नहीं निकला कोई नतीजा, अब पांच प्रतिनिधि चुनेंगे किसान, कृषि विशेषज्ञ भी शामिल होंगे बैठक में, खालिस्तानी जुडाव का सवाल पूछने पर मिडिया से बदसलूकी
सुभाष निगम
नई दिल्ली : तीन नए कृषि कानूनों को लेकर दिल्ली के विज्ञान भवन में केंद्र सरकार और किसान संगठनों के बीच चली बैठक मंगलवार शाम को बेनतीजा खत्म हो गई। अब फिर से 3 दिसंबर को बातचीत होगी । सरकार ने किसानों से 5 पर्तिनिधि चुनने को कहा है और कहा कि एक कमिटी बनेगी जिसमें किसानों के सभी प्रतिनिधियों के साथ कृषि विशेषज्ञ भी शामिल किये जायेंगे । साथ ही देश के कृषि मंत्री समेत अन्य अधिकारी शामिल किये जायेंगे ।
वहीं, केंद्र सरकार के कृषि कानूनों के खिलाफ पंजाब और हरियाणा से आए हजारों किसानों का पिछले पांच दिनों से हल्ला बोल जारी है। राजधानी दिल्ली की सीमा पर हजारों किसान पिछले पांच दिनों से धरना पर डटे हुए हैं और आज उनके प्रदर्शन का छठा दिन है। नए कृषि कानूनों के खिलाफ उनका यह धरना सोमवार को पांचवें दिन में प्रवेश कर गया। इन कानूनों के बारे में किसानों को आशंका है कि इससे न्यूनतम समर्थन मूल्य समाप्त हो जाएगा। किसानों के प्रदर्शन की वजह से सिंघु और टिकरी बॉर्डर बंद है, वहीं गाजीपुर बॉर्डर पर ठोस बैरिकेडिंग की गई।
किसान संगठनों के साथ बैठक के बाद कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि बैठक अच्छी रही और हमने फैसला लिया है कि फिर से 3 दिसंबर को बातचीत होगी। हम चाहते थे कि एक छोटा सा समूह बनाया जाए, लेकिन किसान नेता चाहते हैं कि सभी से बातचीत हो। हमें इससे कोई समस्या नहीं है । उन्होंने कहा कि बैठक में कृषि विशेषज्ञ भी शामिल किये जायेगे जिससे किसानों का हित-अहित समझा जा सके ।
बैठक में हिस्सा लेने वाले किसानों में से एक चंदा सिंह ने कहा कि हमारा आंदोलन जारी रहेगा। हम सरकार से जरूर कुछ न कुछ वापस लेकर रहेंगे। हम फिर से सरकार से बातचीत करने के लिए वापस आएंगे ।
इस बीच किसानों से बातचीत करने गए एक मिडिया के प्रतिनिदियों के साथ आन्दोलनकारी किसानों के नेताओं ने बदसलूकी की जिससे मिडिया समूह ने नाराजगी जताई है और कहा कि किसान आन्दोलन को राजनितिक रंग देने की कोशिशे कोई दल कर रहा है और खालिस्तानी समूह भी किसानों कि खाल ओढे आन्दोलन को सह दे रहा है ।