बंजर भूमि पर लेमनग्रास की नई तकनीक से खेती कर खुशहाल हो रहे हैं नक्सलग्रस्त इलाके के किसान।

श्याम किशोर

बिहार के गया जिला अंतर्गत बाँकेबाज़ार प्रखंड क्षेत्र अति नक्सलग्रस्त इलाका माना जाता है। जंगल और पहाड़ों से घिरा यह इलाका झारखंड राज्य के सीमा पर अवस्थित है। इन दिनों इस इलाके में कृषि के क्षेत्र में नई क्रांति आई है। प्रखंड के सुदूरवर्ती क्षेत्र बेला के बंजर भूमि पर इन दिनों लेमनग्रास की फसल लहलहा रही है। यहां के 8 किसान एक समूह बनाकर नई शुरुआत की है। स्वयं स्वयंसेवी संस्था और सरकार की मदद से 20 एकड़ बंजर भूमि में लेमनग्रास की खेती की जा रही है। दस महीने पहले इसकी शुरुआत की गई थी। लेमनग्रास से तेल निकालने का भी काम शुरू हो गया है। सरकारी मदद से यहां पर बोरिंग की व्यवस्था की गई है। साथ ही लेमनग्रास से तेल निकालने के लिए प्लांट भी लगाया गया है। यहां के किसान बता रहे हैं कि पहले इस जमीन पर कुछ भी नहीं पैदा होता था। अब लेमनग्रास से प्रति एकड़ हरेक साल लगभग एक लाख की कमाई होती है। साथ ही बंजर और वीरान दिखने वाला यह जगह अब हरा-भरा हो चुका है। यहां के किसानों के इस नई पहल को देखते हुए अब अगल-बगल के लोग भी प्रभावित हो रहे हैं।


किसान उदय शंकर प्रसाद बताते है कि लगभग बीस एकड़ में लेमन ग्रास की खेती कर रहे है जिसमे जिला प्रशासन द्वारा भी भरपूर सहयोग किया गया है।इस पहाड़ी क्षेत्र में लेमन ग्रास की खेती की शुरुआत की गई थी जब तत्कालीन डीएम अभिषेक सिंह भी इस स्थान पर आकर निरीक्षण किये थे जिससे हम सभी किसानों को एक बल मिला था। वे बताते हैं कि लेमन ग्रास की कटाई कर लगे प्लांट में हरा घास के रूप में ही डाल दिया जाता है जिसके बाद टैंक के नीचे से आग देकर वाष्प के रूप में लाल तेल निकाला जाता है ।लाल तेल की बिक्री लगभग 1500 प्रति लीटर की जाती है जिससे अच्छी आमदनी हो जाती है। लेमन ग्रास की खेती कर किसान इसलिए भी खुश हैं क्योंकि जिस जमीन पर आज खेती कर रहे हैं वह जमीन बंजर भूमि के रूप में परती रहता था क्योंकि पहाड़ी क्षेत्र होने के कारण इस बंजर भूमि पर किसी भी प्रकार का फसल नहीं लगाते थे ।आज वही बंजर भूमि पर लेमन ग्रास की खेती कर लाल इलाके के किसान लाल तेल निकालकर खुशहाल नजर आ रहे हैं। किसान उदय शंकर प्रसाद बताते हैं कि आगे भी हम लोग का योजना है कि बेहद पैमाने पर इसकी खेती कर और भी लोगों को इस से जोड़ें और इस क्षेत्र को कृषि के क्षेत्र में विकसित करें।

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