बिहार में टीकाकरण के लिए 65 हजार टीकाकर्मी चिह्न्ति
विजय शंकर
पटना । बिहार के स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय ने बताया कि, ‘राज्य में कोविड जैसी वैश्विक महामारी से निपटने के लिए कोविशील्ड और कोवैक्सीन की गुणवत्ता बनाये रखने के लिए जिला स्तर तक शीत श्रृखंला उपकरण (कोल्ड चेन इक्वीपमेंट) का उपयोग किया जाएगा । पांडेय ने बताया कि, ‘कोविड वैक्सीन के रख-रखाव के लिए केंद्र सरकार ने अतिरिक्त संसाधन का आवंटन किया है, जिसमें 539 डीप फ्रीजर, 432 आइस लाइंड रेफ्रिजरेटर, 8 वॉक कूलर और 2 वॉक फ्रीजर शामिल हैं । इसमें से 423 आइस लाइंड रेफ्रिजरेटर जिलों को आवंटित कर दिए गए हैं ‘। बिहार में कोरोना टीकाकरण को लेकर राजधानी से लेकर राज्य के प्रखंडों और गांवों तक में तैयारी पूरी कर ली गई है । 13 जनवरी से टीकाकरण शुरू किये जाने के संकेत केंद्र सरकार ने दे दिए हैं ।
पांडेय ने राज्य में कोविड-19 (Covid-19) से बचाव के लिए वैक्सीनेशन की पूरी तैयारी होने का दावा करते हुए कहा कि, ‘प्रथम चरण में कोविड पोर्टल पर स्वास्थ्यकर्मियों (सरकारी व गैर सरकारी) लाभार्थियों का निबंधन किया जा चुका है । टीकाकरण के लिए 65 हजार टीकाकर्मी चिह्न्ति किए गए हैं, जिनकी सेवा ली जा सकेगी.’
स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय ने कहा है कि अभी कोविड पोर्टल पर निबंधित 4 लाख 42 हजार 195 लाभार्थियों को कोरोना का टीका दिया जायेगा बिहार में कोविड जैसी वैश्विक महामारी से निपटने के लिए केंद्र से पूरी तकनीकी मदद मिल रही है। वैक्सीन के रख-रखाव के लिए केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने 980 से अधिक उपकरणों का आवंटन किया है। राज्य में अभी इन उपकरणों की कुल उपलब्धता 2600 से अधिक है।
श्री पांडेय ने आज यहां बताया कि वैक्सीन के साथ-साथ उपकरणों की उपलब्धता के बारे में केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय लगातार राज्य के स्वास्थ्य विभाग का मार्गदर्शन कर रहा है। राज्य में कोविड जैसी वैश्विक महामारी से निपटने के लिए ‘कोविशील्ड’ और ‘कोवैक्सीन’ की गुणवत्ता बनाये रखने के लिए जिला स्तर तक शीत श्रृखंला उपकरण (कोल्ड चेन इक्वीपमेंट) का उपयोग किया जायेगा। भारत सरकार से मिल रही तकनीकी सहयोग का अनुश्रवण भी किया जा रहा है।
प्रथम चरण में कोविड पोर्टल पर स्वास्थ्यकर्मियों (सरकारी व गैर सरकारी) लाभार्थियों का निबंधन किया जा चुका है। टीकाकरण के लिए 65 हजार टीकाकर्मी चिह्नित किये गये हैं, जिनकी सेवा आगे ली जा सकेगी। टीकाकरण के लिए स्थल का निर्धारण चुनाव के लिए तैयार किये गये मतदान केंद्रों के आधार पर किया गया है। प्रत्येक सत्र स्थल पर तीन कक्ष होंगे। इन सत्र स्थलों का राज्य एवं जिला स्तर के पदाधिकारियों द्वारा मानिटरिंग की जा चुकी है। वैक्सीन के रख-रखाव के लिए राज्य के सभी शीत श्रृंखला संधारण केंद्रों की मानिटरिंग इलेक्ट्रोनिकली की जाती है। इसके तहत ‘इनिंग सिस्टम है’, जो एक मोबाइल एप्लीकेशन साॅफ्टवेयर व टेंपरेचर लांगर की सहायता से वैक्सीन का स्टाॅक एवं भंडारण तापमान के बारे में सही समय की सूचना देकर तथ्यों के आधार पर निर्णय लेने में मदद करता है।
श्री पांडेय ने बताया कि वैक्सीन के रख-रखाव के लिए राज्य के प्रत्येक प्रखंड में ‘कोल्ड-चेन हैंडलर’ को प्रशिक्षित किया गया है और जिला स्तर पर भी वैक्सीन व कोल्ड चेन प्रबंधकों की तैनाती की गई है। वैक्सीनेशन के बाद यदि किसी भी लाभार्थी को कोई कष्ट हो तो इसके लिए भी सभी सत्र स्थलों पर नोडल पदाधिकारी को चिह्नित किया जा चुका है। कोविड 19 वैक्सीन के रख-रखाव के लिए मुख्यालय से जिला स्तर पर सबसे ज्यादा आवश्यकता आइस लांइड रेफ्रिजेरेटर की होती है, जिसमें दो से आठ डिग्री तापमान पर रखा जायेगा। टीकाकरण सत्र की समाप्ति के उपरांत सत्र स्थल पर टीकाकरण जनित कचड़े जैसे वैक्सिन का खाली शीशी, उपयोग के उपरांत सिरिंज इत्यादि का निस्तारण वायो वेस्ट प्रबंधन हेतु निर्धारित दिशा-निर्देश के अनुसार किया जायेगा। श्री पांडेय ने बताया कि टीकाकरण के लिए 5 सदस्यीय टीम का गठन किया गया है, जिसके द्वारा 100 लोगों को टीका दिया जायेगा। जो लोग पहले से कोविड पोर्टल पर निबंधित हैं , उन्हीं 4 लाख 42 हजार 195 लाभार्थियों को टीका दिया जायेगा। अभी राज्य स्तर पर एक टीकौषधि भंडार, क्षेत्रीय स्तर पर 10, जिला स्तर पर 38 और प्रखंड स्तर पर 630 टीकौषधि भंडार की व्यवस्था की गई है।