राष्ट्रीय अमन महासंघ के दिग्दर्शक, नेताजी सुभाष सेना व अमन हिंद फौज के कमांडर-इन-चीफ, प्रस्तावित नेताजी सुभाष पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक, पत्रकारिता, मीडिया, समाज और राष्ट्र सेवा से जुड़े अजीत सिन्हा ने कहा कि द कश्मीरी फाइल्स फिल्म बहुसंख्यक सनातनी हिन्दू समाज के आँख खोलने के लिये काफी है जिससे आतताइयों के चेहरे और उनकी मंशा न केवल उजागर हुई है अपितु सनातनी हिन्दू बहुसंख्यक समाज को सावधान भी कर रही है साथ में उन्हें अपने भविष्य को सुरक्षित करने के लिए जेहादियों, गद्दारों एवं देशद्रोहियों के आर्थिक बहिष्कार हेतु विवश भी कर रही है और साथ में अपनी आत्मरक्षार्थ हेतु तैयारी करने के लिए सावधान भी कर रही है। जिससे स्पष्ट होता है कि देश एक न एक दिन धर्म युद्ध की आग में झुलसेगा ही और इससे बचने के केवल दो मार्ग ही फ़िलहाल समझ में आ रहे हैं, पहली सरकार जेहादी, गद्दार और देशद्रोहियों को पहचान कर उन्हें भारतीय संविधान के अंतर्गत कड़ी से कड़ी सजा देने की व्यवस्था करे और दूसरी ओर बहुसंख्यक हिन्दू समाज को ऐसे आतताइयों के विरुद्ध आर्थिक बहिष्कार आंदोलन को और भी गति देने की जरूरत है जो कि बिल्कुल ही अहिंसात्मक है ताकि उनकी आर्थिक कमर टूटे और कमजोर हों और साथ में यह सोचने को विवश भी हों और वे अपनी भारत सहित वैश्विक इस्लामीकरण के सपनों को भूल जाएं या इस आर्थिक बहिष्कार आंदोलन के परिणाम स्वरुप तिल – तिल कर मरने को तैयार रहें।


पिछले तीन सालों से मुझ सहित अनेक राष्ट्र भक्तों द्वारा सोशल मीडिया के माध्यम से चलाई जा रही है जिसकी इनंसपीरिशन मुझे कल के वर्मा और आज के म्यांमार के विराथु जी से मिली है जिन्होंने आर्थिक बहिष्कार आंदोलन को अपने देश में अप्लाई किया और वहां के आतताइयों को म्यांमार छोड़ने पर विवश किया।
आगे अजीत सिन्हा ने कहा कि मैंने ट्विटर के माध्यम से महामहिम राष्ट्रपति, भारत से कश्मीर के हिंसा के प्रकरण के दोषियों को भारतीय संविधान के कानून के अंतर्गत कड़ी से कड़ी सजा देने की अपील की है ताकि उनके अंदर भय का वातावरण बने और भुक्तभोगियों को न्याय मिल सके। आगे मैं बंगाल में हिंसा के शिकार लोगों के न्याय हेतु जल्द ही लिखूँगा लेकिन उनके मन इतने बढ़ गये हैं कि उन्होंने अपनी गतिविधियों को बढ़ा दी है जिससे यह समझने के लिए काफी है कि उनमें किसी बात की खौफ नहीं इसलिये बहुसंख्यक सनातनी हिन्दू समाज से आग्रह है कि सावधान रहकर उन पर केवल नजर ही नहीं रखें अपितु अपनी रक्षार्थ उनसे मुकाबला करने के लिए तैयारी भी करें जिसकी इजाजत भारतीय संविधान के साथ अपनी सनातन धर्म भी देती है।

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