानून का राज का राग अलापने वाली नीतीश-बीजेपी सरकार में मद्य निषेध,उत्पाद एवं निबंधन विभाग (पंजीकरण) ने 25 जनवरी को शाम 6.30 बजे जिला रजिस्ट्रार को एक मेल भेजा,इस मेल में 602 सहायकों के नामों के स्थान्तरण स्थल के साथ सूची संलग्न है ।विभाग द्वारा भेजे गए मेल में स्थानांतरण सम्बन्धी कोई आदेश नहीं है और किस अधिकारी ने यह आदेश दिया है यह भी दर्ज नहीं है,एकदम फर्जी , अवैधानिक तथा नियम विरुद्ध तरीके से बिहार के विभिन्न जिला के निबंधन कार्यालयों-विभाग में कार्यरत 602 कार्यपालक सहायक व कंप्यूटर ऑपरेटर का तबादला नीचे के अधिकारी मौखिक बोल बोल कर जबरन स्थानांतरण कर रहे है।

ऐक्टू नेता रणविजय कुमार व कार्यपालक सहायक संघ अध्यक्ष आशीष कुमार ने कहा है कि जबतक यह फर्जी लगने वाला स्थानान्तरण सम्बब्धि सूची रद्द नहीं किया जाता,मौखिक बोल कर कार्यपालक सहायकों का स्थान्तरण किए जाने पर रोक नही लगता तब तक संघ अपना आंदोलन जारी रखेगा।

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