विजय शंकर
पटना । पूर्व उप मुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने आज ट्वीट कर कहा कि किसानों को स्थानीय मंडी और देश के खुले बाजार में कहीं भी सबसे अच्छे दाम पर फसल बेचने की आजादी देने वाले कृषि कानून को लेकर ज्यादातर चिंताएँ निराधार या राजनीति प्रेरित हैं ।

केंद्र सरकार पंजाब-हरियाणा के किसानों की आशंका दूर करने में लगी है। उनके प्रतिनिधियों से सरकार का शीर्ष नेतृत्व जब पूरी गंभीरता और सहानुभूति के साथ लगातार बातचीत कर समाधान निकालने का प्रयास कर रहा है, तब पुरस्कार वापसी से दबाव बनाने की कोशिश माहौल बिगाड़ कर टकराव बढाने की नीयत जाहिर करती है।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कृषि कानून और इसकी मंशा को “गंगा की तरह पवित्र” कहा, लेकिन किसान आंदोलन की नीयत अमृतसर साहिब जैसी खालिस नहीं लगती।

उन्होंने कहा कि किसान आंदोलन को भारत-विरोध की गलत दिशा में ले जाने के लिए विदेशी फंडिंग से चलने वाले लगभग 100 छोटे-बडे संगठनों की संलिप्तता पूरे देश के लिए चिंता का विषय है। जेएनयू के वामपंथी छात्र, महाराष्ट्र का मछुआरा संघ, सीटू और एआईकेएस जैसे गैरकिसान संगठनों की भागीदारी के बाद किसानों के मुद्दे पर बिहार को जाम करने की माकपा की धमकी का एनडीए कडा राजनीतिक प्रतिरोध करेगा ।

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