संजय श्रीवास्तव
एंकर। शहर के शुभ नारायण नगर स्थित शांति स्मृति संभावना आवासीय उच्च विद्यालय के जुबली हाल में शुक्रवार को पांच दिवसीय दीपोत्सव कार्यशाला का शुभारंभ हुआ। कार्यक्रम का उद्घाटन विद्यालय की प्राचार्या डॉ. अर्चना सिंह एवं निदेशक डॉ. कुमार द्विजेंद्र ने दीप प्रज्ज्वलित कर किया।इस अवसर पर डॉ. अर्चना सिंह ने कहा कि “दीपोत्सव अंधकार पर प्रकाश की विजय का प्रतीक पर्व है। इस कार्यशाला के माध्यम से बच्चे अपने हाथों से दीप, कैंडल, वंदनवार, रंगोली और अन्य साज-सज्जा की वस्तुएं बनाना सीखेंगे। यह न केवल कौशल विकास का अवसर है, बल्कि भारतीय लोकशैली और परंपरा से जुड़ने का एक माध्यम भी है।” उन्होंने कहा कि संभावना विद्यालय शिक्षा के साथ-साथ संस्कृति और परंपरा का भी संवाहक रहा है और आगे भी ऐसे आयोजनों से लोक जीवन की अमिट छाप को आने वाली पीढ़ियों तक पहुँचाने का कार्य करता रहेगा।निदेशक डॉ. कुमार द्विजेंद्र ने कहा कि “हमारी सांस्कृतिक और संस्कारिक धरोहरों को संरक्षित रखने के लिए ऐसे आयोजन अत्यंत आवश्यक हैं। कार्यशालाएं बच्चों को न केवल पारंपरिक कलाओं से जोड़ती हैं बल्कि उनमें सृजनशीलता और संवेदना का विकास भी करती हैं।”कार्यशाला में कला शिक्षक विष्णु प्रसाद और संजीव सिन्हा द्वारा छात्रों को प्रशिक्षण दिया जा रहा है। इस पांच दिवसीय कार्यशाला में लगभग 500 छात्र-छात्राएं भाग ले रहे हैं। 10 अक्टूबर से 16 अक्टूबर तक चलने वाली इस कार्यशाला में दीपावली, गोवर्धन पूजा, भैया दूज और छठ महापर्व से जुड़ी पारंपरिक वस्तुएं, लोकगीत और लोकनृत्य की भी तैयारी की जा रही है।17 अक्टूबर को कार्यशाला में बने सभी वस्तुओं का प्रदर्शन एवं सांस्कृतिक प्रस्तुति का आयोजन किया जाएगा, जिसमें छात्र-छात्राएं अपने रचनात्मक हुनर का प्रदर्शन करेंगे। गीत और नृत्य का प्रशिक्षण विद्यालय के नृत्य शिक्षक चिंटू कुमार तथा संगीत शिक्षक धर्मेंद्र कुमार, अमितेश कुमार और महेश कुमार के निर्देशन में हो रहा है।
